Eye Care: Eye Flu के दौरान ना करें ये गलती, होगा नुकसान
आई फ्लू के इलाज के दौरान लापरवाही बरतने से आई फ्लू के लक्षण कम होने के बजाय बढ़ सकते हैं। आई फ्लू के इलाज के दौरान कुछ कॉमन गलतियों से बचना चाहिए।
आई फ्लू के इलाज के दौरान लापरवाही बरतने से आई फ्लू के लक्षण कम होने के बजाय बढ़ सकते हैं। आई फ्लू के इलाज के दौरान कुछ कॉमन गलतियों से बचना चाहिए।
Eye Flu cases in delhi: दिल्ली में बढ़ कंजक्टिवाइटिस नामक आंख की इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इसके खतरे को देखते हुए डॉक्टर्स भी लोगों के इस से निपटने की सलाह दे रहे हैं।
Conjunctivitis in children दिल्ली और एनसीआर में आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें बच्चे भी काफी संख्या में प्रभावित हो रहे हैं। जानें कंजक्टिवाइटिस का ज्यादा खतरा बच्चों में किन कारणों से बढ़ रहा है, ताकि उनका बचाव किया जा सके।
डॉक्टर के अनुसार, आई फ्लू गंभीर नहीं है और एक या दो सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है। हालांकि आपको इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
अगर आपको लगता है कि आपकी आंखों में गर्म लग रहा है तो यह इस बात का संकेत है कि आपकी आंखों में जलन (Aankhon Mein Jalan) हो रही है. ऐसी स्थिति लंबी समय तक रहने पर किसी भी आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह मानें.
कंजंक्टिवाइटिस से बचाव की बात करें तो इससे बचने के लिए कोई खास तरीका नहीं है क्योंकि आंखों में होने वाली यह समस्या कई अलग-अलग कारणों से होती है। लेकिन आप कुछ चीजों का ध्यान रखते हुए अपना बचाव कर सकते हैं। बार-बार हाथों को धोना, आंखों को छूने या रगड़ने से बचना जैसी सावधानियां अपना कर आप इस बीमारी से अपना बचाव कर सकते हैं।
अगर आपकी आंखों में दर्द हो रहा है तो क्रीम या इलाज जल्द से जल्द शुरू करवाएं। अगर इनसे भी मदद नहीं मिलती है तो डॉक्टर के पास जा कर आई एग्जामिन करवाएं और इलाज शुरू करवा दें।
यदि आपकी आंखों में किसी तरह की तकलीफ हो रही है, तो इसे नजरअंदाज ना करें। यह कोरोनावायरस का लक्षण (New Coronavirus symptoms) हो सकता है। एक नए अध्ययन में शामिल 83 प्रतिभागियों में से 81 प्रतिशत ने दो सप्ताह के अंदर कोविड-19 पॉजिटिव होने के दौरान आंखों से संबंधित परेशानी ऑक्युलर इशू होने की बात कही।
कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) मानसून में एक आम नेत्र संक्रमण (eye infection in monsoons) है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स ने ये भी चेतावनी दी है कि आंखों से संबंधित इस समस्या को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है। कंजंक्टिवाइटिस कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण भी हो सकता है।
बारिश के सीजन में सूक्ष्मजीव और कीटाणुओं की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ने लगती है। इसका कारण घर में थर्मल इंसुलेशन न होना, धूप-हवा का ठीक से न आना, साफ-सफाई की कमी के कारण नमी और सीलन पैदा होती है।
बैक्टीरियाज के पनपने के कारण इस मौसम में आंखों में भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इनसे बचने के लिए जरूरी है कि मॉनसून में आंखों का विशेष ध्यान (Monsoon eye care tips) रखा जाए।
बारिश के मौसम में कंजंक्टिवाइटिस होने की समस्या बढ़ जाती है। कंजंक्टिवाइटिस (आई फ्लू) क्या है, इसके लक्षण और उपचार क्या हैं, यह जानना जरूरी है। उचित देखभाल से आप आंखों की इस समस्या से बच सकते हैं।
बहुत से लोगों को जानवरों के रोएं से नहीं बल्कि उनके बालों, लार और यूरीन से एलर्जी होती है। सर्दियों में इसकी संभावना बढ़ जाती है क्योंकि इस मौसम में आपका पालतू जानवर भी घर में ज्यादा समय बिताता है।
बारिश में आंखों से संबंधित होने वाले सबसे आम संक्रमण हैं 'कंजक्टिवाइटिस' या आमतौर पर आई फ्लू, स्टाई और कॉर्नियल अल्सर।
कंजंक्टिवाइटिस होने पर उबाली गई रुई से धीरे-धीरे अपनी आंखों को साफ करें।
Eye Flu cases in delhi: दिल्ली में बढ़ कंजक्टिवाइटिस नामक आंख की इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इसके खतरे को देखते हुए डॉक्टर्स भी लोगों के इस से निपटने की सलाह दे रहे हैं।
Conjunctivitis in children दिल्ली और एनसीआर में आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें बच्चे भी काफी संख्या में प्रभावित हो रहे हैं। जानें कंजक्टिवाइटिस का ज्यादा खतरा बच्चों में किन कारणों से बढ़ रहा है, ताकि उनका बचाव किया जा सके।
डॉक्टर के अनुसार, आई फ्लू गंभीर नहीं है और एक या दो सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है। हालांकि आपको इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
अगर आपको लगता है कि आपकी आंखों में गर्म लग रहा है तो यह इस बात का संकेत है कि आपकी आंखों में जलन (Aankhon Mein Jalan) हो रही है. ऐसी स्थिति लंबी समय तक रहने पर किसी भी आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह मानें.
अगर आपकी आंखों में दर्द हो रहा है तो क्रीम या इलाज जल्द से जल्द शुरू करवाएं। अगर इनसे भी मदद नहीं मिलती है तो डॉक्टर के पास जा कर आई एग्जामिन करवाएं और इलाज शुरू करवा दें।
यदि आपकी आंखों में किसी तरह की तकलीफ हो रही है, तो इसे नजरअंदाज ना करें। यह कोरोनावायरस का लक्षण (New Coronavirus symptoms) हो सकता है। एक नए अध्ययन में शामिल 83 प्रतिभागियों में से 81 प्रतिशत ने दो सप्ताह के अंदर कोविड-19 पॉजिटिव होने के दौरान आंखों से संबंधित परेशानी ऑक्युलर इशू होने की बात कही।
कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) मानसून में एक आम नेत्र संक्रमण (eye infection in monsoons) है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स ने ये भी चेतावनी दी है कि आंखों से संबंधित इस समस्या को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है। कंजंक्टिवाइटिस कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण भी हो सकता है।
बारिश के सीजन में सूक्ष्मजीव और कीटाणुओं की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ने लगती है। इसका कारण घर में थर्मल इंसुलेशन न होना, धूप-हवा का ठीक से न आना, साफ-सफाई की कमी के कारण नमी और सीलन पैदा होती है।
बैक्टीरियाज के पनपने के कारण इस मौसम में आंखों में भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इनसे बचने के लिए जरूरी है कि मॉनसून में आंखों का विशेष ध्यान (Monsoon eye care tips) रखा जाए।
बारिश के मौसम में कंजंक्टिवाइटिस होने की समस्या बढ़ जाती है। कंजंक्टिवाइटिस (आई फ्लू) क्या है, इसके लक्षण और उपचार क्या हैं, यह जानना जरूरी है। उचित देखभाल से आप आंखों की इस समस्या से बच सकते हैं।
बहुत से लोगों को जानवरों के रोएं से नहीं बल्कि उनके बालों, लार और यूरीन से एलर्जी होती है। सर्दियों में इसकी संभावना बढ़ जाती है क्योंकि इस मौसम में आपका पालतू जानवर भी घर में ज्यादा समय बिताता है।
बारिश में आंखों से संबंधित होने वाले सबसे आम संक्रमण हैं 'कंजक्टिवाइटिस' या आमतौर पर आई फ्लू, स्टाई और कॉर्नियल अल्सर।
कंजंक्टिवाइटिस होने पर उबाली गई रुई से धीरे-धीरे अपनी आंखों को साफ करें।
आई फ्लू के इलाज के दौरान लापरवाही बरतने से आई फ्लू के लक्षण कम होने के बजाय बढ़ सकते हैं। आई फ्लू के इलाज के दौरान कुछ कॉमन गलतियों से बचना चाहिए।
कंजंक्टिवाइटिस से बचाव की बात करें तो इससे बचने के लिए कोई खास तरीका नहीं है क्योंकि आंखों में होने वाली यह समस्या कई अलग-अलग कारणों से होती है। लेकिन आप कुछ चीजों का ध्यान रखते हुए अपना बचाव कर सकते हैं। बार-बार हाथों को धोना, आंखों को छूने या रगड़ने से बचना जैसी सावधानियां अपना कर आप इस बीमारी से अपना बचाव कर सकते हैं।