National Epilepsy Day 2022: मिर्गी के दौरे के कारण, लक्षण और उपचार, Watch Video
एपिलेप्सी के मरीज़ को क्या कदम उठाने चाहिए कि उसे मिर्गी के दौरे से छुटकारा मिल जाए।
एपिलेप्सी के मरीज़ को क्या कदम उठाने चाहिए कि उसे मिर्गी के दौरे से छुटकारा मिल जाए।
Epilepsy Treatment in Ayurveda: मिर्गी मानव शरीर के मस्तिष्क में होने वाली एक ऐसा न्यूरोलॉजिकल विकार (Neurological disorder) है। जिसके कारण लोगों को बार-बार दौरे पड़ने लगते हैं।
एम्स दिल्ली के न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ. शरत चंद्र का कहना है कि भारत में मिर्गी के अनुमानित 1.5 करोड़ या इससे ज्यादा मामले सामने आए हैं, जो किसी छिपी हुई महामारी से कम नहीं है।
जब किसी मरीज को मिर्गी का दौरा पड़ता है तो उसका दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है और उसके शरीर के अंगो में झनझनाहट होना, चक्कर आना, एकतरफ देखना, कुछ पूछने पर रिस्पॉंस करने में असमर्थ होना, मांसपेशियों में तनाव और स्पर्श व श्रवण इंद्रियों में बदलाव आना मिर्गी के लक्षण होते हैं।
मिर्गी से पीड़ित महिलाओं (Epilepsy and Women) के लिए सामान्य जीवन जी पाना और भी मुश्किल हो जाता है। इसके पीछे समाज में फैली भ्रांतियां और मिथक ( Myths about Epilepsy) भी हैं, जिनके आधार पर लोग उनके साथ भेदभाव करते हैं। इसका असर महिलाओं में मिर्गी के इलाज पर भी पड़ता है।
मिर्गी रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल मनाया जाता है पर्पल डे (Purple Day), इस वर्ष पर्पल डे पर एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों नें दुनियाभर में मिर्गी से पीड़ित औरतों की स्थिति पर चर्चा की।
World Purple Day 2021: 9 वर्षीय कैनेडियन कैसिडी मेगन ने मिर्गी से जुड़े अपने संघर्षों से प्रेरित होकर वर्ष 2008 में 'पर्पल डे' मनाने को लेकर आइडिया डेवलप किया, ताकि मिर्गी से संबंधित मिथकों को दूर किया जाए और इस बीमारी से पीड़ित लोगों को यह बताया जाए कि वे दुनिया में अकेले नहीं हैं।
आपने गौर किया होगा कि कुछ लोग अचानक चलते-चलते बेहोश होकर गिर पड़ते हैं। कभी सोचा है कि आखिर लोग इस तरह से अचानक बेहोश क्यों हो जाते हैं? कई बार यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। जानें, बेहोश होने के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय...
एक शोध के मुताबिक, जो लोग पेट के बल सोते हैं, उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शोध में कहा गया है कि पेट के बल सोने वाले मिर्गी से ग्रस्त मरीजों में आकस्मिक मौत का खतरा ज्यादा होता है।
भारत में मिर्गी के इलाज के अंतर की मात्रा शहरी, मध्यम-आय वाले लोगों में 22 प्रतिशत से लेकर गांवों में 90 प्रतिशत तक है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बच्चों के लिए वेगन आहार मिर्गी, विकास संबंधी विकार पैदा कर सकता है।
एक बार दौरा पड़ने का मतलब यह नहीं है कि मरीज को मिर्गी की समस्या है। यदि अकारण दौरा पड़ता है और वह बार-बार होता है तो मरीज को इसकी जांच जरूर करवानी चाहिए।
दवाई बनाने के लिए भांग की खेती करने की जरूरत है, लेकिन वर्तमान नारकोटिक्स कानून में भांग की पत्ती और फूल दोनों को शामिल किए जाने से इसमें रुकावट आती है।
Epilepsy Treatment in Ayurveda: मिर्गी मानव शरीर के मस्तिष्क में होने वाली एक ऐसा न्यूरोलॉजिकल विकार (Neurological disorder) है। जिसके कारण लोगों को बार-बार दौरे पड़ने लगते हैं।
एम्स दिल्ली के न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ. शरत चंद्र का कहना है कि भारत में मिर्गी के अनुमानित 1.5 करोड़ या इससे ज्यादा मामले सामने आए हैं, जो किसी छिपी हुई महामारी से कम नहीं है।
World Purple Day 2021: 9 वर्षीय कैनेडियन कैसिडी मेगन ने मिर्गी से जुड़े अपने संघर्षों से प्रेरित होकर वर्ष 2008 में 'पर्पल डे' मनाने को लेकर आइडिया डेवलप किया, ताकि मिर्गी से संबंधित मिथकों को दूर किया जाए और इस बीमारी से पीड़ित लोगों को यह बताया जाए कि वे दुनिया में अकेले नहीं हैं।
आपने गौर किया होगा कि कुछ लोग अचानक चलते-चलते बेहोश होकर गिर पड़ते हैं। कभी सोचा है कि आखिर लोग इस तरह से अचानक बेहोश क्यों हो जाते हैं? कई बार यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। जानें, बेहोश होने के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय...
एक शोध के मुताबिक, जो लोग पेट के बल सोते हैं, उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शोध में कहा गया है कि पेट के बल सोने वाले मिर्गी से ग्रस्त मरीजों में आकस्मिक मौत का खतरा ज्यादा होता है।
भारत में मिर्गी के इलाज के अंतर की मात्रा शहरी, मध्यम-आय वाले लोगों में 22 प्रतिशत से लेकर गांवों में 90 प्रतिशत तक है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बच्चों के लिए वेगन आहार मिर्गी, विकास संबंधी विकार पैदा कर सकता है।
एक बार दौरा पड़ने का मतलब यह नहीं है कि मरीज को मिर्गी की समस्या है। यदि अकारण दौरा पड़ता है और वह बार-बार होता है तो मरीज को इसकी जांच जरूर करवानी चाहिए।
दवाई बनाने के लिए भांग की खेती करने की जरूरत है, लेकिन वर्तमान नारकोटिक्स कानून में भांग की पत्ती और फूल दोनों को शामिल किए जाने से इसमें रुकावट आती है।
एपिलेप्सी के मरीज़ को क्या कदम उठाने चाहिए कि उसे मिर्गी के दौरे से छुटकारा मिल जाए।
जब किसी मरीज को मिर्गी का दौरा पड़ता है तो उसका दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है और उसके शरीर के अंगो में झनझनाहट होना, चक्कर आना, एकतरफ देखना, कुछ पूछने पर रिस्पॉंस करने में असमर्थ होना, मांसपेशियों में तनाव और स्पर्श व श्रवण इंद्रियों में बदलाव आना मिर्गी के लक्षण होते हैं।
मिर्गी से पीड़ित महिलाओं (Epilepsy and Women) के लिए सामान्य जीवन जी पाना और भी मुश्किल हो जाता है। इसके पीछे समाज में फैली भ्रांतियां और मिथक ( Myths about Epilepsy) भी हैं, जिनके आधार पर लोग उनके साथ भेदभाव करते हैं। इसका असर महिलाओं में मिर्गी के इलाज पर भी पड़ता है।
मिर्गी रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल मनाया जाता है पर्पल डे (Purple Day), इस वर्ष पर्पल डे पर एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों नें दुनियाभर में मिर्गी से पीड़ित औरतों की स्थिति पर चर्चा की।