एफडीए (FDA) ने कहा 5 साल से छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित हो सकती है फाइजर की कोविड वैक्सीन
अभी तक 5 साल से छोटे बच्चों को वैक्सीनेशन के लिए पात्र नहीं माना गया है।
अभी तक 5 साल से छोटे बच्चों को वैक्सीनेशन के लिए पात्र नहीं माना गया है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि अब देश में बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए कोविड-19 वैक्सीन कोवोवैक्स उपलब्ध हो रही है।
यह भारत में 12-17 साल के आयु वर्ग के लिए उपलब्ध होने वाली पहली प्रोटीन बेस्ड कोविड वैक्सीन (protein-based vaccine) होगी।
सीरम इंस्टिट्यूट्स के CEO अदार पूनावाला ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कोवोवैक्स को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिलने की खबर की पुष्टि की।
सरकार ने Biological E को Corbevax वैक्सीन की 5 करोड़ डोज का ऑर्डर दे दिया है। वैक्सीन का स्टॉक फरवरी अंत तक मिल सकता है। इस वैक्सीन की कीमत 145 रुपये होगी जिसमें सभी टैक्स भी शामिल हैं।
कुछ पेरेंट्स के मन में बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर कई डर, सवाल हैं जैसे वैक्सीन के साइड एफेक्ट्स क्या होंगे आदि। इन सभी सवालों का जवाब हमें एक बातचीत के दौरान दिया एसएल रहेजा हॉस्पिटल, माहिम-ए फोर्टिस एसोसिएट (मुंबई) की कंसलटेंट नियोनैटोलॉजिस्ट और पीडियाट्रिशियन डॉ. अस्मिता महाजन ने।
उत्तर प्रदेश में सिर्फ तीन दिनों के भीतर तीन लाख से अधिक लोगों को कोविड टीके की बूस्टर डोज मिल चुकी है। वहीं, सिर्फ 9 दिनों में 34 लाख 25 हजार से अधिक किशोरों ने कोरोना की पहली खुराक ले ली है।
जो बच्चे 11 से 17 वर्ष की उम्र के हैं, उनमें कोरोना से संक्रमित होने पर कुछ खास लक्षण नजर आ रहे हैं। एक्सपर्ट बता रहे हैं कौन से हैं वे लक्षण....
भारत बायोटेक के बाद कई चिकित्सकों ने भी कहा, कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद किशोरों को ना दें पैरासिटामोल, लिवर को हो सकता है नुकसान....
पीएम मोदी ने कहा कि, यह उपलब्धि भारत के आर्थिक निर्भरता का प्रतीक है। आंकड़ों के मामलों में या एक बड़ी संख्या है यह दुनिया के अधिकांश बड़े देशों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं है.
वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने बुधवार को स्पष्ट किया कि कोवैक्सीन का टीका लगवाने के बाद किशोरों के लिए पैरासिटामोल या दर्द निवारक दवाओं की सिफारिश नहीं की जाती है।
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के अधिकारी 15 से 18 आयु वर्ग के लगभग 5 लाख बच्चों का कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन करने के लिए एक मेगा ड्राइव कैंपेन की तैयारी कर रहे हैं। यह अभियान 3 जनवरी से शुरू होगा।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ ने किशोरावस्था के बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगाने के फैसले को 'अवैज्ञानिक' बताया।
यूरोपीय संघ के दवा नियामक ने गुरुवार को 5 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए फाइजर (Pfizer coronavirus jab for children) के कोरोनावायरस जैब को मंजूरी दे दी है। इससे अब बड़े समूह में बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी, क्योंकि यूरोप में कोविड-19 वायरस तेजी से फैल रहा है।
बहुत जल्द एक मीटिंग आयोजित होने वाली है, जिसमें सरकार के शीर्ष सलाहकार बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। खबरों के अनुसार, वयस्कों को कोरोना वैक्सीन बूस्टर डोज दिए जाने पर भी फैसले लिए जा सकते हैं।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने 5-11 साल के बच्चों को फाइजर वैक्सीन के साथ कोरोना का टीका (corona vaccine for kids) लगवाने के लिए मंजूरी दी है।
इस वैक्सीन को भारत में 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को लगाने की अनुमति दी जा चुकी है।
देश भर में जहां 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने का आंकड़ा 100 करोड़ के पार पहुंच गया है, वहीं अब तक बच्चों को वैक्सीन लगनी भी शुरू नहीं हुई है। हालांकि, कई वैक्सीन हैं, जो क्लिनिकल ट्रायल में हैं। जानें, बच्चों के लिए कौन-कौन सी कोविड वैक्सीन जल्द आ सकती है....
अभी तक 5 साल से छोटे बच्चों को वैक्सीनेशन के लिए पात्र नहीं माना गया है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि अब देश में बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए कोविड-19 वैक्सीन कोवोवैक्स उपलब्ध हो रही है।
यह भारत में 12-17 साल के आयु वर्ग के लिए उपलब्ध होने वाली पहली प्रोटीन बेस्ड कोविड वैक्सीन (protein-based vaccine) होगी।
सीरम इंस्टिट्यूट्स के CEO अदार पूनावाला ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कोवोवैक्स को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिलने की खबर की पुष्टि की।
सरकार ने Biological E को Corbevax वैक्सीन की 5 करोड़ डोज का ऑर्डर दे दिया है। वैक्सीन का स्टॉक फरवरी अंत तक मिल सकता है। इस वैक्सीन की कीमत 145 रुपये होगी जिसमें सभी टैक्स भी शामिल हैं।
कुछ पेरेंट्स के मन में बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर कई डर, सवाल हैं जैसे वैक्सीन के साइड एफेक्ट्स क्या होंगे आदि। इन सभी सवालों का जवाब हमें एक बातचीत के दौरान दिया एसएल रहेजा हॉस्पिटल, माहिम-ए फोर्टिस एसोसिएट (मुंबई) की कंसलटेंट नियोनैटोलॉजिस्ट और पीडियाट्रिशियन डॉ. अस्मिता महाजन ने।
उत्तर प्रदेश में सिर्फ तीन दिनों के भीतर तीन लाख से अधिक लोगों को कोविड टीके की बूस्टर डोज मिल चुकी है। वहीं, सिर्फ 9 दिनों में 34 लाख 25 हजार से अधिक किशोरों ने कोरोना की पहली खुराक ले ली है।
जो बच्चे 11 से 17 वर्ष की उम्र के हैं, उनमें कोरोना से संक्रमित होने पर कुछ खास लक्षण नजर आ रहे हैं। एक्सपर्ट बता रहे हैं कौन से हैं वे लक्षण....
भारत बायोटेक के बाद कई चिकित्सकों ने भी कहा, कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद किशोरों को ना दें पैरासिटामोल, लिवर को हो सकता है नुकसान....
पीएम मोदी ने कहा कि, यह उपलब्धि भारत के आर्थिक निर्भरता का प्रतीक है। आंकड़ों के मामलों में या एक बड़ी संख्या है यह दुनिया के अधिकांश बड़े देशों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं है.
वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने बुधवार को स्पष्ट किया कि कोवैक्सीन का टीका लगवाने के बाद किशोरों के लिए पैरासिटामोल या दर्द निवारक दवाओं की सिफारिश नहीं की जाती है।
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के अधिकारी 15 से 18 आयु वर्ग के लगभग 5 लाख बच्चों का कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन करने के लिए एक मेगा ड्राइव कैंपेन की तैयारी कर रहे हैं। यह अभियान 3 जनवरी से शुरू होगा।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ ने किशोरावस्था के बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगाने के फैसले को 'अवैज्ञानिक' बताया।
यूरोपीय संघ के दवा नियामक ने गुरुवार को 5 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए फाइजर (Pfizer coronavirus jab for children) के कोरोनावायरस जैब को मंजूरी दे दी है। इससे अब बड़े समूह में बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी, क्योंकि यूरोप में कोविड-19 वायरस तेजी से फैल रहा है।
बहुत जल्द एक मीटिंग आयोजित होने वाली है, जिसमें सरकार के शीर्ष सलाहकार बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। खबरों के अनुसार, वयस्कों को कोरोना वैक्सीन बूस्टर डोज दिए जाने पर भी फैसले लिए जा सकते हैं।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने 5-11 साल के बच्चों को फाइजर वैक्सीन के साथ कोरोना का टीका (corona vaccine for kids) लगवाने के लिए मंजूरी दी है।
इस वैक्सीन को भारत में 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को लगाने की अनुमति दी जा चुकी है।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 18 वर्ष से छोटे बच्चों के लिए भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा बनायी गयी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) को औपचारिक मंजूरी दे दी है।
देश भर में जहां 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने का आंकड़ा 100 करोड़ के पार पहुंच गया है, वहीं अब तक बच्चों को वैक्सीन लगनी भी शुरू नहीं हुई है। हालांकि, कई वैक्सीन हैं, जो क्लिनिकल ट्रायल में हैं। जानें, बच्चों के लिए कौन-कौन सी कोविड वैक्सीन जल्द आ सकती है....