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Symptoms of Typhoid : बारिश के सीजन में कई तरह के संक्रमण और बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ता है। इस सीजन में टाइफाइड का खतरा (Typhoid Fever) भी काफी रहता है। कोरोनावायरस के चलते इस साल हालत और भी खराब है। क्योंकि ऐसे समय में हॉस्पिटल भी जाना खतरे से कम नहीं है। इसी वजह से जरूरी है कि पहले से ही अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। इसके साथ ही अगर किसी तरह के लक्षण दिखें, तो समय पर इलाज कराएं। ताकि गंभीर स्थिति से बचा जा सके। टाइफाइड के कुछ ऐसे लक्षण होते हैं, जिसे हम नजर अंदाज कर देते हैं। आइए जानते हैं टाइफाइड के (Symptoms of Typhoid) लक्षण-
टाइफाइड जीवाणु के कारण होता है। दूषित भोजन और पानी पीने के कारण टाइफाइड हो सकता है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि भोजन और पानी की स्वच्छता का ध्यान रखें। अगर आप अपने खान-पान का ध्यान रखते हैं, तो इसके होने का खतरा काफी कम हो जाता है। गंभीर स्थिति से बचने के लिए शुरुआत में ही इसकी पहचान (Symptoms of Typhoid) जरूरी है, ताकि घरेलू उपचार से इलाज कर लिया जाए।
यहां टाइफाइड के कुछ शुरुआती संकेत दिए गए हैं, जिन्हें आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
काफी तेज और लगातार बुखार होना टाइफाइड का पहला और सबसे प्रमुख लक्षण है। बुखार के साथ-साथ ठंड लगना और अचानक शरीर के टेम्प्रेचर में वृद्धि होना भी इसके लक्षण हैं। टाइफाइड के कारण शरीर का तापमान लगभग 104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच सकता है। अगर बुखार 4 दिनों से अधिक रहता है, तो आपको टाइफाइड होने की संभावना हो सकती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही घरेलू उपचार अपनाएं।
यदि आपको बुखार के साथ-साथ भूख भी नहीं लगती है, तो हो सकता है आपको टाइफाइड की समस्या हो। टाइफाइड में बैक्टीरिया हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर डाल सकता है, जिसके परिणाम स्वरूप हमें भूख नहीं लगती है। अगर आप कमजोर महसूस कर रहे हैं या फिर सुस्ती का एहसास कर रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर्स की सलाह लें।
टाइफाइड के लक्षणों में सिरदर्द की भी समस्या होती है। अगर बुखार के साथ-साथ आपको काफी तेज सिर दर्द हो रहा है, तो समझ जाएं कि आपको टाइफाइड की समस्या है। अधिकतर संक्रमक बीमारियों में बुखार और सिरदर्द जैसी समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि बैक्टीरिया शरीर के महत्वपूर्ण अंगो को प्रभावित कर सकता है।
तकरीबन एक हफ्ता टायफाइड रहने के बाद ऐसा देखा जाता है कि लिवर का आकार बढ़ जाता है। ये खासतौर पर बच्चों में देखने को मिलता है।
इस बीमारी के आगे बढ़ने पर सीने और पेट पर लाल रंग के चकत्ते दिखने लग जाते हैं। ये तब होते हैं जब ये बैक्टीरिया त्वचा को प्रभावित करते हैं।
इम्यूनिटी पावर कमजोर होने पर शरीर पर कोई भी वायरस अटैक कर सकता है। टाइफाइड पैदा करने वाले बैक्टीरिया शरीर की इम्यूनिटी पर हमता करता है, जिससे शरीर में सुस्ती, थकान, मतली या चक्कर इत्यादि की समस्या होने लगती है।
टायफाइड के अधिकतर मरीज़ों को दस्त और उल्टी की शिकायत होती है। अक्सर इसे आंत की समस्या समझा जाता है। लेकिन इसकी पहचान ये है कि इसमें स्टूल का रंग गहरा होता है और उसमें खून की शिकायत भी हो सकती है। साथ ही, उल्टी भी होती है।
कोरोनावायरस की रोकथाम है संभव, लेकिन इलाज के लिए वैक्सीन है बेहद जरूरी