Hemophilia के मरीजों में मोटापा बढ़ा सकता है मुश्किलें, वेट लॉस और पोषण पाने के लिए ये उपाय करना है बेहतर
अतिरिक्त वजन घुटनों पर अधिक दबाव बनाता है जिससे ब्लीडिंग की समस्या बढ़ सकती है।
अतिरिक्त वजन घुटनों पर अधिक दबाव बनाता है जिससे ब्लीडिंग की समस्या बढ़ सकती है।
अर्थराइटिस की बीमारी ( Arthritis ) जॉइंट्स को प्रभावित करती है और इसमें, शरीर की हड्डियों के जोड़ वाले स्थानों पर सूजन और दर्द होने लगता है। कोहनी और घुटनों के अलावा उंगलियों और कलाइयों में भी यह दर्द महसूस होता है।
एक नयी स्टडी में कहा गया है कि, सुबह जल्दी जागने वाले लोगों में डायबिटीज की बीमारी का रिस्क बहुत कम होता है। (Tips to prevent diabetes )
हाल में किए गए विभिन्न रिसर्च और स्टडीज़ के परिणामों के आधार पर इस तरह के दावे एक्सपर्टस द्वारा किए जा रहे हैं। इन स्टडीज़ के अनुसार, ज़्यादा वजन वाले लोगों में दूसरों की तुलना में कई बीमारियों का रिस्क अधिक होता है। इन लोगों के शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट इम्यून सिस्टम को भी कमज़ोर करता है जिससे, बीमारियों से लड़ने में शरीर की क्षमता कम होने लगती है। (Covid-19 Vaccine Effectiveness Facts )
कोविड-19 इंफेक्शन से जुड़ी रिसर्च दुनिया भर में हो रही है। इंग्लैंड में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 से इंफेक्टेड लोगों का वजन अगर अधिक हो तो यह संक्रमण उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। इस रिपोर्ट में यह कहा गया कि कोविड-19 से हॉस्पिटल में दाखिल कराए जा रहे लोगों में से 3 चौथाई लोगों का वजन अधिक था।
यदि आप मोटापे के शिकार हैं, तो आपको कोरोनावायरस से अधिक अलर्ट होने की जरूरत है। हाल ही में फ्रांस के एक पैनडेमिक एक्सपर्ट ने कहा है कि ओबिसिटी और अधिक वजन होना, ये दोनों ही स्थितियां कोविड-19 से संक्रमित होने की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।
मोटापा या ओबिसिटी अधिकतर बीमारियों की जड़ है। मोटापे से पीड़ित लोगों में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ये स्वास्थ्य समस्याएं शरीर के लगभग हर हिस्से को प्रभावित करती हैं, जिसमें मस्तिष्क, रक्त वाहिकाएं (blood vessels), हार्ट, लिवर, पित्ताशय (gallbladder), हड्डियां और जोड़ शामिल हैं। जानिए, मोटापा से होने वाले साइड एफेक्ट्स क्या-क्या हो सकते हैं....
डॉक्टर मोटापे को स्मोकिंग से भी ज्यादा खतरनाक मानते हैं। गतिहीन और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली से बीएमआई में वृद्धि हो सकती है यानी मोटापा बढ़ता है।
हृदय रोग (cardiovascular diseases) की मुख्य वजह मोटापा है. मोटापा (obesity) की मुख्य वजह खराब खान-पान और गलत जीवनशैली. अगर आप मोटापा और खराब खान-पान को नियमित कर सकें तो हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर से खुद को बचा सकते हैं.
हाल ही में हुए शोध में यह सामने आया है कि ब्रेस्ट कैंसर और बाउल कैंसर से लड़ने में मोटापा मुश्किल खड़ी कर सकता है। जिसका डर महिलाओं में सबसे ज्यादा है।
मियामी विश्वविद्यालय में हाल ही में हुए एक शोध में इस बात का दावा किया गया है कि जो लोग मोटे होते हैं, उनमें एजिंग की रफ्तार एक दशक तक तेज हो जाती है। उनमें अल्जाइमर्स का जोखिम भी बढ़ जाता है।
महिलाओं में हाइपरटेंशन की सबसे बड़ी वजह टेंशन है। अगर आप भी छोटी-छोटी बातों की बड़ी-बड़ी टेंशन लेकर बैठ जाती हैं तो आपका ब्लड प्रेशर निश्चित रूप से अनियंत्रित हो जाएगा। तनाव को कई बीमारियों का मूल कारण माना गया है।
खानदानी शफाखाना के साथ बॉलीवुड अभिनेत्री सेक्स समस्याओं की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहती हैं। हमारे समाज में अब भी सेक्स एक टैबू है। जबकि कई समस्याएं हैं जिनसे सेक्स लाइफ प्रभावित होती है।
व्यायाम न करने और आलस्यपूर्ण जीवनशैली अपनाने वाले बच्चों में खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है बॉडी मास इंडेक्स। उनकी सेहत को ठीक रखने के लिए व्यायाम जरूरी है।
अगर शरीर ही स्वस्थ न हो तो सेक्स लाइफ का प्रभावित होना स्वभाविक है। खासतौर से महिलाएं इतने ज्यादा तनाव में रहती हैं कि एक उम्र में आकर यह उनकी सेक्स लाइफ बर्बाद कर देता है।
ऐसा देखा गया है कि डिप्रेशन या स्ट्रेस होने पर व्यक्ति सामान्य से ज्यादा खाता है, जिसके कारण उसका वजन बढ़ने लगता है। इसके अलावा कोई व्यक्ति मोटा है, तो उसे मोटापे के कारण भी डिप्रेशन हो सकता है!
जब हमारा वजन बढ़ता है, तो हमें अधिक ताकत हासिल करनी चाहिए और जब हम अपना वजन कम करते हैं, तो हमें ताकत कम करनी चाहिए. यह एक मौलिक चिकित्सा सिद्धांत है। अगर हम वजन हासिल करते हैं और कमजोर महसूस करते हैं तो यह एक बीमारी है और जब हम अपना वजन कम करते हैं और ताकत हासिल करते हैं, तो हम बीमारी से उबर जाते हैं।
भारत में मोटापे की समस्या आज चीन और अमेरिका के आंकड़ों को भी पार कर चुकी है। मोटापे के सबसे मुख्य कारण हैं खाने-पीने की गलत आदतें, गतिहीन जीवनशैली, नींद की कमी और तनाव आदि।
अतिरिक्त वजन घुटनों पर अधिक दबाव बनाता है जिससे ब्लीडिंग की समस्या बढ़ सकती है।
अर्थराइटिस की बीमारी ( Arthritis ) जॉइंट्स को प्रभावित करती है और इसमें, शरीर की हड्डियों के जोड़ वाले स्थानों पर सूजन और दर्द होने लगता है। कोहनी और घुटनों के अलावा उंगलियों और कलाइयों में भी यह दर्द महसूस होता है।
एक नयी स्टडी में कहा गया है कि, सुबह जल्दी जागने वाले लोगों में डायबिटीज की बीमारी का रिस्क बहुत कम होता है। (Tips to prevent diabetes )
हाल में किए गए विभिन्न रिसर्च और स्टडीज़ के परिणामों के आधार पर इस तरह के दावे एक्सपर्टस द्वारा किए जा रहे हैं। इन स्टडीज़ के अनुसार, ज़्यादा वजन वाले लोगों में दूसरों की तुलना में कई बीमारियों का रिस्क अधिक होता है। इन लोगों के शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट इम्यून सिस्टम को भी कमज़ोर करता है जिससे, बीमारियों से लड़ने में शरीर की क्षमता कम होने लगती है। (Covid-19 Vaccine Effectiveness Facts )
कोविड-19 इंफेक्शन से जुड़ी रिसर्च दुनिया भर में हो रही है। इंग्लैंड में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 से इंफेक्टेड लोगों का वजन अगर अधिक हो तो यह संक्रमण उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। इस रिपोर्ट में यह कहा गया कि कोविड-19 से हॉस्पिटल में दाखिल कराए जा रहे लोगों में से 3 चौथाई लोगों का वजन अधिक था।
यदि आप मोटापे के शिकार हैं, तो आपको कोरोनावायरस से अधिक अलर्ट होने की जरूरत है। हाल ही में फ्रांस के एक पैनडेमिक एक्सपर्ट ने कहा है कि ओबिसिटी और अधिक वजन होना, ये दोनों ही स्थितियां कोविड-19 से संक्रमित होने की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।
मोटापा या ओबिसिटी अधिकतर बीमारियों की जड़ है। मोटापे से पीड़ित लोगों में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ये स्वास्थ्य समस्याएं शरीर के लगभग हर हिस्से को प्रभावित करती हैं, जिसमें मस्तिष्क, रक्त वाहिकाएं (blood vessels), हार्ट, लिवर, पित्ताशय (gallbladder), हड्डियां और जोड़ शामिल हैं। जानिए, मोटापा से होने वाले साइड एफेक्ट्स क्या-क्या हो सकते हैं....
डॉक्टर मोटापे को स्मोकिंग से भी ज्यादा खतरनाक मानते हैं। गतिहीन और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली से बीएमआई में वृद्धि हो सकती है यानी मोटापा बढ़ता है।
हृदय रोग (cardiovascular diseases) की मुख्य वजह मोटापा है. मोटापा (obesity) की मुख्य वजह खराब खान-पान और गलत जीवनशैली. अगर आप मोटापा और खराब खान-पान को नियमित कर सकें तो हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर से खुद को बचा सकते हैं.
हाल ही में हुए शोध में यह सामने आया है कि ब्रेस्ट कैंसर और बाउल कैंसर से लड़ने में मोटापा मुश्किल खड़ी कर सकता है। जिसका डर महिलाओं में सबसे ज्यादा है।
मियामी विश्वविद्यालय में हाल ही में हुए एक शोध में इस बात का दावा किया गया है कि जो लोग मोटे होते हैं, उनमें एजिंग की रफ्तार एक दशक तक तेज हो जाती है। उनमें अल्जाइमर्स का जोखिम भी बढ़ जाता है।
महिलाओं में हाइपरटेंशन की सबसे बड़ी वजह टेंशन है। अगर आप भी छोटी-छोटी बातों की बड़ी-बड़ी टेंशन लेकर बैठ जाती हैं तो आपका ब्लड प्रेशर निश्चित रूप से अनियंत्रित हो जाएगा। तनाव को कई बीमारियों का मूल कारण माना गया है।
खानदानी शफाखाना के साथ बॉलीवुड अभिनेत्री सेक्स समस्याओं की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहती हैं। हमारे समाज में अब भी सेक्स एक टैबू है। जबकि कई समस्याएं हैं जिनसे सेक्स लाइफ प्रभावित होती है।
व्यायाम न करने और आलस्यपूर्ण जीवनशैली अपनाने वाले बच्चों में खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है बॉडी मास इंडेक्स। उनकी सेहत को ठीक रखने के लिए व्यायाम जरूरी है।
अगर शरीर ही स्वस्थ न हो तो सेक्स लाइफ का प्रभावित होना स्वभाविक है। खासतौर से महिलाएं इतने ज्यादा तनाव में रहती हैं कि एक उम्र में आकर यह उनकी सेक्स लाइफ बर्बाद कर देता है।
ऐसा देखा गया है कि डिप्रेशन या स्ट्रेस होने पर व्यक्ति सामान्य से ज्यादा खाता है, जिसके कारण उसका वजन बढ़ने लगता है। इसके अलावा कोई व्यक्ति मोटा है, तो उसे मोटापे के कारण भी डिप्रेशन हो सकता है!
जब हमारा वजन बढ़ता है, तो हमें अधिक ताकत हासिल करनी चाहिए और जब हम अपना वजन कम करते हैं, तो हमें ताकत कम करनी चाहिए. यह एक मौलिक चिकित्सा सिद्धांत है। अगर हम वजन हासिल करते हैं और कमजोर महसूस करते हैं तो यह एक बीमारी है और जब हम अपना वजन कम करते हैं और ताकत हासिल करते हैं, तो हम बीमारी से उबर जाते हैं।
भारत में मोटापे की समस्या आज चीन और अमेरिका के आंकड़ों को भी पार कर चुकी है। मोटापे के सबसे मुख्य कारण हैं खाने-पीने की गलत आदतें, गतिहीन जीवनशैली, नींद की कमी और तनाव आदि।