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टाइफॉइड एक बुखार (typhoid fever) है। यह लगातार एक सप्ताह से दस दिनों तक बना रहता है। टाइफॉइड होने पर शरीर का तापमान कभी बहुत ज्यादा 103-104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच जाता है, तो कभी कम हो जाता है। साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण टाइफॉइड फीवर होता है। जब आप दूषित पानी पीते हैं या दूषित भोजन करते हैं, तो टाइफॉइड होने की संभावना अधिक रहती है। टाइफॉइड में आपको शारीरिक दर्द, भूख में कमी, कमजोरी, चक्कर आने जैसा महसूस हो सकता है। यदि आपको दो-तीन दिनों से तेज बुखार है, तो डॉक्टर से जरूर दिखा लें। जांच में टाइफॉइड होने का पता चलता है, तो दवाओं के सेवन के साथ ही आप कुछ घरेलू नुस्खे (Home remedies for typhoid) भी आजमा सकते हैं...
सेब के सिरके में अम्लीय गुण होते हैं, जो टाइफॉइड के असर (Typhoid Home remedies) को कम करते हैं। इसके इस्तेमाल से टाइफॉइड का बुखार कम होने लगता है, क्योंकि पीड़ित व्यक्ति के शरीर से गर्मी जल्दी बाहर निकलती है। दस्त में भी सेब का सिरका इस्तेमाल करने से शरीर में पानी की कमी दूर होती है।
टाइफाइड बुखार होता है बार-बार तो, जानें जड़ से खत्म करने के घरेलू उपाय
लहसुन टाइफॉइड बुखार को भी कंट्रोल करता है। लहसुन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट खून साफ करता है। किडनी से अवांछित पदार्थों को बाहर निकालती है। इसे हर सुबह खाली पेट कच्चा खाना कई सेहत लाभ देता है। टाइफॉइड बुखार (garlic cures typhoid) से पीड़ित लोगों की इम्यूनिटी भी बूस्ट करती है लहसुन।
तुलसी (Tulsi) एक औषधीय पौधा है। आयुर्वेद में तुलसी का इस्तेमाल कई रोगों को दूर करने में किया जाता है। इसका उपयोग सर्दी-जुकाम, खांसी, दांतों के रोग और सांस संबंधी रोग के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। टाइफॉइड बुखार (tulsi cures typhoid fever) में पीड़ित को लहसुन देना सही होता है। कई बार पीड़ित व्यक्ति को टाइफॉइड के कारण सूजन और ज्वाइंट पेन होने लगता है। इसे ठीक करने के लिए तुलसी का सेवन करने के लिए दें। तुलसी की कुछ पत्तियों को पानी में डालकर उबालें। इस पानी को मरीज को पीने के लिए दें। तुलसी के जीवाणुरोधी गुण बैक्टीरिया हटाने में मदद करते हैं।