25 से 35 की उम्र में ये 4 आदतें बना रही Infertile! जानें फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए कौन सी चीजें करेंगी मदद
पुरुषों के पिता न बन पाने के पीछे कहीं न कहीं ये कारक जिम्मेदार हैं। आइए जानते हैं पुरुष किन 4 वजह से पिता नहीं बन पाते हैं।
पुरुषों के पिता न बन पाने के पीछे कहीं न कहीं ये कारक जिम्मेदार हैं। आइए जानते हैं पुरुष किन 4 वजह से पिता नहीं बन पाते हैं।
ऐसे लोग जिनकी डाइट में पोषक तत्वों की कमी हो या जो बहुत अधिक मेहनत करते हैं उन लोगों को कई बार फिजिकल इंफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।
एक अध्यन के अनुसार अधिकांश निसंतान जोड़े में पुरुषों की संख्या अधिक पाई गई है ,हालांकि कम ही लोग यह जानते हैं कि यह अवस्था पुरुषों में एक आम समस्या है।
डिजिटल दौर में लाइफस्टाइल पर बहुत बुरा असर पड़ा है, जिससे कई तरह की बीमारियां होने लगी हैं। इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के कारण इंफर्टिलिटी यानी बांझपन की परेशानी भी बढ़ी है।
Causes of Infertility: सिर्फ महिलाओं में ही नहीं बल्कि बांझपन की समस्या कई बार पुरुषों में भी देखने को मिल सकती है। बांझपन के कारण की बात करें तो इनमें कई बार सर्जरी के दौरान फैलोपियन ट्यूब को नुकसान होना, तनाव, पीसीओएस की बीमारी होना, या फिर हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है।
भारत में इनफर्टिलिटी का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है, इसमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं। यदि आप इनफर्टिलिटी के शिकार नहीं होना चाहते हैं, तो अपने रूटीन हेल्थ चेकअप में नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी की फर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉ. हरीता मन्नेम की बताई फर्टिलिटी से संबंधित इन जांचों को जरूर शामिल करें....
पुरुष बांझपन भारत में एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. एक शोध के मुताबिक, पुरुष बांझपन की दर लगभग 23% है। पुरुष बांझपन के कारण भी हैं जिनका समाधान संभव है.
How to use pregnancy kit at home: प्रेगनेंसी किट में पेशाब की बूंदे डालने के बाद रिजल्ट के लिए कितनी देर इंतजार करना चाहिए? आइए जानते हैं सही समय और तरीका
आयुर्वेदिक पंचकर्म थैरेपी के माध्यम से इनफर्टिलिटी का उपचार संभव है। अगर आप बार-बार ट्राई करने के बाद भी कंसीव नहीं कर पा रही हैं तो आपको किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।
Infertility Problem in Women & Men: वैसे तो इनफर्टिलिटी के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं लेकिन BMI (Body mass index) एक बड़ी भूमिका है।
Ashwagandha for Female Fertility: महिलाओं में बांझपन की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें खराब जीवनशैली, अनहेल्दी खानपान, हार्मोनल असंतुलन, पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज, अधिक शराब का सेवन आदि।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, डायबिटीज का असर महिलाओं और पुरुषों की प्रजनन क्षमता यानि फर्टिलिटी पर पड़ता है। हालांकि, पुरुषों और महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ पर डायबिटीज का असर अलग-अलग तरीकों से पड़ता है। आइए समझते हैं कि, हाई ब्लड शुगर किस तरह आपकी सेक्स लाइफ बर्बाद कर सकता है। (Diabetes and Infertility)
नि:संतानता की समस्या के लिए केवल महिला या केवल पुरुष इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। इस समस्या का प्रभाव महिला एवं पुरुष दोनों पर ही समान स्तर पर पड़ता है आमतौर पर 40% यह समस्या महिलाओं में होती है और 40% ही यह समस्या पुरुषों में पाई जाती है
इनफर्टिलिटी या नि:संतानता (बांझपन) यह सब एक ही है। यह एक ऐसी समस्या है जिसमें पति पत्नी संतान प्राप्ति के लिए प्रयास करते हैं लेकिन कुछ समस्याओं के चलते संतान सुख नहीं मिल पाता है।
स्वास्थ्य की सही तरह से देखभाल न करना, खराब खानपान, अधिक तनाव लेना और असुरक्षित गर्भपात समेत प्रजनन अंगों के अनुपचारित संक्रमण इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। आज हम आपको इनफर्टिलिटी को सही करने के लिए कुछ ऐसे नेचुरल तरीके बता रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।
एक्सपर्ट्स के अनुसार इन दिनों पुरुषों में इंफर्टिलिटी की समस्या काफी अधिक देखी जा रही है। जैसा कि पुरुषों में इंफर्टिलिटी की समस्या की वजह से भी गर्भधारण संभव नहीं हो पाता। इसीलिए, पुरुषों में इंफर्टिलिटी की समस्या की सही समय पर पहचान, इसका उपचार आवश्यक है। इसी तरह उन स्थितियों या कारकों की पहचान भी आवश्यक है जिनके चलते पुरुषों में इंफर्टिलिटी की समस्या बढती है। (Male Infertility Reason)
इनफर्टिलिटी हमारी जीवनशैली की आदतों पर निर्भर करती है। सही आहार के साथ प्रजनन क्षमता को बेहतर किया जा सकता है। आपको बस यह पता होना चाहिए कि प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाए रखने के लिए क्या खाना चाहिए (Foods to boost Fertility) और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
बांझपन या इनफर्टिलिटी की समस्या (Infertility problem) आज एक आम बात हो गई है। दिनों-दिन बढ़ती जा रही इस समस्या से ग्रस्त लोगों के तनाव को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों की कोशिशों ने काफी सफलता प्राप्त की है। अब कई तकनीक ऐसे आ गए हैं, जो आपको मां-बाप बनने की खुशी देने के लिए काफी हैं।
पुरुषों के पिता न बन पाने के पीछे कहीं न कहीं ये कारक जिम्मेदार हैं। आइए जानते हैं पुरुष किन 4 वजह से पिता नहीं बन पाते हैं।
ऐसे लोग जिनकी डाइट में पोषक तत्वों की कमी हो या जो बहुत अधिक मेहनत करते हैं उन लोगों को कई बार फिजिकल इंफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।
एक अध्यन के अनुसार अधिकांश निसंतान जोड़े में पुरुषों की संख्या अधिक पाई गई है ,हालांकि कम ही लोग यह जानते हैं कि यह अवस्था पुरुषों में एक आम समस्या है।
डिजिटल दौर में लाइफस्टाइल पर बहुत बुरा असर पड़ा है, जिससे कई तरह की बीमारियां होने लगी हैं। इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के कारण इंफर्टिलिटी यानी बांझपन की परेशानी भी बढ़ी है।
भारत में इनफर्टिलिटी का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है, इसमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं। यदि आप इनफर्टिलिटी के शिकार नहीं होना चाहते हैं, तो अपने रूटीन हेल्थ चेकअप में नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी की फर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉ. हरीता मन्नेम की बताई फर्टिलिटी से संबंधित इन जांचों को जरूर शामिल करें....
पुरुष बांझपन भारत में एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. एक शोध के मुताबिक, पुरुष बांझपन की दर लगभग 23% है। पुरुष बांझपन के कारण भी हैं जिनका समाधान संभव है.
How to use pregnancy kit at home: प्रेगनेंसी किट में पेशाब की बूंदे डालने के बाद रिजल्ट के लिए कितनी देर इंतजार करना चाहिए? आइए जानते हैं सही समय और तरीका
आयुर्वेदिक पंचकर्म थैरेपी के माध्यम से इनफर्टिलिटी का उपचार संभव है। अगर आप बार-बार ट्राई करने के बाद भी कंसीव नहीं कर पा रही हैं तो आपको किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।
Infertility Problem in Women & Men: वैसे तो इनफर्टिलिटी के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं लेकिन BMI (Body mass index) एक बड़ी भूमिका है।
Ashwagandha for Female Fertility: महिलाओं में बांझपन की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें खराब जीवनशैली, अनहेल्दी खानपान, हार्मोनल असंतुलन, पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज, अधिक शराब का सेवन आदि।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, डायबिटीज का असर महिलाओं और पुरुषों की प्रजनन क्षमता यानि फर्टिलिटी पर पड़ता है। हालांकि, पुरुषों और महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ पर डायबिटीज का असर अलग-अलग तरीकों से पड़ता है। आइए समझते हैं कि, हाई ब्लड शुगर किस तरह आपकी सेक्स लाइफ बर्बाद कर सकता है। (Diabetes and Infertility)
नि:संतानता की समस्या के लिए केवल महिला या केवल पुरुष इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। इस समस्या का प्रभाव महिला एवं पुरुष दोनों पर ही समान स्तर पर पड़ता है आमतौर पर 40% यह समस्या महिलाओं में होती है और 40% ही यह समस्या पुरुषों में पाई जाती है
इनफर्टिलिटी या नि:संतानता (बांझपन) यह सब एक ही है। यह एक ऐसी समस्या है जिसमें पति पत्नी संतान प्राप्ति के लिए प्रयास करते हैं लेकिन कुछ समस्याओं के चलते संतान सुख नहीं मिल पाता है।
स्वास्थ्य की सही तरह से देखभाल न करना, खराब खानपान, अधिक तनाव लेना और असुरक्षित गर्भपात समेत प्रजनन अंगों के अनुपचारित संक्रमण इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। आज हम आपको इनफर्टिलिटी को सही करने के लिए कुछ ऐसे नेचुरल तरीके बता रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।
एक्सपर्ट्स के अनुसार इन दिनों पुरुषों में इंफर्टिलिटी की समस्या काफी अधिक देखी जा रही है। जैसा कि पुरुषों में इंफर्टिलिटी की समस्या की वजह से भी गर्भधारण संभव नहीं हो पाता। इसीलिए, पुरुषों में इंफर्टिलिटी की समस्या की सही समय पर पहचान, इसका उपचार आवश्यक है। इसी तरह उन स्थितियों या कारकों की पहचान भी आवश्यक है जिनके चलते पुरुषों में इंफर्टिलिटी की समस्या बढती है। (Male Infertility Reason)
इनफर्टिलिटी हमारी जीवनशैली की आदतों पर निर्भर करती है। सही आहार के साथ प्रजनन क्षमता को बेहतर किया जा सकता है। आपको बस यह पता होना चाहिए कि प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाए रखने के लिए क्या खाना चाहिए (Foods to boost Fertility) और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
बांझपन या इनफर्टिलिटी की समस्या (Infertility problem) आज एक आम बात हो गई है। दिनों-दिन बढ़ती जा रही इस समस्या से ग्रस्त लोगों के तनाव को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों की कोशिशों ने काफी सफलता प्राप्त की है। अब कई तकनीक ऐसे आ गए हैं, जो आपको मां-बाप बनने की खुशी देने के लिए काफी हैं।
आपका आहार और लाइफस्टाइल दोनों ही आपकी एजिंग की रफ्तार के लिए जिम्मेदार हैं। लाइफस्टाइल संबंधी छोटी-छोटी गलतियां समय से पहले ही आपका निखार और ताजगी छीन रहे हैं।
Causes of Infertility: सिर्फ महिलाओं में ही नहीं बल्कि बांझपन की समस्या कई बार पुरुषों में भी देखने को मिल सकती है। बांझपन के कारण की बात करें तो इनमें कई बार सर्जरी के दौरान फैलोपियन ट्यूब को नुकसान होना, तनाव, पीसीओएस की बीमारी होना, या फिर हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है।