हींग के लेप से छोटे बच्चों का बुखार कुछ ही देर में हो सकता है कम, जानिए इस्तेमाल का बेस्ट तरीका
Hing Lep for Kids : हींग का लेप बच्चो के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं इस्तेमाल का सही तरीका और इसके फायदे क्या हैं?
Hing Lep for Kids : हींग का लेप बच्चो के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं इस्तेमाल का सही तरीका और इसके फायदे क्या हैं?
Paracetamol side effects: बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होने के कारण उन्हें बार-बार इंफेक्शन हो जाता है और इस कारण से बुखार भी हो जाता है। बुखार कंट्रोल करने के लिए बच्चों को भी पेरासिटामोल दी जाती है, लेकिन आपको पता है कि यह दवा बच्चे के लिए कितनी सेफ है?
The Healthsite Originals : द हेल्थ साइ़ट ऑरिजनल्स की इस खास सीरिज में हम शुरुआत कर रहे हैं ऐसी मुश्किल घड़ी में काम आने वाली सलाह की, जो आपको काम आ सकती है। आइए जानते है दवा से लेकर डोज के बारे में सब कुछ।
72 घंटे के भीतर 3 बच्चों की मृत्यु होने की इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में डर, घबराहट और दहशत की स्थिति बन गयी हैं। (Mysterious Fever In Uttar Pradesh)
बच्चों की देखभाल बदलते मौसम में अधिक करनी चाहिए, क्योंकि बड़ों के मुकाबले उन्हें वायरल इंफेक्शंस होने का खतरा अधिक होता है। बच्चों के शरीर में वायरस को बढ़ने से रोकने और बीमारी से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम बड़ों के मुकाबले अधिक मजबूत नहीं होता है। ऐसें में उन्हें वायरल इंफेक्शंस या अन्य किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचाए रखने के लिए इन उपायों को जरूर अपनाएं।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई साल से मुजफ्फरपुर, गया सहित कई जिलों में एईएस का कहर यहां के बच्चों पर टूटता है। पिछले साल भी इस बीमारी से करीब 150 बच्चों की मौत हुई थी।
डेंगू में बड़ों की तरह बच्चों के शरीर पर लाल रैशेज हो जाते हैं। भूख न लगाना, मुंह का स्वाद खराब होना, सिर दर्द, बदन दर्द, जोड़ों आदि में दर्द की शिकायत डेंगू के ही लक्षण हैं।
तेज बुखार के बढ़ते तापमान को यदि जल्दी नियंत्रित ना किया जाए तो इसका असर सीधे मस्तिष्क पर पड़ता है, जिससे कई बार बच्चों कि मृत्यु भी हो जाती है।
Hing Lep for Kids : हींग का लेप बच्चो के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं इस्तेमाल का सही तरीका और इसके फायदे क्या हैं?
Paracetamol side effects: बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होने के कारण उन्हें बार-बार इंफेक्शन हो जाता है और इस कारण से बुखार भी हो जाता है। बुखार कंट्रोल करने के लिए बच्चों को भी पेरासिटामोल दी जाती है, लेकिन आपको पता है कि यह दवा बच्चे के लिए कितनी सेफ है?
72 घंटे के भीतर 3 बच्चों की मृत्यु होने की इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में डर, घबराहट और दहशत की स्थिति बन गयी हैं। (Mysterious Fever In Uttar Pradesh)
बच्चों की देखभाल बदलते मौसम में अधिक करनी चाहिए, क्योंकि बड़ों के मुकाबले उन्हें वायरल इंफेक्शंस होने का खतरा अधिक होता है। बच्चों के शरीर में वायरस को बढ़ने से रोकने और बीमारी से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम बड़ों के मुकाबले अधिक मजबूत नहीं होता है। ऐसें में उन्हें वायरल इंफेक्शंस या अन्य किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचाए रखने के लिए इन उपायों को जरूर अपनाएं।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई साल से मुजफ्फरपुर, गया सहित कई जिलों में एईएस का कहर यहां के बच्चों पर टूटता है। पिछले साल भी इस बीमारी से करीब 150 बच्चों की मौत हुई थी।
डेंगू में बड़ों की तरह बच्चों के शरीर पर लाल रैशेज हो जाते हैं। भूख न लगाना, मुंह का स्वाद खराब होना, सिर दर्द, बदन दर्द, जोड़ों आदि में दर्द की शिकायत डेंगू के ही लक्षण हैं।
तेज बुखार के बढ़ते तापमान को यदि जल्दी नियंत्रित ना किया जाए तो इसका असर सीधे मस्तिष्क पर पड़ता है, जिससे कई बार बच्चों कि मृत्यु भी हो जाती है।
The Healthsite Originals : द हेल्थ साइ़ट ऑरिजनल्स की इस खास सीरिज में हम शुरुआत कर रहे हैं ऐसी मुश्किल घड़ी में काम आने वाली सलाह की, जो आपको काम आ सकती है। आइए जानते है दवा से लेकर डोज के बारे में सब कुछ।