मिर्गी की बीमारी पर जागरूकता फैलाने के लिए दुनियाभर में प्रयास किए जा रहे हैं। पर्पल डे (Purple Day) जैसे आयोजनों की मदद से इस न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर से पीड़ित लोगों के प्रति अधिक संवेदनशीलता दिखाने और मिर्गी पीड़ितों को समाज में सम्मान से भरा जीवन दिलाने की कोशिश की जा रही है। जैसा कि, मिर्गी से पीड़ित लोगों को समाज में उचित सम्मान नहीं मिल पाता। खासकर जो महिलाएं इस बीमारी का शिकार हो जाती हैं उनके लिए सामान्य जीवन जीना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि, समाज में मिर्गी की मरीज महिलाओं के बारे में कई भ्रांतियां है। इसी के साथ कई सवाल भी मिर्गी पीड़ित महिलाओं (Epilepsy and Women) के बारे में अक्सर किया जाता है जैसे- क्या मिर्गी पीड़ित महिलाएं मां बन सकती हैं क्या? , उन्हें ब्रेस्टफीडिंग कराना चाहिए या नहीं? , क्या मिर्गी की दवा से दूध पीने वाले बच्चे पर भी असर पड़ता है?
मिर्गी जागरूकता पहल 2021 (Purple Day Epilepsy campaign 2021) के अवसर पर, प्रख्यात न्यूरोलॉजिस्ट्स ने मिर्गी के दौरे से जुड़े कुछ मिथकों को तोड़ा (Myths about Epilepsy )और उनके पीछे का सच बताया। वहीं इस मौके पर उन्होंने विभिन्न प्रकार की मिर्गी और उनके कारणों के बारे में भी बात की। यह लाइव सेशन आप ऑनलाइन देख सकते हैं यहां। (Myths about Epilepsy and Women)
Published: April 2, 2021 12:27 pm | Updated:April 2, 2021 1:10 pm