Glaucoma causes: ग्लूकोमा आंख से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जो लगातार लोगों को अंधेपन का शिकार बना रही है। इस बीमारी कि सबसे खतरनाक बात यह है कि इसके लक्षणों का पता नहीं चलता है और इसलिए इसे भी एक “साइलेंट किलर” बीमारी कहा जाता है। ग्लूकोमा आमतौर पर तब होता है, जब हमारी आंख की एक प्रमुख नस जिसे ऑप्टिक नर्व कहा जाता है वह क्षतिग्रस्त हो जाती है। ऑप्टिक नर्व कई अलग-अलग कारणों से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि कुछ प्रकार के योगासन भी ग्लूकोमा की स्थिति को खराब कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको 6 ऐसे ही प्रकार के योगासनों के बारे में बताने वाले हैं, जिन्हें ग्लूकोमा के मरीजों को नहीं करना चाहिए। अगर आपको या आपके घर में कोई व्यक्ति ग्लूकोमा से पीड़ित है या फिर ग्लूकोमा होने का खतरा है, तो आपके लिए यह जानकारी काफी उपयोगी हो सकती है।
योग करने से हमारे शरीर को कई अलग-अलग फायदे मिलते हैं, लेकिन कुछ गिने चुने लोगों को इस से अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर पब्लिश की गई एक रिपोर्ट्स के अनुसार एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये योगासन करने से आंख के अंदर दबाव बढ़ सकता है और ग्लूकोमा की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार इन योगासनों को करते समय आंख के अंदर दबाव बढ़ जाता है, जिसे इंट्राऑकुलर प्रेशर कहा जाता है। इंट्राऑकुलर प्रेशर बढ़ने के कारण ऑप्टिक नर्व क्षतिग्रस्त होने लगती है और इस कारण से ग्लूकोमा और ज्यादा गंभीर हो जाता है।
ग्लूकोमा का कोई जड़ से इलाज संभव नहीं है लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर इस बीमारी को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है -
अगर आपके परिवार में पहले किसी को ग्लूकोमा या आंख से संबंधित कोई अन्य समस्या है, तो आपको नियमित रूप से अपनी आंख की जांच कराते रहना चाहिए। ग्लूकोमा से किसी प्रकार के लक्षण महसूस नहीं होते हैं, इसलिए नियमित जांच की मदद से ही इसे शुरुआत में पकड़ा जा सकता है।
डॉक्टर द्वारा दी गई आंख की दवाओं जैसे आई ड्रॉप्स व खाने की टेबलेट आदि का सेवन समय पर करते रहें। समय पर दवाएं न लेना भी ग्लूकोमा जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। अगर आप पहले से ही ग्लूकोमा के मरीज हैं, तो नियमित रूप से दवाएं लेने से स्थिति को नियंत्रित रखा जा सकता है।
ग्लूकोमा के मरीजों का आंखों को सुरक्षित रखना जरूरी होता है। धूप के चश्मे व अन्य प्रोटेक्शन ग्लास आदि का इस्तेमाल करके आंख को सुरक्षित रखा जा सकता है।
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