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World Suicide Prevention Day 2022: क्या आप जानते है की भारत में 2021 में तकरीबन 1.64 लाख से भी ज़्यादा आत्महत्याएं हुई, याने की रोज़ 450 लोग अपनी जान गवा रहे है, इसमें 22 साल से लेकर 45 तक के लोग सबसे ज़्यादा शामिल है, आम तौर पर आत्महत्या का ख्याल तब आता है जब आपकी ज़िन्दगी में कुछ सही न चल रहा हो या ज़िन्दगी आपके मुताबिक न चले, लोग अक्सर डिप्रेशन में आकर आत्महत्या का कदम उठा लेते है, लेकिन क्या आप जानते है की सिर्फ डिप्रेशन ही नहीं बल्कि और कई कारणों से व्यक्ति को आत्महत्या का विचार आ सकता है.
बाईपोलर डिसऑर्डर होना
किसी भी चीज़ या बात का दिमाग पर असर होना
पर्सनालिटी डिसऑर्डर होना
किसी भी मुश्किल में अपने आपको पाना और उससे बहार न निकल पाना
बार-बारआत्महत्या की कोशिश करना
किसी भी चीज़ के बारे में अधिक सोचना और उसमे खो जाना
समाज में खुद को अलग पाना या अकेला होना
ब्रेकअप होना
किसी की मौत से उभर न पाना
अधिक शराब पीना
किसी ड्रग्स का अधिक सेवन करना
शारीरिक यौन शोषण होना
किसी बीमारी का होना जिसका कोई इलाज न हो
अचानक नौकरी से निकाल देना
समाज में बेइज़त होने पर
ऐसे में आपको आत्महत्या के ख्याल आ सकते है और आप सुसाइड करने की कोशिश कर सकते है.
अपने आप को इन ख्यालों से दूर रखे, खुश रहें, ज़िन्दगी में वो करें जिससे आपको ख़ुशी मिले, क्यों की ज़िन्दगी जीने का नाम है
सर्दियों में सिघाड़ा आसानी से मिल जाता है. लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं. यह कई गुणों से भरपूर होता है. इसे रोजाना खाने से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं.
कभी-कभी आप शरीर के निचले हिस्से में दर्द को थकान या कमजोरी के कारण होने वाला दर्द समझकर नार्मल मान लेते हैं लेकिन यह लापरवाही आपके लिए भारी पड़ सकती है. साइटिका का दर्द होने की वजह धूम्रपान, मोटापा, जेनेटिक्स, खराब लाइफ़स्टाइल हो सकते है. जानिए कुछ घरेलू उपाय जो साइटिका के दर्द को कम करने में मदद करते हैं.
आपने भी सुना होगा, पत्ता गोभी में कीड़ा होता है और वो दिमाग में घुस जाता है. इसी डर से लोग पत्ता गोभी खाना छोड़ चुके हैं. ये कीड़ा आंतों में जाने के बाद ब्लड फ्लो के साथ नसों के जरिए दिमाग तक पहुंचता है.
डेनमार्क और नीदरलैंड जैसे देशों में बच्चों में निमोनिया होने की रिपोर्ट दी गयी है।
Delhi Weather Updates: दिल्ली एनसीआर में रह रहे लोगों को प्रदूषण से राहत मिलने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। 1-2 दिन तक हुई बारिश के कारण मौसम कुछ हद तक साफ दिखा लेकिन कल से फिर आसमान में धुएं का गुबार छाया हुआ है। आज दिल्ली एनसीआर का एक्यूआई फिर से खराब श्रेणी में पहुंच गया।
बुजर्गों के लिए गठिया एक बड़ी समस्या की तरह उभरकर सामने आता है। वहीं, यंगस्टर्स में भी आर्थराइटिस की समस्या अब देखी जा रही है।