पीलिया रोग लीवर में होता है। पीलिया फ्रांसीसी शब्द “Jaune” से आया है जिसका अर्थ पीला होता है। पीलिया आमतौर पर चेहरे से शुरू होकर पैरों की ओर बढ़ता है। यह नीचे से ऊपर की ओर ठीक होता है। यह रोग व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है। योग के द्वारा लीवर को मजबूत बनाकर पीलिया को ठीक किया जा सकता है। जब आपको पीलिया होता है तो आपको यकृत में पित्त के अतिरिक्त स्राव होता है। इससे छुटकारा पाने के लिए योग के जरिए शरीर में ऊर्जा का संचार करना चाहिए, जो पीलिया का प्राथमिक कारण है। यकृत के कार्यों को महत्वपूर्ण बनाने के लिए कुछ योग आसनों का अभ्यास किया जा सकता है।
शरीर को फिलेक्सिबल बनाने के लिए करें ये 3 आसन
धनुरासन योग उन लोगों के लिए अद्भुत काम करता है जो फैटी लीवर की बीमारी से पीड़ित हैं। यह लीवर को उत्तेजित, मजबूत और स्ट्रेच करता है। इसमें जमें वसा को शरीर के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है। इस आसन को करने के लिए आप पेट के बल लेट जाएं। दोनों हाथों को शरीर के समान्तर रखें। पैरों को पीछे की ओर मोड़ लें। अब अपने हाथों को पीछे ले जाएं और दोनों पैरों को दोनों हाथों से पकड़ लें। इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें। अंत में दोनों हाथों को खोल के अपनी प्रारंभिक स्थिति में आएं।
यह लीवर के लिए अत्यधिक फायदेमंद योग है। यह लीवर पर दबाव डालने में मदद करता है और फाइब्रोसिस, एपॉप्टोसिस, सूजन और तनाव से क्षतिग्रस्त लीवर को मजबूत और उत्तेजित करता है। इस आसन को करने के लिए दंडासन में बैठ जाएं। अपने दाएं पैर को बाएं पैर के घुटने के साइड में बाहर की ओर रखें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। अपने गर्दन कंधे और कमर को दाहिनी ओर घुमा लें। कुछ सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहें और फिर यही पूरी प्रक्रिया दूसरे पैर से करें।
उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करते हैं ये 3 आसन, नियमित करें अभ्यास
Follow us on