नए वेरिएंट IHU पर शोधकर्ताओं ने कहा, जरूरी नहीं हर वेरिएंट खतरनाक हो, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी
शोधकर्ताओं ने कहा है कि फ्रांस में पाए गए नए वेरिएंट आईएचयू के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि अब तक यह किसी दूसरे देश में नहीं पाया गया है।
शोधकर्ताओं ने कहा है कि फ्रांस में पाए गए नए वेरिएंट आईएचयू के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि अब तक यह किसी दूसरे देश में नहीं पाया गया है।
साल 2021 से एक चीज और अनिवार्य हो सकती है और वो है वैक्सीन पासपोर्ट (Vaccine Passport)। जी हां, सही सुन रहे हैं आप वैक्सीन पासपोर्ट साल 2021 में अनिवार्य हो सकता है।
बीते वर्ष नवंबर 2020 में सार्स-सीओवी-2 (SARS-Cov-2) के नए वेरिएंट के बारे में पता चला था, जो पहले से मौजूद कोरोना वेरिएंट (Corona Variant) के मुकाबले ज्यादा ट्रांसमिसिबल (Transmissible) और संक्रामक बताया जा रहा है।
कोमोरबिडिटी (Comobidities In Hindi) से मतलब है कि एक ऐसा व्यक्ति जो एक ही समय पर 1 से अधिक गंभीर बीमारी का शिकार हो। उदाहरण देकर समझाते हैं, अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसे दो गंभीर बीमारियां एक ही समय पर है तो उसे कोमोरबिडिटी माना जाएगा।
नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (NCDC) ने इन राज्यों से कहा है कि वे दूसरे देशों से यहां आने वाले वैरिएंट्स के मामलों पर नजर रखें, क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस तरह के स्ट्रेन से संक्रमित लोगों की तादाद देश में 194 तक पहुंच गई है, इनमें यूके संस्करण के 187 मामले, दक्षिण अफ्रीकी संस्करण के छह मामले शामिल हैं जबकि एक ब्राजीलियाई संक्रमण का मामला पाया गया है। (Coronvirus Outbreak in India)
कुछ नयी स्टडीज़ में कहा गया है कि केवल विटामिन सी या ज़िंक से रोग-प्रतिरोधक शक्ति नहीं बढ़ सकती। इसीलिए आपको नये स्ट्रेन से खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ज़्यादा पौष्टिक औऱ हेल्दी फूड्स का सेवन करना चाहिए। (Covid New Strain and Immunity)
दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब के निदेशक सुजीत कुमार सिंह ने पुष्टि की है कि कोरोनावायरस में 24,000 से अधिक म्यूटेशन भारत में दर्ज किए गए हैं।
एक सर्वे के मुताबिक, भारत में केवल 22 प्रतिशत लोग ही कोरोना से संक्रमित हुए हैं, इसलिए आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी असुरक्षित है। देश में सभी प्रतिबंधों को हटा दिए जाने के बाद और जीवन के पटरी पर वापस आने के बाद लोग दोबारा संक्रमित हो सकते हैं और वायरस की चपेट में आ सकते हैं।
ब्रिटेन में आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि केंट वायरस पुराने वायरस से 70 प्रतिशत अधिक खतरनाक है। गौरतलब है कि ब्रिटेन के केंट इलाके से शुरु हुए इस स्ट्रेन को केंट स्ट्रेन कही जा रहा है। इस रिसर्च के परिणाम सामने आने के बाद से ही एक्सपर्ट्स, प्रशासन और लोगों को चिंता बढ़ गयी है। (Covid-19 Kent Variant in hindi)
सार्स-कोवि-2 के व्यवहार को समझते हुए जो वैक्सीन्स तैयार की गयी हैं, उनमें से कुछ को कोरोना के नये स्ट्रेन्स के खिलाफ कारगर नहीं माना जा रहा है। इसी बीच फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा कि कोरोना के नये वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन करने में 6-9 महीने का समय लग सकता है।
अब ब्रिटेन के केंट स्ट्रेन (Corona Kent Variant) से जुड़ा एक और बयान सामने आया है। ऐसा दावा किया गया है कि मौजूदा समय में जिन कोविड-19 वैक्सीन्स के साथ दुनियाभर में कोरोना वायरस को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं वे वैक्सीन्स केंट वेरिएंट के सामने असरदार नहीं हैं। (Vaccines for Corona Kent Variant)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कहा है कि, दिसंबर 2020 में चर्चा में आए कोरोना वायरस का यूके स्ट्रेन अब तक 86 देशों में फैल चुका है। गौरतलब है कि, दिसंबर 2020 में इसने लोगों को भारी सख्या में संक्रमित किया। जिसके बाद ब्रिटेन में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गयी। (Coronavirus New Strain)
कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि ऑक्सफोर्ड –एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गयी कोविड वैक्सीन नये स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर है। यह दावा खुद इस वैक्सीन को बनाने वाले वैज्ञानिकों का है जिन्होंने एक स्टडी के बाद यह बात कही है।(Vaccine for New Coronavirus Strain)
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (Public Health England) की तरफ से सोमवार को एक बयान दिया गया जिसके अनुसार, इस स्ट्रेन के खिलाफ कोविड-19 वैक्सीन्स बेअसर रहेंगी। इस स्टडी के परिणामों ने ब्रिटेन सहित दुनियाभर में चिंता बढ़ा दी है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले साल भर से दुनियाभर में कोरोना वायरस के व्यवहार में कई बदलाव आए हैं। हाल ही में सामने आयी एक स्टडी में तो यह भी दावा किया गया है कि कोविड-19 संक्रमण की वजह बनने वाला वायरस यानि सार्स कोवि-2 भविष्य में अधिक संक्रामक और खतरनाक बन सकता है। (New Symptoms of Covid)
रिसर्चर्स ने दावा किया है कि यह नया स्ट्रेन पुराने वायरस से 70 फीसदी अधिक संक्रामक है। इसी तरह कुछ लोगों को इस वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा भी अधिक है। आइए समझते हैं क्यों कुछ लोगों को बाकियों की तुलना में कोरोना वायरस के न्यू स्ट्रेन का अधिक रिस्क है। (New Coronavirus Strain Risk)
Corona New Strain in Delhi: अरविंद केजरीवाल ने कहा है, "यूके से आने वाले सभी लोग, जो कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, उन्हें एक अलगाव सुविधा में क्वारंटीन होना होगा। वहीं, इंग्लैंड से आने वाले ऐसे व्यक्ति जो कोरोना टेस्ट में निगेटिव आए हैं, उन्हें भी 7 दिनों के लिए क्वारंटीन सुविधा केंद्र पर ले जाया जाएगा। इसके अगले 7 दिनों तक उन्हें होम क्वारंटीन में रहना होगा।"
यूके से आया कोरोना का नया वेरिएंट (UK variant) काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। देखते ही देखते कोरोना वायरस स्ट्रेन (Corona Virus Strain) हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में पहुंच चुका है।
शोधकर्ताओं ने कहा है कि फ्रांस में पाए गए नए वेरिएंट आईएचयू के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि अब तक यह किसी दूसरे देश में नहीं पाया गया है।
साल 2021 से एक चीज और अनिवार्य हो सकती है और वो है वैक्सीन पासपोर्ट (Vaccine Passport)। जी हां, सही सुन रहे हैं आप वैक्सीन पासपोर्ट साल 2021 में अनिवार्य हो सकता है।
बीते वर्ष नवंबर 2020 में सार्स-सीओवी-2 (SARS-Cov-2) के नए वेरिएंट के बारे में पता चला था, जो पहले से मौजूद कोरोना वेरिएंट (Corona Variant) के मुकाबले ज्यादा ट्रांसमिसिबल (Transmissible) और संक्रामक बताया जा रहा है।
कोमोरबिडिटी (Comobidities In Hindi) से मतलब है कि एक ऐसा व्यक्ति जो एक ही समय पर 1 से अधिक गंभीर बीमारी का शिकार हो। उदाहरण देकर समझाते हैं, अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसे दो गंभीर बीमारियां एक ही समय पर है तो उसे कोमोरबिडिटी माना जाएगा।
नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (NCDC) ने इन राज्यों से कहा है कि वे दूसरे देशों से यहां आने वाले वैरिएंट्स के मामलों पर नजर रखें, क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस तरह के स्ट्रेन से संक्रमित लोगों की तादाद देश में 194 तक पहुंच गई है, इनमें यूके संस्करण के 187 मामले, दक्षिण अफ्रीकी संस्करण के छह मामले शामिल हैं जबकि एक ब्राजीलियाई संक्रमण का मामला पाया गया है। (Coronvirus Outbreak in India)
दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब के निदेशक सुजीत कुमार सिंह ने पुष्टि की है कि कोरोनावायरस में 24,000 से अधिक म्यूटेशन भारत में दर्ज किए गए हैं।
एक सर्वे के मुताबिक, भारत में केवल 22 प्रतिशत लोग ही कोरोना से संक्रमित हुए हैं, इसलिए आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी असुरक्षित है। देश में सभी प्रतिबंधों को हटा दिए जाने के बाद और जीवन के पटरी पर वापस आने के बाद लोग दोबारा संक्रमित हो सकते हैं और वायरस की चपेट में आ सकते हैं।
ब्रिटेन में आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि केंट वायरस पुराने वायरस से 70 प्रतिशत अधिक खतरनाक है। गौरतलब है कि ब्रिटेन के केंट इलाके से शुरु हुए इस स्ट्रेन को केंट स्ट्रेन कही जा रहा है। इस रिसर्च के परिणाम सामने आने के बाद से ही एक्सपर्ट्स, प्रशासन और लोगों को चिंता बढ़ गयी है। (Covid-19 Kent Variant in hindi)
सार्स-कोवि-2 के व्यवहार को समझते हुए जो वैक्सीन्स तैयार की गयी हैं, उनमें से कुछ को कोरोना के नये स्ट्रेन्स के खिलाफ कारगर नहीं माना जा रहा है। इसी बीच फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा कि कोरोना के नये वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन करने में 6-9 महीने का समय लग सकता है।
अब ब्रिटेन के केंट स्ट्रेन (Corona Kent Variant) से जुड़ा एक और बयान सामने आया है। ऐसा दावा किया गया है कि मौजूदा समय में जिन कोविड-19 वैक्सीन्स के साथ दुनियाभर में कोरोना वायरस को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं वे वैक्सीन्स केंट वेरिएंट के सामने असरदार नहीं हैं। (Vaccines for Corona Kent Variant)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कहा है कि, दिसंबर 2020 में चर्चा में आए कोरोना वायरस का यूके स्ट्रेन अब तक 86 देशों में फैल चुका है। गौरतलब है कि, दिसंबर 2020 में इसने लोगों को भारी सख्या में संक्रमित किया। जिसके बाद ब्रिटेन में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गयी। (Coronavirus New Strain)
कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि ऑक्सफोर्ड –एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गयी कोविड वैक्सीन नये स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर है। यह दावा खुद इस वैक्सीन को बनाने वाले वैज्ञानिकों का है जिन्होंने एक स्टडी के बाद यह बात कही है।(Vaccine for New Coronavirus Strain)
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (Public Health England) की तरफ से सोमवार को एक बयान दिया गया जिसके अनुसार, इस स्ट्रेन के खिलाफ कोविड-19 वैक्सीन्स बेअसर रहेंगी। इस स्टडी के परिणामों ने ब्रिटेन सहित दुनियाभर में चिंता बढ़ा दी है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले साल भर से दुनियाभर में कोरोना वायरस के व्यवहार में कई बदलाव आए हैं। हाल ही में सामने आयी एक स्टडी में तो यह भी दावा किया गया है कि कोविड-19 संक्रमण की वजह बनने वाला वायरस यानि सार्स कोवि-2 भविष्य में अधिक संक्रामक और खतरनाक बन सकता है। (New Symptoms of Covid)
रिसर्चर्स ने दावा किया है कि यह नया स्ट्रेन पुराने वायरस से 70 फीसदी अधिक संक्रामक है। इसी तरह कुछ लोगों को इस वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा भी अधिक है। आइए समझते हैं क्यों कुछ लोगों को बाकियों की तुलना में कोरोना वायरस के न्यू स्ट्रेन का अधिक रिस्क है। (New Coronavirus Strain Risk)
Corona New Strain in Delhi: अरविंद केजरीवाल ने कहा है, "यूके से आने वाले सभी लोग, जो कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, उन्हें एक अलगाव सुविधा में क्वारंटीन होना होगा। वहीं, इंग्लैंड से आने वाले ऐसे व्यक्ति जो कोरोना टेस्ट में निगेटिव आए हैं, उन्हें भी 7 दिनों के लिए क्वारंटीन सुविधा केंद्र पर ले जाया जाएगा। इसके अगले 7 दिनों तक उन्हें होम क्वारंटीन में रहना होगा।"
यूके से आया कोरोना का नया वेरिएंट (UK variant) काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। देखते ही देखते कोरोना वायरस स्ट्रेन (Corona Virus Strain) हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में पहुंच चुका है।
Delhi New Covid Strain: स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "दिल्ली में शुक्रवार को 585 नए केस सामने आए थे। दिल्ली में सकारात्मकता दर 0.73 प्रतिशत रही और सकारात्मकता दर में लगातार गिरावट आ रही है। हमें उम्मीद है कि दिल्ली में प्रतिदिन आ रहे नए केस की संख्या भी 500 से कम रहेगी।"
कुछ नयी स्टडीज़ में कहा गया है कि केवल विटामिन सी या ज़िंक से रोग-प्रतिरोधक शक्ति नहीं बढ़ सकती। इसीलिए आपको नये स्ट्रेन से खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ज़्यादा पौष्टिक औऱ हेल्दी फूड्स का सेवन करना चाहिए। (Covid New Strain and Immunity)