नवजात शिशु के लिए स्तनपान जरूरी है, मगर जानिए जन्म के बाद शिशु को स्तनपान कब नहीं कराना चाहिए?
यह साबित हो चुका है कि लंबे समय तक स्तनपान कराने से मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है।
यह साबित हो चुका है कि लंबे समय तक स्तनपान कराने से मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है।
Breastfeeding week 2022: समय बदल रहा है, सोच बदल रही है लेकिन आज भी मां अपने बच्चों को आंचल और दुप्पटे में छिपा कर दूध पिलाती हैं। क्यों? जानते हैं इस हिचक का कारण और इससे कैसे बाहर निकलें।
इस लेख में पढ़ें ब्रेस्टफीडिंग के दौरान होनेवाली तकलीफों और दर्द के कारण और उनसे राहत के उपायों के बारे में। (Pain in breast during breastfeeding)
मां और शिशु का रिश्ता दुनिया में सबसे प्यारा और गहरा होता है। इस रिश्ते की डोर को मजबूत करने में स्तनपान अहम भूमिका निभाता है। स्तनपान यानि कि मां द्वारा अपने शिशु को दूध पिलाना। जब एक मां अपने बच्चे को सीने से लगाकर दूध पिलाती है तो दोनों के बीच में जबरदस्त बॉन्डिंग बनती है। लेकिन कई बार ब्रेस्टफीडिंग कुछ कारणों की वजह से परेशानी का सबब बन जाता है। जो महिलाएं पहली बार मां बनती हैं उन्हें ब्रेस्टफीडिंग के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक (World Breastfeeding Week) के मौके पर हम स्तनपान कराने वाली नई मांओं के लिए स्तनपान से संबंधित कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं जो उन्हें पता होनी चाहिए।
ब्रेस्टफीडिंग मदर्स के लिए कुछ आजमाएं हुए नुस्खे जिनकी सलाह देती हैं भारतीय महिलाएं
स्तनपान कराने वाली महिला अगर गंभीर बीमारियों जैसे - कैंसर, एचआईवी से ग्रस्त हो तो यह खतरनाक हो सकती है. धूम्रपान, अल्कोहल या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने वाली महिला से बच्चे को वेट नर्सिंग या ब्रेस्ट फीडिंग नहीं कराना चाहिए. इसके अलावा किसी तरह की रेगुलर दवा का सेवन अगर महिला करती है तो स्तनपान खतरनाक हो सकता है.
ब्रेस्टफीडिंग बेबी के लिए बहुत जरूरी है। पर ज्यादातर नई मांओं को इसमें शुरूआत में परेशानी होती है। इसके लिए जरूरी है कि आप ब्रेस्टफीडिंग और बेबी केयर टिप्स के बारे में भी जानें।
यह साबित हो चुका है कि लंबे समय तक स्तनपान कराने से मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है।
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