इस तरह का हार्टअटैक युवा महिलाओं में है सबसे ज्यादा कॉमन, जानिए महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण क्या है?
हार्ट अटैक की समस्या आज के समय में बहुत ज्यादा आम हैं। जवान महिलाओं में इस प्रकार का हार्ट अटैक आने की संभावना ज्यादा रहती है।
हार्ट अटैक की समस्या आज के समय में बहुत ज्यादा आम हैं। जवान महिलाओं में इस प्रकार का हार्ट अटैक आने की संभावना ज्यादा रहती है।
महिलाओं में दिखने वाले लक्षण काफी मामूली और हल्के होते हैं इसीलिए, उनके लिए स्थिति को समझ पाने में समस्या होती है।
Heart Attack Symptoms In Women: हार्ट अटैक सिर्फ पुरुषों से ही जुड़ी बीमारी नहीं है, बल्कि यह महिलाओं में भी देखा जाता है, जिसके लक्षण थोड़े अलग हैं।
महिलाओं में हार्ट अटैक का रिस्क हाई होता है और ऐसे में महिलाओं को हेल्दी डाइट अपनाने की सलाह दी जाती है।
इस स्टडी के निष्कर्षों के अनुसार, कम उम्र की महिलाओं में हार्ट अटैक के 7 बड़े कारण होते हैं।
74 वर्षीय सिंधुताई सपकाल (Sindhutai Sapkal) का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ। सिंधुताई के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों के मुकाबले थोड़े अलग होते हैं। यहां तक की महिलाओं में हार्ट अटैक आने पर छाती में दर्द होने की संभावना भी कम होती है। महिलाओं में हार्ट अटैक के संबंध में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संतोष कुमार डोरा।
Surekha Sikri Death: दिग्गज अदाकारा सुरेखा सीकरी का 75 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक से निधन। काफी दिनों से ब्रेन स्ट्रोक से थीं अस्वस्थ...
क्रिकेटर की हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई है। पुलिस का कहना है कि खिलाड़ी पुणे के जुन्नर जिले में क्रिकेट मैच खेल रहा था, जहां खेल के दौरान ही उसकी मौत हो गई।
हार्ट हेल्थ/हृदय रोग का खतरा हाल के दिनों में महिलाओं में ज्यादा बढ़ा है. महिलाओं में हार्ट अटैक व हार्ट फेलियर का खतरा कारण व लक्षणों की पहचान न कर पाने की वजह से ज्यादा होती है. 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में हार्ट डिजीज के कारण और लक्षणों के बारे में जानकारी जरूरी है.
मोटापा कम करने के लिए कुछ लोग ''यो-यो डाइटिंग'' का सहारा लेते हैं। जानें, क्या है यो-यो डाइटिंक और इसके क्या फायदे-नुकसान होते हैं।
अभी तक यह माना जाता था कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में हृदयाघात यानी हार्ट अटैक के मामले अधिक होते हैं। जबकि अब महिलाओं में भी हार्ट अटैक के मामले बहुत ज्यादा देखने में आ रहे हैं।
शोध में पाया गया कि शारीरिक रूप से सक्रिय महिलाओं में सुस्त महिलाओं की तुलना में मेटाबॉलिक सिंड्रोम कम होता है।
एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं में दूसरी महिलाओं की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा तीन गुना अधिक होता है। चौंकाने वाली बात यह है कि युवावस्था में यह जोखिम अधिक होता है।
जब किसी को दिल का दौरा पड़े तो बहुत कम समय ही मिलता है।
गर्भावस्था में वजन का बढ़ना सामान्य पर हो सकता है जोखिम भरा।
20 से 30 साल की उम्र में गर्भधारण करने वाली महिलाओं के मुकाबले 35 से 39 साल की उम्र में गर्भवती होने वाली महिलाओं को हार्ट अटैक होने की आशंका पांच गुना तक बढ़ जाती है।
हार्ट अटैक की समस्या आज के समय में बहुत ज्यादा आम हैं। जवान महिलाओं में इस प्रकार का हार्ट अटैक आने की संभावना ज्यादा रहती है।
Heart Attack Symptoms In Women: हार्ट अटैक सिर्फ पुरुषों से ही जुड़ी बीमारी नहीं है, बल्कि यह महिलाओं में भी देखा जाता है, जिसके लक्षण थोड़े अलग हैं।
इस स्टडी के निष्कर्षों के अनुसार, कम उम्र की महिलाओं में हार्ट अटैक के 7 बड़े कारण होते हैं।
74 वर्षीय सिंधुताई सपकाल (Sindhutai Sapkal) का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ। सिंधुताई के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों के मुकाबले थोड़े अलग होते हैं। यहां तक की महिलाओं में हार्ट अटैक आने पर छाती में दर्द होने की संभावना भी कम होती है। महिलाओं में हार्ट अटैक के संबंध में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संतोष कुमार डोरा।
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क्रिकेटर की हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई है। पुलिस का कहना है कि खिलाड़ी पुणे के जुन्नर जिले में क्रिकेट मैच खेल रहा था, जहां खेल के दौरान ही उसकी मौत हो गई।
हार्ट हेल्थ/हृदय रोग का खतरा हाल के दिनों में महिलाओं में ज्यादा बढ़ा है. महिलाओं में हार्ट अटैक व हार्ट फेलियर का खतरा कारण व लक्षणों की पहचान न कर पाने की वजह से ज्यादा होती है. 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में हार्ट डिजीज के कारण और लक्षणों के बारे में जानकारी जरूरी है.
मोटापा कम करने के लिए कुछ लोग ''यो-यो डाइटिंग'' का सहारा लेते हैं। जानें, क्या है यो-यो डाइटिंक और इसके क्या फायदे-नुकसान होते हैं।
अभी तक यह माना जाता था कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में हृदयाघात यानी हार्ट अटैक के मामले अधिक होते हैं। जबकि अब महिलाओं में भी हार्ट अटैक के मामले बहुत ज्यादा देखने में आ रहे हैं।
शोध में पाया गया कि शारीरिक रूप से सक्रिय महिलाओं में सुस्त महिलाओं की तुलना में मेटाबॉलिक सिंड्रोम कम होता है।
एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं में दूसरी महिलाओं की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा तीन गुना अधिक होता है। चौंकाने वाली बात यह है कि युवावस्था में यह जोखिम अधिक होता है।
जब किसी को दिल का दौरा पड़े तो बहुत कम समय ही मिलता है।
गर्भावस्था में वजन का बढ़ना सामान्य पर हो सकता है जोखिम भरा।
20 से 30 साल की उम्र में गर्भधारण करने वाली महिलाओं के मुकाबले 35 से 39 साल की उम्र में गर्भवती होने वाली महिलाओं को हार्ट अटैक होने की आशंका पांच गुना तक बढ़ जाती है।
महिलाओं में दिखने वाले लक्षण काफी मामूली और हल्के होते हैं इसीलिए, उनके लिए स्थिति को समझ पाने में समस्या होती है।
महिलाओं में हार्ट अटैक का रिस्क हाई होता है और ऐसे में महिलाओं को हेल्दी डाइट अपनाने की सलाह दी जाती है।