इस राज्य में फैला जापानी इंसेफेलाइटिस, एक दिन में सामने आए 30 मामले, जानें इस बुखार के लक्षण और बचाव
जापानी बुखार मच्छरों के काटने से फैलता है और गम्भीर मामलों में मरीज के कोमा में जाने का भी खतरा होता है।
जापानी बुखार मच्छरों के काटने से फैलता है और गम्भीर मामलों में मरीज के कोमा में जाने का भी खतरा होता है।
WHO के मुताबिक, जापानी इंसेफेलाइटिस येलो फीवर और डेंगू जैसी बीमारियों से जुड़ा हुआ फ्लेविवायरस है। यह भी मच्छरों की वजह से फैलता है।
यह कैम्पेन संक्रामक रोगों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान होगा जो एक महीने तक चलेगा।
आंकड़ों के मुताबिक, बीते तीन हफ्तों की अवधि में राज्य में जापानी बुखार से कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई, जबकि 238 लोग संक्रमित हो गए।
असल में पिछले दिनों जहां बाढ़ की स्थिति थी वहीं, अब जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले सामने आए हैं। स्थानीय विभाग इस वजह से अलर्ट पर है।
असम में पिछले नौ दिनों में जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese encephalitis) से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि 82 संक्रमित हो गए।
बिहार में कोविड-19 के मामले कम हो रहे हैं, लेकिन पटना में डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पटना शहर के बाहरी इलाके पंडारक में एक बच्चे की मंगलवार को जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अब यह बीमारी प्रदेश में पूरी तरह खत्म होने की कगार पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया है कि पिछले 40 साल से कहर बरपा रही इंसेफेलाइटिस बीमारी पर आनेवाले 2 साल की अवधि में में पूरी तरह काबू कर लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई साल से मुजफ्फरपुर, गया सहित कई जिलों में एईएस का कहर यहां के बच्चों पर टूटता है। पिछले साल भी इस बीमारी से करीब 150 बच्चों की मौत हुई थी।
ये दोनों किट मेक-इन इंडिया पहल के तहत 100 दिन के कार्यक्रम में तैयार किए गए हैं, जबकि इस पर अनुसंधान का कार्य पहले से ही चल रहा था।
मौसम की तल्खी और हवा में नमी के कारण संदिग्ध एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस ) और जापानी एन्सेफलाइटिस (जेई) नामक बीमारी से पिछले चार दिनों में मुजफ्फरपुर (बिहार) में सात बच्चों की मौत हो गई।
जापानी बुखार मच्छरों के काटने से फैलता है और गम्भीर मामलों में मरीज के कोमा में जाने का भी खतरा होता है।
WHO के मुताबिक, जापानी इंसेफेलाइटिस येलो फीवर और डेंगू जैसी बीमारियों से जुड़ा हुआ फ्लेविवायरस है। यह भी मच्छरों की वजह से फैलता है।
यह कैम्पेन संक्रामक रोगों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान होगा जो एक महीने तक चलेगा।
आंकड़ों के मुताबिक, बीते तीन हफ्तों की अवधि में राज्य में जापानी बुखार से कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई, जबकि 238 लोग संक्रमित हो गए।
असल में पिछले दिनों जहां बाढ़ की स्थिति थी वहीं, अब जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले सामने आए हैं। स्थानीय विभाग इस वजह से अलर्ट पर है।
असम में पिछले नौ दिनों में जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese encephalitis) से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि 82 संक्रमित हो गए।
बिहार में कोविड-19 के मामले कम हो रहे हैं, लेकिन पटना में डेंगू, चिकनगुनिया और जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। पटना शहर के बाहरी इलाके पंडारक में एक बच्चे की मंगलवार को जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अब यह बीमारी प्रदेश में पूरी तरह खत्म होने की कगार पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया है कि पिछले 40 साल से कहर बरपा रही इंसेफेलाइटिस बीमारी पर आनेवाले 2 साल की अवधि में में पूरी तरह काबू कर लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई साल से मुजफ्फरपुर, गया सहित कई जिलों में एईएस का कहर यहां के बच्चों पर टूटता है। पिछले साल भी इस बीमारी से करीब 150 बच्चों की मौत हुई थी।
ये दोनों किट मेक-इन इंडिया पहल के तहत 100 दिन के कार्यक्रम में तैयार किए गए हैं, जबकि इस पर अनुसंधान का कार्य पहले से ही चल रहा था।
मौसम की तल्खी और हवा में नमी के कारण संदिग्ध एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस ) और जापानी एन्सेफलाइटिस (जेई) नामक बीमारी से पिछले चार दिनों में मुजफ्फरपुर (बिहार) में सात बच्चों की मौत हो गई।