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हमारे भारतीय समाज में अक्सर देखा जाता है कि प्रेगनेंसी से पहले महिला की अच्छे से देखरेख की जाती है लेकिन डिलीवरी के बाद सारा फोकस बच्चे पर चला जाता है, जबकि प्रेगनेंसी के बाद भी महिला का उतना ही ख्याल रखना चाहिए जितना प्रेगनेंसी से पहले रखा जाता है। मगर ऐसा भी नहीं है कि बच्चे का ख्याल नहीं रखना है। ऐसी सिचुएशन में मां और बच्चे दोनों का ख्याल रखना चाहिए ताकि दोनों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहे।
डॉक्टर मीनाक्षी बनर्जी (सीनियर कंसल्टेंट, मधुकर रैंबो चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल) कहती हैं कि, शुरुआती 6 महीने तक बच्चे को मां का ही दूध पिलाना चाहिए। इसके कई फायदे हैं मां का दूध पीने से बच्चों की इम्युनिटी हमेशा के लिए मजबूत हो जाती है। साथ ही कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जिससे बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए फायदेमंद होती है। सिर्फ यही नहीं शिशु के स्तनपान से मां को भी ढेरों फायदे मिलते हैं।
डिलीवरी से पहले और बाद में महिलाओं को अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए साथ ही एक्सपर्ट की मदद से नियमित तौर पर हल्के व्यायाम भी करने चाहिए। हालांकि डिलीवरी के कुछ दिन तक एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए क्योंकि उसके नुकसान भी हैं। इसके अलावा परिवार की जिम्मेदारी बनती है कि महिला को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में उसकी मदद करें। इसके अलावा बच्चे के स्वास्थ्य पर निरंतर निगरानी रखने की आवश्यकता है।