आयुर्वेदिक तरीके से पार्किंसंस का इलाज
Parkinson disease treatment in ayurveda in hindi: आयुर्वेद की मदद से पार्किंसंस का उपचार किया जा सकता है। कुछ हर्ब्स भी पार्किंसस रोग (Herbs to cure parkinson's disease) के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
Parkinson disease treatment in ayurveda in hindi: आयुर्वेद की मदद से पार्किंसंस का उपचार किया जा सकता है। कुछ हर्ब्स भी पार्किंसस रोग (Herbs to cure parkinson's disease) के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
ऐसा दावा किया जा रहा है कि, कैप्सूल-आधारित इस स्मेल टेस्ट के इस्तेमाल से कोविड के निदान में भी मदद मिल सकती है।(New Smell Test for Covid-19)
एक्सपर्ट्स और विभिन्न रिसर्च में कहा गया है कि 21 वर्ष की उम्र में भी पार्किंसंस बीमारी हो सकती है। इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए इस वर्ष वर्ल्ड ब्रेन डे की थीम पार्किंसंस डिज़िज़ (Parkinson’s) रखी गयी है। आइए जानते हैं विस्तार से इस बीमारी के लक्षणों के बारे में-
पार्किन्सन रोग (What is parkinson's disease) एक न्यूरोडिजेनरेटिव डिसॉर्डर है, जिसके लक्षण बहुत धीरे-धीरे काफी समय में अभिव्यक्त होते हैं। इसमें मरीज की मोटर स्किल्स पर असर पड़ता है, क्योंकि इस रोग में सेंट्रल नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है।
पार्किंसंस रोगियों के लिए विशेषज्ञों द्वारा ऐसी कोई खास और विशेष आहार नहीं बताई गई है, लेकिन दिमाग के साथ-साथ संपूर्ण सेहत को बनाए रखने के लिए पार्किंसंस के मरीजों को अधिक से अधिक साबुत अनाज, सब्जियां, फल, दूध, डेयरी प्रोडक्ट्स, मांस और बीन्स जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करना चाहिए।
पार्किंसंस रोग के कुछ प्रमुख लक्षणों में हाथों, बाहों, पैरों, जबड़े और चेहरे पर कंपकंपी होना प्रमुख है। इसमें चाल धीमी होने के अलावा मरीज को चलने और संतुलन बनाने में परेशानी होती है। बीमारी जब बढ़ने लगती है तो लोग अवसाद और डिमेंशिया के भी शिकार होने लगते हैं। World Parkinson's Day पर जानते हैं इसके मुख्य कारण और इलाज।
Parkinson disease treatment in ayurveda in hindi: आयुर्वेद की मदद से पार्किंसंस का उपचार किया जा सकता है। कुछ हर्ब्स भी पार्किंसस रोग (Herbs to cure parkinson's disease) के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
ऐसा दावा किया जा रहा है कि, कैप्सूल-आधारित इस स्मेल टेस्ट के इस्तेमाल से कोविड के निदान में भी मदद मिल सकती है।(New Smell Test for Covid-19)
एक्सपर्ट्स और विभिन्न रिसर्च में कहा गया है कि 21 वर्ष की उम्र में भी पार्किंसंस बीमारी हो सकती है। इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए इस वर्ष वर्ल्ड ब्रेन डे की थीम पार्किंसंस डिज़िज़ (Parkinson’s) रखी गयी है। आइए जानते हैं विस्तार से इस बीमारी के लक्षणों के बारे में-
पार्किन्सन रोग (What is parkinson's disease) एक न्यूरोडिजेनरेटिव डिसॉर्डर है, जिसके लक्षण बहुत धीरे-धीरे काफी समय में अभिव्यक्त होते हैं। इसमें मरीज की मोटर स्किल्स पर असर पड़ता है, क्योंकि इस रोग में सेंट्रल नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है।
पार्किंसंस रोगियों के लिए विशेषज्ञों द्वारा ऐसी कोई खास और विशेष आहार नहीं बताई गई है, लेकिन दिमाग के साथ-साथ संपूर्ण सेहत को बनाए रखने के लिए पार्किंसंस के मरीजों को अधिक से अधिक साबुत अनाज, सब्जियां, फल, दूध, डेयरी प्रोडक्ट्स, मांस और बीन्स जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करना चाहिए।
पार्किंसंस रोग के कुछ प्रमुख लक्षणों में हाथों, बाहों, पैरों, जबड़े और चेहरे पर कंपकंपी होना प्रमुख है। इसमें चाल धीमी होने के अलावा मरीज को चलने और संतुलन बनाने में परेशानी होती है। बीमारी जब बढ़ने लगती है तो लोग अवसाद और डिमेंशिया के भी शिकार होने लगते हैं। World Parkinson's Day पर जानते हैं इसके मुख्य कारण और इलाज।