इन 3 फूड्स को खाने से पहले हो जाएं सावधान, बढ़ सकता है इनसे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा
जानें उन ऐसे फूड्स के बारे में जिनके अधिक सेवन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
जानें उन ऐसे फूड्स के बारे में जिनके अधिक सेवन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कैंसर एक जानलेवा रोग है जिससे पूरी दुनिया में अधिकांश लोग प्रभावित हैं। भारत में कुछ राज्य ऐसे हैं जिनके ऊपर कैंसर का बोझ सबसे ज्यादा है।
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है, जिससे हर साल लाखों महिलाएं पीड़ित होती हैं. यहां हम आपको ब्रेस्ट कैंसर के कारण और इससे बचने के उपाय बता रहे हैं.
भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के रिसर्चर्स ने उस तंत्र की पहचान की है जिसके द्वारा ब्रेस्ट कैंसरस सेल्स बढ़ती हैं और फैलती हैं। (Breast Cancer Progression Causes)
डॉक्टर कहते हैं कि यदि ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) से पीड़ित कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमण का शिकार होता है तो उसे बिना देर किए डॉक्टर से मिलना चाहिए और इलाज शुरू कराना चाहिए।
यह खोज जामिया स्थित जैव प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. मोहम्मद असकंदर इकबाल और उनकी टीम ने की है। डॉ. मोहम्मद असकंदर इकबाल ने ग्लूकोज उपयोगिता को विनियमित करते हुए स्तन कैंसर में सीबीएक्स2 और सीबीएक्स7 जीन की भूमिका की खोज की। संक्षेप में, यह अध्ययन सीबीएक्स2 प्रो-कैंसर की भूमिका को दर्शाता है, जबकि सीबीएक्स7 एंटी-कैंसर, स्तन कैंसर में ग्लूकोज मेटाबोलिज्म पर उनके प्रभाव पर आधारित है। ( Breast Cancer Gene)
शोधकर्ताओं ने 1990 से 2014 के बीच के समय के डाटा के आधार भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं में यह शोध किया है। अमेरिका में रटगर्स विश्वविद्यालय से लेखक जया एम सतगोपन ने कहा कि हमारे परिणाम भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं में स्तन कैंसर के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं, कई परिकल्पनाओं का सुझाव देते हुए भविष्य के वैज्ञानिक अध्ययनों को जोखिम कारकों को बेहतर ढंग से समझने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।
हाल ही में एक स्टडी में दावा किया गया कि दूध पीने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इस स्टडी को इंटरनेशनल जर्नल ऑफएपिडेमिलॉजी में प्रकाशित किया गया।
कुछ रिचर्स और स्टडीज़ ने इस ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है कि, ब्रेस्ट कैंसर के लिए डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन किस तरीके से नुकसान दायक साबित हो सकता है। कुछ रिसर्च ( में यह बात कही गयी है कि बहुत अधिक मात्रा में डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन करने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की बहन सायमा तामसी सिद्दीकी ने आठ सालों तक कैंसर से लड़ने के बाद आखिरकार दम तोड़ दिया। सायमा जब 18 साल की थी, तभी उनके स्तन कैंसर (Breast cancer) से पीड़ित होने की जानकारी मिली थी।
स्तन कैंसर एकमात्र कैंसर है, जिसका इलाज 100 फीसदी संभव है, लेकिन यह तब संभव है, जब इसका निदान (breast cancer treatment) समय पर हो जाए। समय पर निदान और नियमित जांच के द्वारा स्तन कैंसर से निपटना आसान हो जाता है।
हमारे देश में पिछले साल तक लगभग 1,62,468 ब्रेस्ट कैंसर के नए मामले दर्ज हुए। जबकि इनमें भी 87,090 की मृत्यु ब्रेस्ट कैंसर से हुई।
ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते जोखिम के बीच यह जरूरी है कि हम सभी इसके लिए सतर्क हो जाएं। खासतौर से बीस वर्ष की उम्र पार करने के बाद हर महिला को सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करना जरूरी है।
शोधकर्ताओं ने चुहियों पर किए गए एक शोध में यह निष्कर्ष निकाला है कि स्तन कैंसर में मौजूद कैंसर सेल को फैट सेल में बदल कर उसका बढ़ना रोका जा सकता है।
लाल मांस की पहचान एक संभावित कार्सिनोजेन के रूप में की गई है। हमारे अध्ययन में और अधिक सबूत मिले हैं कि लाल मांस स्तन कैंसर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हो सकता है, जबकि पोल्ट्री कम जोखिम के साथ जुड़ी हुई मिली।
हाल ही में हुए शोध में यह सामने आया है कि ब्रेस्ट कैंसर और बाउल कैंसर से लड़ने में मोटापा मुश्किल खड़ी कर सकता है। जिसका डर महिलाओं में सबसे ज्यादा है।
अगर आपकी दिनचर्या संतुलित नहीं है, उसमें व्याएयाम और योग शामिल नहीं है, तो आपके किसी भी बीमारी की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है। ब्रेस्टक कैंसर के लिए उत्तसरदायी अन्य कारणों में ये दो कारण भी हैं। हाल ही में हुए अध्यउयन में यह सामने आया है कि ब्रेस्टद कैंसर के इलाज के बाद भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है।
स्तन कैंसर के मरीजों में अब तक सिर्फ 13% मामले ही ऐसे देखे गए हैं, जिनमें रोगी के किसी नजदीकी रिश्तेदार को भी स्तन कैंसर रहा हो। इसके विपरीत ऐसा भी नहीं है कि अगर आपके परिवार में किसी को भी कैंसर नहीं हुआ है, तो आपको भी स्तन कैंसर का खतरा नहीं है।
जानें उन ऐसे फूड्स के बारे में जिनके अधिक सेवन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कैंसर एक जानलेवा रोग है जिससे पूरी दुनिया में अधिकांश लोग प्रभावित हैं। भारत में कुछ राज्य ऐसे हैं जिनके ऊपर कैंसर का बोझ सबसे ज्यादा है।
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है, जिससे हर साल लाखों महिलाएं पीड़ित होती हैं. यहां हम आपको ब्रेस्ट कैंसर के कारण और इससे बचने के उपाय बता रहे हैं.
भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के रिसर्चर्स ने उस तंत्र की पहचान की है जिसके द्वारा ब्रेस्ट कैंसरस सेल्स बढ़ती हैं और फैलती हैं। (Breast Cancer Progression Causes)
डॉक्टर कहते हैं कि यदि ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) से पीड़ित कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमण का शिकार होता है तो उसे बिना देर किए डॉक्टर से मिलना चाहिए और इलाज शुरू कराना चाहिए।
यह खोज जामिया स्थित जैव प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. मोहम्मद असकंदर इकबाल और उनकी टीम ने की है। डॉ. मोहम्मद असकंदर इकबाल ने ग्लूकोज उपयोगिता को विनियमित करते हुए स्तन कैंसर में सीबीएक्स2 और सीबीएक्स7 जीन की भूमिका की खोज की। संक्षेप में, यह अध्ययन सीबीएक्स2 प्रो-कैंसर की भूमिका को दर्शाता है, जबकि सीबीएक्स7 एंटी-कैंसर, स्तन कैंसर में ग्लूकोज मेटाबोलिज्म पर उनके प्रभाव पर आधारित है। ( Breast Cancer Gene)
शोधकर्ताओं ने 1990 से 2014 के बीच के समय के डाटा के आधार भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं में यह शोध किया है। अमेरिका में रटगर्स विश्वविद्यालय से लेखक जया एम सतगोपन ने कहा कि हमारे परिणाम भारतीय और पाकिस्तानी महिलाओं में स्तन कैंसर के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं, कई परिकल्पनाओं का सुझाव देते हुए भविष्य के वैज्ञानिक अध्ययनों को जोखिम कारकों को बेहतर ढंग से समझने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।
हाल ही में एक स्टडी में दावा किया गया कि दूध पीने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इस स्टडी को इंटरनेशनल जर्नल ऑफएपिडेमिलॉजी में प्रकाशित किया गया।
कुछ रिचर्स और स्टडीज़ ने इस ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है कि, ब्रेस्ट कैंसर के लिए डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन किस तरीके से नुकसान दायक साबित हो सकता है। कुछ रिसर्च ( में यह बात कही गयी है कि बहुत अधिक मात्रा में डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन करने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की बहन सायमा तामसी सिद्दीकी ने आठ सालों तक कैंसर से लड़ने के बाद आखिरकार दम तोड़ दिया। सायमा जब 18 साल की थी, तभी उनके स्तन कैंसर (Breast cancer) से पीड़ित होने की जानकारी मिली थी।
स्तन कैंसर एकमात्र कैंसर है, जिसका इलाज 100 फीसदी संभव है, लेकिन यह तब संभव है, जब इसका निदान (breast cancer treatment) समय पर हो जाए। समय पर निदान और नियमित जांच के द्वारा स्तन कैंसर से निपटना आसान हो जाता है।
हमारे देश में पिछले साल तक लगभग 1,62,468 ब्रेस्ट कैंसर के नए मामले दर्ज हुए। जबकि इनमें भी 87,090 की मृत्यु ब्रेस्ट कैंसर से हुई।
ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते जोखिम के बीच यह जरूरी है कि हम सभी इसके लिए सतर्क हो जाएं। खासतौर से बीस वर्ष की उम्र पार करने के बाद हर महिला को सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करना जरूरी है।
शोधकर्ताओं ने चुहियों पर किए गए एक शोध में यह निष्कर्ष निकाला है कि स्तन कैंसर में मौजूद कैंसर सेल को फैट सेल में बदल कर उसका बढ़ना रोका जा सकता है।
लाल मांस की पहचान एक संभावित कार्सिनोजेन के रूप में की गई है। हमारे अध्ययन में और अधिक सबूत मिले हैं कि लाल मांस स्तन कैंसर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हो सकता है, जबकि पोल्ट्री कम जोखिम के साथ जुड़ी हुई मिली।
हाल ही में हुए शोध में यह सामने आया है कि ब्रेस्ट कैंसर और बाउल कैंसर से लड़ने में मोटापा मुश्किल खड़ी कर सकता है। जिसका डर महिलाओं में सबसे ज्यादा है।
अगर आपकी दिनचर्या संतुलित नहीं है, उसमें व्याएयाम और योग शामिल नहीं है, तो आपके किसी भी बीमारी की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है। ब्रेस्टक कैंसर के लिए उत्तसरदायी अन्य कारणों में ये दो कारण भी हैं। हाल ही में हुए अध्यउयन में यह सामने आया है कि ब्रेस्टद कैंसर के इलाज के बाद भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है।
स्तन कैंसर के मरीजों में अब तक सिर्फ 13% मामले ही ऐसे देखे गए हैं, जिनमें रोगी के किसी नजदीकी रिश्तेदार को भी स्तन कैंसर रहा हो। इसके विपरीत ऐसा भी नहीं है कि अगर आपके परिवार में किसी को भी कैंसर नहीं हुआ है, तो आपको भी स्तन कैंसर का खतरा नहीं है।
अक्तूबर को दुनियाभर में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के तौर पर मनाया जाता है।