दुनियाभर में बढ़े खसरा के मामले कई गुना, इस उम्र के बच्चों को है इस बीमारी का सबसे ज्यादा रिस्क
भारत में भी खसरा (Measles cases in India) के मामले हमेशा से एक चिंता का विषय रहे हैं। साल 2023 में भी खसरा के मामले भारत में अधिक देखे गए।
भारत में भी खसरा (Measles cases in India) के मामले हमेशा से एक चिंता का विषय रहे हैं। साल 2023 में भी खसरा के मामले भारत में अधिक देखे गए।
Risk of measles outbreaks: विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक नई रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में खसरा व उससे होने वाली मौतों के मामलों में वृद्धि हो सकती है। जानें क्या है खसरा और इससे बचाव करने के क्या तरीका हैं।
आंकड़ों के अनुसार पिछले दो वर्षों में केवल समय पर मीज़ल्स की वैक्सीन ना लगने या टीके की कमी के कारण 90 लाख बच्चे बीमारी की चपेट में आ गए।
खसरे के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को निगरानी मजबूत करने की सलाह दी है। बच्चों में लगातार बढ़ रहे खसरे के मामलों की रोकथाम करने का सबसे सही तरीका क्या है।
खसरा से भारत में हो रही हैं बच्चों की मौत, जानें सारी जानकारी।
खसरा की बीमारी है जानलेवा, ऐसे बचाएं मरीज़ को।
Measles vaccine in hindi : खसरे के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी होता है लेकिन लापरवाही आपके लिए चिंता का सबब बन सकती है। आइए जानते हैं किस उम्र में बच्चों को सबसे ज्यादा खसरे का खतरा होता है।
अब महाराष्ट्र के पुणे (Pune) शहर में भी छोटे बच्चों में खसरा के मामले पाए गए हैं।
बीएमसी बुलेटिन के अनुसार 4 नवंबर से अब तक कुल 46 मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है। लोगों को अपने 9 महीने से 5 साल की उम्र के बच्चों को खसरे का टीका जरूर लगवाना चाहिए।
मुंबई महानगर पालिका ने मीजल्स के बढ़ते केसेस की संख्या को ध्यान में रखते हुए शहर में खसरे का आउटब्रेक होने की घोषणा कर दी है।
खसरा, संक्रामक वायरस के कारण होने वाला एक संक्रमित बिमारी है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फैल सकता है। जानें बचाव के उपाय।
Measles outbreak in mumbai: मुंबई में पिछले 48 घंटे के भीतर खसरा के 15 मामले सामने आए हैं। साथ ही कई इलाकों में भी यह रोग फैल गया है।
BMC के अधिकारियों के अनुसार अधिकारियों का कहना है कि इलाके में मीजल्स की बीमारी तेजी से फैल सकती है।
जिले के सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने कहा है कि विभिन्न इलाकों से आ रही शिकायतों को देखते हुए टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये जा रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीमार पड़ने और उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद शिशुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि शिशुओं को 12 जनवरी को रूबेला वैक्सीन जैब्स दिए गए थे।
दक्षिण एशिया में रूबेला और खसरा से लगभग 50 हजार मौतों को रोकना इस क्षेत्र की प्राथमिकता है, जिसे 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन खसरे को दुनियाभर से 2020 तक खत्म करना चाहता है। भारत में अभी भी यह अभियान जारी है।
देश के 12 राज्यों के 9 महीने से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को रूबेला का टीका लगवाया जायेगा।
भारत में भी खसरा (Measles cases in India) के मामले हमेशा से एक चिंता का विषय रहे हैं। साल 2023 में भी खसरा के मामले भारत में अधिक देखे गए।
Risk of measles outbreaks: विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक नई रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में खसरा व उससे होने वाली मौतों के मामलों में वृद्धि हो सकती है। जानें क्या है खसरा और इससे बचाव करने के क्या तरीका हैं।
आंकड़ों के अनुसार पिछले दो वर्षों में केवल समय पर मीज़ल्स की वैक्सीन ना लगने या टीके की कमी के कारण 90 लाख बच्चे बीमारी की चपेट में आ गए।
खसरे के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को निगरानी मजबूत करने की सलाह दी है। बच्चों में लगातार बढ़ रहे खसरे के मामलों की रोकथाम करने का सबसे सही तरीका क्या है।
अब महाराष्ट्र के पुणे (Pune) शहर में भी छोटे बच्चों में खसरा के मामले पाए गए हैं।
बीएमसी बुलेटिन के अनुसार 4 नवंबर से अब तक कुल 46 मरीजों को छुट्टी दी जा चुकी है। लोगों को अपने 9 महीने से 5 साल की उम्र के बच्चों को खसरे का टीका जरूर लगवाना चाहिए।
मुंबई महानगर पालिका ने मीजल्स के बढ़ते केसेस की संख्या को ध्यान में रखते हुए शहर में खसरे का आउटब्रेक होने की घोषणा कर दी है।
खसरा, संक्रामक वायरस के कारण होने वाला एक संक्रमित बिमारी है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फैल सकता है। जानें बचाव के उपाय।
Measles outbreak in mumbai: मुंबई में पिछले 48 घंटे के भीतर खसरा के 15 मामले सामने आए हैं। साथ ही कई इलाकों में भी यह रोग फैल गया है।
BMC के अधिकारियों के अनुसार अधिकारियों का कहना है कि इलाके में मीजल्स की बीमारी तेजी से फैल सकती है।
जिले के सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने कहा है कि विभिन्न इलाकों से आ रही शिकायतों को देखते हुए टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये जा रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीमार पड़ने और उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद शिशुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि शिशुओं को 12 जनवरी को रूबेला वैक्सीन जैब्स दिए गए थे।
दक्षिण एशिया में रूबेला और खसरा से लगभग 50 हजार मौतों को रोकना इस क्षेत्र की प्राथमिकता है, जिसे 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन खसरे को दुनियाभर से 2020 तक खत्म करना चाहता है। भारत में अभी भी यह अभियान जारी है।
देश के 12 राज्यों के 9 महीने से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को रूबेला का टीका लगवाया जायेगा।
संयुक्त राष्ट्र बालकोष (यूनिसेफ) का कहना है कि बच्चों को खसरे का टीका (वैक्सीन) नहीं दिए जाने के कारण दुनिया के कई देशों में खसरे के प्रकोप की संभावना कई गुना बढ़ गई है।
फिलीपींस के विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि गंडो वेइलर ने 2011 और 2014 में बड़े पैमाने पर फैले प्रकोप की ओर इशारा करते हुए कहा कि देश 'हर तीन से चार साल में' खसरे का प्रकोप झेल रहा है।
पांच सप्ताह चलने वाले एमआर अभियान का उद्देश्य 9 माह से लेकर 15 साल तक आयुवर्ग के करीब 55 लाख बच्चों को कवर करना है। इसमें दिल्ली के सभी 11 जिलों के प्रीस्कूल बच्चे, स्कूली बच्चे (सरकारी व निजी) और स्कूल से बाहर वाले बच्चे शामिल हैं।
खसरा से भारत में हो रही हैं बच्चों की मौत, जानें सारी जानकारी।
खसरा की बीमारी है जानलेवा, ऐसे बचाएं मरीज़ को।
Measles vaccine in hindi : खसरे के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी होता है लेकिन लापरवाही आपके लिए चिंता का सबब बन सकती है। आइए जानते हैं किस उम्र में बच्चों को सबसे ज्यादा खसरे का खतरा होता है।