भारत के इस राज्य में डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज! जानें किस राज्य में डायबिटीज, बीपी औपर मोटापा ज्यादा
इतना ही नहीं इस स्टडी में भारत के अलग-अलग राज्यों में इन बीमारियों की दर कितनी है, इस बात को भी रेखांकित किया गया है।
इतना ही नहीं इस स्टडी में भारत के अलग-अलग राज्यों में इन बीमारियों की दर कितनी है, इस बात को भी रेखांकित किया गया है।
Diabetes signs in nails: डायबिटीज के लक्षण अक्सर शरीर के अलग-अलग अंगों में नजर आते हैं। जैसे कि ये आपके उंगलियों और नाखून से नजर आ सकता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, दुनियाभर में जिन 10 देशों में टाइप 1 डायबिटीज के मरीज सबसे अधिक हैं उनमें, अमेरिका, ब्राजील, चीन, जर्मनी और रूस के अलावा भारत भी शमिल हैं। इन 10 देशों में ही टाइप 1 डायबिटीज के लगभग 60 प्रतिशत मरीज (diabetes patients in the world) बसते हैं।
Diabetes and Metallic Taste: क्या मुंह में कुछ दिनों से धातु जैसा स्वाद आ रहा है? यह टाइप-2 डायबिटीज का लक्षण भी हो सकता है। जानें, डायबिटीज के शुरुआती लक्षण क्या हैं...
शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि कोविड-19 महामारी भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों में गैर-संचारी रोगों (Non-communicable diseases) जैसे डायबिटीज, कैंसर, श्वसन संबंधी समस्याओं या हृदय संबंधी दिक्कतों वाले लोगों के लिए दोहरा आघात बनकर आई है।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके मरीज लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि भारत एक ऐसा देश है जहां मधुमेह रोगियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। इस रोग में ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने के लिए अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। जिन लोगों को शुगर होता है वह अपनी डाइट से नट्स की मात्रा कम कर देते हैं। क्योंकि लोगों को लगता है कि नट्स के सेवन से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। जबकि आपको बता दें कि यह एक मिथ मात्र है।
भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। इसकी मुख्य वजह है बेतरतीब लाइफस्टाइल। हालांकि, कुछ शुरुआती संकेतों और लक्षणों (Diabetes symptoms in hindi) के जरिए आप पहचान सकते हैं कि आप हो रहे हैं डायबिटीज के शिकार...
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन ने कहा है कि भारत में 5 करोड़ से भी अधिक डायबिटीज के मरीज (Diabetes Patient) हैं और अनुमान है कि दो दशकों में लगभग 8.7 करोड़ भारतीय डायबिटीज के शिकार होंगे।
नेशनल हेल्थ प्रोफाइल-2019 की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 1970-75 के समय भारत में जीवन प्रत्याशा जहां 49.7 वर्ष थी, वहीं 2012-16 में यह बढ़कर 68.7 वर्ष तक पहुंच चुकी है। इसी अवधि में महिलाओं के लिए जीवन प्रत्याशा 70.2 वर्ष और पुरुषों के लिए 67.4 वर्ष आंकी गई है।
इंसुलिन उपचार में उन्नति से कई मधुमेह रोगियों को लाभ होता है, विशेष रूप से टाइप 2 वाले लोगों में। टाइप 2 मधुमेह के साथ नए निदान वाले रोगियों में, अल्पकालिक इंसुलिन का उपयोग फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन इसके लिए संतुलित आहार, परहेज और नियमित व्यायाम करना बेहद जरूरी है।
गार्जियन कनेक्ट दुनिया का पहला स्मार्ट कंटिन्युअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम है, जो स्मार्टफोन से कनेक्ट है और यह अलग से बिना हार्डवेयर मॉनिटर लगाए ग्लूकोज के स्तर के बारे में रियल-टाइम आधार पर आंकड़ा दे सकता है।
जीवनशैली से जुड़ी इस बीमारी के 49 फीसदी मरीेज भारत में हैं। 2017 में इसके 72 मिलियन मामले दर्ज किए गए। एक अनुमान के अनुसार, 2025 तक यह संख्या दोगुनी होकर 134 मिलियन तक पहुंच जाएगी।
क्या आप जानते हैं कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए डायबिटीज़ का खतरा अधिक होता है?
अनुमान है कि वर्ष 2040 तक डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की यह संख्या बढ़कर लगभग 64.2 करोड़ हो सकती है।
सबसे चिंता की बात यह है कि देश के पिछड़े राज्यों में सबसे ज्यादा हृदय रोग और मधुमेह के मरीज हैं। साथ ही बच्चों को होने वाली बीमारियों से भी सबसे ज्यादा पीड़ित देश के पिछड़े राज्य ही हैं।
बस इन बातों का ध्यान रखें और रखें त्योहारो के मौसम में भी हेल्दी इटिंग की आदत बरकरार।
मौजूदा एलोपैथी दवाएं शर्करा का स्तर तो कम करती हैं लेकिन इससे जुड़ी अन्य दिक्कतों को ठीक नहीं कर पाती हैं।
डॉ. तेजल लाठिया बता रही हैं कि क्यों चीनी ना खाने वाले लोगों को भी डायबिटीज़ हो जाता है।
इतना ही नहीं इस स्टडी में भारत के अलग-अलग राज्यों में इन बीमारियों की दर कितनी है, इस बात को भी रेखांकित किया गया है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, दुनियाभर में जिन 10 देशों में टाइप 1 डायबिटीज के मरीज सबसे अधिक हैं उनमें, अमेरिका, ब्राजील, चीन, जर्मनी और रूस के अलावा भारत भी शमिल हैं। इन 10 देशों में ही टाइप 1 डायबिटीज के लगभग 60 प्रतिशत मरीज (diabetes patients in the world) बसते हैं।
शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि कोविड-19 महामारी भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों में गैर-संचारी रोगों (Non-communicable diseases) जैसे डायबिटीज, कैंसर, श्वसन संबंधी समस्याओं या हृदय संबंधी दिक्कतों वाले लोगों के लिए दोहरा आघात बनकर आई है।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके मरीज लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि भारत एक ऐसा देश है जहां मधुमेह रोगियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। इस रोग में ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने के लिए अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। जिन लोगों को शुगर होता है वह अपनी डाइट से नट्स की मात्रा कम कर देते हैं। क्योंकि लोगों को लगता है कि नट्स के सेवन से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। जबकि आपको बता दें कि यह एक मिथ मात्र है।
भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। इसकी मुख्य वजह है बेतरतीब लाइफस्टाइल। हालांकि, कुछ शुरुआती संकेतों और लक्षणों (Diabetes symptoms in hindi) के जरिए आप पहचान सकते हैं कि आप हो रहे हैं डायबिटीज के शिकार...
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन ने कहा है कि भारत में 5 करोड़ से भी अधिक डायबिटीज के मरीज (Diabetes Patient) हैं और अनुमान है कि दो दशकों में लगभग 8.7 करोड़ भारतीय डायबिटीज के शिकार होंगे।
नेशनल हेल्थ प्रोफाइल-2019 की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 1970-75 के समय भारत में जीवन प्रत्याशा जहां 49.7 वर्ष थी, वहीं 2012-16 में यह बढ़कर 68.7 वर्ष तक पहुंच चुकी है। इसी अवधि में महिलाओं के लिए जीवन प्रत्याशा 70.2 वर्ष और पुरुषों के लिए 67.4 वर्ष आंकी गई है।
इंसुलिन उपचार में उन्नति से कई मधुमेह रोगियों को लाभ होता है, विशेष रूप से टाइप 2 वाले लोगों में। टाइप 2 मधुमेह के साथ नए निदान वाले रोगियों में, अल्पकालिक इंसुलिन का उपयोग फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन इसके लिए संतुलित आहार, परहेज और नियमित व्यायाम करना बेहद जरूरी है।
गार्जियन कनेक्ट दुनिया का पहला स्मार्ट कंटिन्युअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम है, जो स्मार्टफोन से कनेक्ट है और यह अलग से बिना हार्डवेयर मॉनिटर लगाए ग्लूकोज के स्तर के बारे में रियल-टाइम आधार पर आंकड़ा दे सकता है।
जीवनशैली से जुड़ी इस बीमारी के 49 फीसदी मरीेज भारत में हैं। 2017 में इसके 72 मिलियन मामले दर्ज किए गए। एक अनुमान के अनुसार, 2025 तक यह संख्या दोगुनी होकर 134 मिलियन तक पहुंच जाएगी।
अनुमान है कि वर्ष 2040 तक डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की यह संख्या बढ़कर लगभग 64.2 करोड़ हो सकती है।
सबसे चिंता की बात यह है कि देश के पिछड़े राज्यों में सबसे ज्यादा हृदय रोग और मधुमेह के मरीज हैं। साथ ही बच्चों को होने वाली बीमारियों से भी सबसे ज्यादा पीड़ित देश के पिछड़े राज्य ही हैं।
बस इन बातों का ध्यान रखें और रखें त्योहारो के मौसम में भी हेल्दी इटिंग की आदत बरकरार।
मौजूदा एलोपैथी दवाएं शर्करा का स्तर तो कम करती हैं लेकिन इससे जुड़ी अन्य दिक्कतों को ठीक नहीं कर पाती हैं।
डॉ. तेजल लाठिया बता रही हैं कि क्यों चीनी ना खाने वाले लोगों को भी डायबिटीज़ हो जाता है।
भारतीय युवाओं में हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप पहले की तुलना में ज्यादा है।
सीबीएसई ने हाल ही में घोषणा की कि टाइप 1 डायबिटीज वाले बच्चों को अब विकलांग व्यक्तियों की श्रेणी में रखा जाएगा।
डायबिटीज़ डायट जिसे हर भारतीय कर सकता है फॉलो
Diabetes signs in nails: डायबिटीज के लक्षण अक्सर शरीर के अलग-अलग अंगों में नजर आते हैं। जैसे कि ये आपके उंगलियों और नाखून से नजर आ सकता है।
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क्या आप जानते हैं कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए डायबिटीज़ का खतरा अधिक होता है?