पड़ोसी के साथ बार-बार होती है खटपट, तो अब से करें ये काम, हो जाएगी आप दोनों की दोस्ती
यहां पढ़ें पड़ोसियों से अच्छी बॉन्डिंग के लिए कुछ उपाय।
यहां पढ़ें पड़ोसियों से अच्छी बॉन्डिंग के लिए कुछ उपाय।
सामाजिक रूप से सक्रिय लोग याददाश्त और भाषा जैसे संज्ञानात्मक कौशलों में सक्रिय रहते हैं, जो उन्हें संज्ञानात्मक रूप से सक्रिय रखने में मदद करता है। हालांकि हो सकता है कि यह उनके मस्तिष्क में होने वाले बदलाव को ना रोक पाए, लेकिन संज्ञानात्मक रिजर्व लोगों को बढ़ती उम्र के प्रभावों से मुकाबला करने और डिमेंशिया के लक्षणों के सक्रिय होने को कुछ समय तक टालने में मदद कर सकता है।
अकेले रहने वाले लोगों में भावनाओं के प्रति संवेदनशीलता और प्रदर्शन की क्षमता बहुत कम होती है, जिससे ये विभिन्न मानसिक बीमारियों के शिकार बन सकते हैं।
जो लोग खुश नहीं रहते है उन पर उम्र का असर भी बहुत तेजी से होता है। उम्र का असर सबसे पहले इंसान के स्किन पर दिखता है। चेहरे की स्किन मुरझाई हुई नजर आने लगती है।
ज्यादा दोस्त होने और सामाजिक दायरा बढ़ने से दिमाग पर उम्र का असर देर से होता है।
यहां पढ़ें पड़ोसियों से अच्छी बॉन्डिंग के लिए कुछ उपाय।
सामाजिक रूप से सक्रिय लोग याददाश्त और भाषा जैसे संज्ञानात्मक कौशलों में सक्रिय रहते हैं, जो उन्हें संज्ञानात्मक रूप से सक्रिय रखने में मदद करता है। हालांकि हो सकता है कि यह उनके मस्तिष्क में होने वाले बदलाव को ना रोक पाए, लेकिन संज्ञानात्मक रिजर्व लोगों को बढ़ती उम्र के प्रभावों से मुकाबला करने और डिमेंशिया के लक्षणों के सक्रिय होने को कुछ समय तक टालने में मदद कर सकता है।
अकेले रहने वाले लोगों में भावनाओं के प्रति संवेदनशीलता और प्रदर्शन की क्षमता बहुत कम होती है, जिससे ये विभिन्न मानसिक बीमारियों के शिकार बन सकते हैं।
जो लोग खुश नहीं रहते है उन पर उम्र का असर भी बहुत तेजी से होता है। उम्र का असर सबसे पहले इंसान के स्किन पर दिखता है। चेहरे की स्किन मुरझाई हुई नजर आने लगती है।
ज्यादा दोस्त होने और सामाजिक दायरा बढ़ने से दिमाग पर उम्र का असर देर से होता है।