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योगासनों में कई ऐसे आसन हैं, जिनके नाम शायद ही आपने कभी सुने होंगे। उन्हीं आसनों में से एक है भुजपीड़ासन। जिस तरह इसका नाम बोलना कठिन है, उसी तरह इसका अभ्यास करना भी थोड़ा मुश्किल होता है। हालांकि, जो भी इसका नियमित अभ्यास करते हैं, उनका शरीर नियंत्रित रहता है। इसके साथ ही वे कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचे रहते हैं। इसे सोल्जर प्रेसिंग पोज भी कहते हैं। इसे करना इसलिए भी आसान नहीं है क्योंकि इसमें शरीर को ताकत की जरूरत पड़ती है। इसे करने से पहले यह बेहद जरूरी है कि आप किसी योग एक्सपर्ट से बात करके इसका अभ्यास करें। इसे खाली पेट करने से बचें। भुजपीड़ासन करने से शरीर लचीला होता है। इससे हाथों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, साथ ही हाथों की ताकत भी बढ़ती है।
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कैसे करें
अपने दोनों हाथों को आगे की तरफ और पैरों को पीछे की तरफ करें। कूल्हों को ऊपर की तरफ उठाएं। घुटनों को मोड़ें। दोनों पैरों को अपने हाथों के सामने लाएं। अपने दोनों हाथों के कंधों को अपने घुटनों के निचे से लाएं। हथेलियों को निचे रखें। अब अपने कूल्हों को थोड़ा नीचे की तरफ लाएं। अब अपने पूरे शरीर का भार हथेलियों पर लाएं। दोनों पैरों को आपस में जोड़कर क्रॉस बना लें। अब धीरे-धीरे अपने पैरों को पीछे की तरफ ले जाएं और अपने सिर को जमीन पर रखें। कुछ सेकेंड तक इसी अवस्था में रहें। इस प्रक्रिया को दोबारा दोहराएं। इसे भी पढ़ें- आसान से ये आसन, बढ़ाएंगे यौन शक्ति चुटकियों में
भुजपीड़ासन करने के लाभ
- शरीर का नियंत्रण बनता है। एकाग्रता भी बढ़ती है।
- कलाई, हाथ और आपके अपर बॉडी में मजबूती आती है।
- पेट में खिंचाव आता है, जिससे आपका पाचन बेहतर होता है।
- मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।
- भुजपीड़ासन से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
- नर्वस सिस्टम नियंत्रित रहता है।
- सिरदर्द दूर होता है।
कौन बरतें सावधानियां
- जिन लोगों को कलाई, कोहनी, लोअर बैक और कंधे पर दर्द या चोट हो, तो भुजपीड़ासन करने से बचना चाहिए।
- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और ब्लड प्रेशर की समस्या वालों को नहीं करना चाहिए।