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मानसून के दिनों में सबसे ज्यादा नुकसान त्वचा और पैरों को होता है पैरों से संबंधित कई समस्याएं मानसून में हो जाती हैं रास्ते में कीचड़, पानी, आर्द्रता, सीलन आदि से पैरों की त्वचा को काफी नुकसान होता है, कई बार ऑफिस जाने वालों को लगातार चिपचिपे जूते पहनने के कारण भी पैरों में दाद, खाज, खुजली, लाल चकत्ते हो जाते हैं
ब्यूटी एक्सपर्ट शहनाज हुसैन के अनुसार, मानसून में अक्सर लोग त्वचा और बालों पर ध्यान देते हैं, लेकिन मानसून में पैरों की देखभाल प्रॉपर तरीके से नहीं करते हैं। लेकिन, आप कुछ सावधानियां बरतकर पांव तथा उंगलियों के संक्रमण से होने वाले रोगों से बच सकते हैं। यदि आप मानसून में पैरों की देखभाल नहीं करेंगे, तो कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इन टिप्स को आजमाकर आप पैरों की हाइजीन का ख्याल रखें और इन्हें सुरक्षित बनाएं।
मानसून के मौसम में अत्यधिक आर्द्रता तथा पसीने की समस्या आम होती है। इस मौसम में पैरों के इर्द-गिर्द के क्षेत्र में संक्रमण पैदा होता है, जिससे दुर्गंध पैदा होती है। मानसून में पैरों की देखभाल के लिए पैरों की साफ-सफाई का खास ध्यान दें।
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पसीने के साथ निकलने वाले गंदे द्रव्यों को प्रतिदिन धोकर साफ करना जरूरी होता है, ताकि दुर्गंध को रोका जा सके, इससे पैर दिन भर साफ-सुथरे और फ्रेश रहते हैं।
मानसून में पैरों की देखभाल के लिए सुबह नहाते समय पैरों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। पैरों को धोने के बाद उन्हें अच्छी तरह सूखने दें तथा उसके बाद पैरों की उंगलियों के बीच टैलकम पाउडर का छिड़काव करें।
बारिश में बंद जूते पहनते हैं तो जूतों के अंदर टैलकम पाउडर छिड़क दें। बरसात के मौसम के दौरान स्लिपर तथा खुले सैंडिल पहनें। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे पांवों में हवा लगती रहती है तथा पसीने को सूखने में भी मदद मिलती है।