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बद्ध पद्मासन एक खास प्रकार की योग मुद्रा है, जो शरीर की कई प्रमुख मांसपेशियों में लचीलापन लाने का काम करता है। बद्ध पद्मासन एक मध्यम श्रेणी की योग मुद्रा है, जिसका अभ्यास अनुभवी व शुरुआती दोनों अभ्यासकर्ता कर सकते हैं। इस योग मुद्रा का अभ्यास करने के लिए शरीर में पर्याप्त लचीलापन होना बेहद जरूरी है और इसे बलपूर्वक नहीं किया जा सकता है। बद्ध पद्मासन में शारीरिक मुद्रा कमल के बंद फूल के समान प्रतीत होती है और इसलिए अंग्रेजी में इसे “बाउंड लोटस पॉज” (Bound Lotus pose) के नाम से जाना जाता है। बद्ध पद्मासन सिर्फ शारीरिक रूप से ही नहीं मानसिक व भावनात्मक स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है।
यदि बद्ध पद्मासन योग मुद्रा को सही तकनीक के साथ और विशेष बातों का ध्यान रखते हुए किया जाए तो इससे कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं -
नियमित रूप से बद्ध पद्मासन अभ्यास करने से कूल्हे के जोड़ों में मौजूद मांसपेशियां लचीली होने लगती हैं, जिससे जकड़न जैसी समस्याएं ठीक हो जाती हैं।
बद्ध पद्मासन योग मुद्रा के दौरान कंधों की मांसपेशियों में काफी खिंचाव आता आता रहता है, जिससे कंधों मजबूत होने लग जाते हैं।
सही विधि के साथ बद्ध पद्मासन अभ्यास करने से पेट के अंदरूनी अंग उत्तेजित होकर सक्रिय रूप से काम करने लग जाते हैं, जिससे पाचन क्रिया प्रभावी रूप से काम करने लगती है।
बद्ध पद्मासन अभ्यास करने से चिंता, तनाव व अवसाद जैसे कई मानसिक विकार दूर होते हैं और साथ ही अभ्यासकर्ता के मूड में सुधार होता है।
हालांकि, बद्ध पद्मासन से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभ पूरी तरह से योगासन के तरीके और आपकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करते हैं।
यदि आप पहली बार बद्ध पद्मासन अभ्यास करने जा रहे हैं, तो निम्न चरणों का पालन करके आपको यह योग मुद्रा बनाने में मदद मिल सकती है -
इस योग क्रिया को आप अपनी क्षमता के अनुसार अवधि तक कर सकते हैं और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ सकते हैं। यदि आपको इससे संबंधित कोई भी सवाल है, तो किसी अच्छे योग प्रशिक्षक से संपर्क करें।
बद्ध पद्मासन अभ्यास आमतौर पर योग प्रशिक्षक के निगरानी में ही किया जाता है और इस दौरान निम्न सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं -
कुछ स्वास्थ्य स्थितियां हैं जिनके दौरान बद्ध पद्मासन अभ्यास करने से पहले डॉक्टर से अनुमति ले लेनी चाहिए -
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