हिंसात्मक धमकियों का जबाव नहीं दूंगी : ट्विंकल खन्ना
ट्रोल करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, "आपने हमारे सम्मान को छुआ, हम आपकी नाक से खून बहा देंगे।"
ट्रोल करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, "आपने हमारे सम्मान को छुआ, हम आपकी नाक से खून बहा देंगे।"
न्यायाधीश मधुसूदन ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जोधपुर केंद्रीय कारागर के अंदर अपना फैसला सुनाया।
उनका कहना है कि पहले की तुलना में मीडिया और पुलिस में ज्यादा संख्या में दुष्कर्म की शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं, जो सकारात्मक संकेत है।
एनजीओ के मुताबिक, इस मामले में बच्चों के खिलाफ सबसे अधिक 15 प्रतिशत मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए। उसके बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में क्रमश: 14 और 13 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए।
उन्होंने कहा, "संसद में हमारे बच्चों के लिए एक भी दिन चर्चा नहीं होती और ना ही उनकी जरूरतों के बारे में कुछ बात होती है।"
क्या आए दिन होनेवाली ऑनलाइन ट्रोलिंग बीमार मानसिकता का संकेत है?
यह कदम उठाए जाने के बाद मेनका ने अपने सुझावों को लागू करने के लिए जावड़ेकर और एनसीईआरटी का आभार जताया।
उन्होंने कहा, "मैं और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पॉस्को) एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रखेंगे, जिसके तहत 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिए मृत्युदंड की सजा का प्रावधान हो।"
8 साल की आसिफा को मंदिर में बंधक बनाकर उसे भूखा रखा गया और नशीली दवाइयां खिलाकर उसका कई बार गैंगरेप किया गया।
रवीना ने कहा, लोकप्रिय शख्स आलोचना से नहीं डरता ।
उन्होंने कहा, "ये लोग हर किसी के साथ ऐसा करते रहते हैं और जो लोग ट्रोल्स को गंभीरता से लेते हैं, वे मूर्ख हैं।"
न्यायालय ने हालांकि कहा कि साथी के साथ ओरल सेक्स या अननैचुरल सेक्स करने को क्रूरता की श्रेणी में रखा जाएगा।
सत्यार्थी ने कहा, "हम सभी को मिलकर कोशिश करनी चाहिए कि लोगों को अपराधों के खिलाफ जागरूक किया जाए और उन्हें कानूनी व पुलिस सहायता लेने के लिए प्रेरित किया जाए। चुप बैठने से अपराधी के हौसले बढ़ते हैं। "
उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया के कारण अब चीजें बदल गई हैं। मेरा हालांकि इतने वर्षो का अनुभव कहता है कि भारतीय पुरुष डरपोक हैं।
2016 में पॉक्सो अधिनियम 2012 के तहत देश में child sex abuse के केवल 4 फीसदी मामले दर्ज हुए।
साल 2013 में एक लड़की ने आरोप लगाया था कि तेजपाल ने उसके साथ गंदी हरकत की।
सीएडब्ल्यू सेल द्वारा 2017 के अंत में जारी किए गए आंकड़ों ने महिलाओं की स्थिति की जमीनी हकीकत खोल कर रख दी है।
यह मामला 47 साल पुराना बताया जा रहा है।
ट्रोल करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, "आपने हमारे सम्मान को छुआ, हम आपकी नाक से खून बहा देंगे।"
न्यायाधीश मधुसूदन ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जोधपुर केंद्रीय कारागर के अंदर अपना फैसला सुनाया।
उनका कहना है कि पहले की तुलना में मीडिया और पुलिस में ज्यादा संख्या में दुष्कर्म की शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं, जो सकारात्मक संकेत है।
एनजीओ के मुताबिक, इस मामले में बच्चों के खिलाफ सबसे अधिक 15 प्रतिशत मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए। उसके बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में क्रमश: 14 और 13 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए।
उन्होंने कहा, "संसद में हमारे बच्चों के लिए एक भी दिन चर्चा नहीं होती और ना ही उनकी जरूरतों के बारे में कुछ बात होती है।"
क्या आए दिन होनेवाली ऑनलाइन ट्रोलिंग बीमार मानसिकता का संकेत है?
यह कदम उठाए जाने के बाद मेनका ने अपने सुझावों को लागू करने के लिए जावड़ेकर और एनसीईआरटी का आभार जताया।
उन्होंने कहा, "मैं और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पॉस्को) एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रखेंगे, जिसके तहत 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिए मृत्युदंड की सजा का प्रावधान हो।"
8 साल की आसिफा को मंदिर में बंधक बनाकर उसे भूखा रखा गया और नशीली दवाइयां खिलाकर उसका कई बार गैंगरेप किया गया।
रवीना ने कहा, लोकप्रिय शख्स आलोचना से नहीं डरता ।
उन्होंने कहा, "ये लोग हर किसी के साथ ऐसा करते रहते हैं और जो लोग ट्रोल्स को गंभीरता से लेते हैं, वे मूर्ख हैं।"
न्यायालय ने हालांकि कहा कि साथी के साथ ओरल सेक्स या अननैचुरल सेक्स करने को क्रूरता की श्रेणी में रखा जाएगा।
सत्यार्थी ने कहा, "हम सभी को मिलकर कोशिश करनी चाहिए कि लोगों को अपराधों के खिलाफ जागरूक किया जाए और उन्हें कानूनी व पुलिस सहायता लेने के लिए प्रेरित किया जाए। चुप बैठने से अपराधी के हौसले बढ़ते हैं। "
उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया के कारण अब चीजें बदल गई हैं। मेरा हालांकि इतने वर्षो का अनुभव कहता है कि भारतीय पुरुष डरपोक हैं।
2016 में पॉक्सो अधिनियम 2012 के तहत देश में child sex abuse के केवल 4 फीसदी मामले दर्ज हुए।
साल 2013 में एक लड़की ने आरोप लगाया था कि तेजपाल ने उसके साथ गंदी हरकत की।
सीएडब्ल्यू सेल द्वारा 2017 के अंत में जारी किए गए आंकड़ों ने महिलाओं की स्थिति की जमीनी हकीकत खोल कर रख दी है।
यह मामला 47 साल पुराना बताया जा रहा है।