ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ : ब्रेस्ट कैंसर से बचना है तो खाएं इस खास रंग के फल और सब्जियां
महिलाएं आंतरिक अंगों से जुड़ी समस्याओं को लेकर चर्चा करने में संकोच करती हैं। जबकि स्तन कैंसर जैसी समस्याएं प्राणघाती भी साबित हो सकती हैं।
महिलाएं आंतरिक अंगों से जुड़ी समस्याओं को लेकर चर्चा करने में संकोच करती हैं। जबकि स्तन कैंसर जैसी समस्याएं प्राणघाती भी साबित हो सकती हैं।
इस वॉकाथॉन में स्तन कैंसर से निजात पा चुकीं 16 महिलाओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम की थीम रही 'डर से स्वतंत्रता'
3 डी मैमोग्राम में बेहतर नतीजों के लिए ब्रेस्ट की कई तस्वीरें विभिन्न एंगलों से ली जाती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ 2018 : बचना है ब्रेस्ट कैंसर से, तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपचार
नियमित लाइफस्टाइल में कुछ चीजों को शामिल करना, स्तर कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।
अक्तूबर को दुनियाभर में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के तौर पर मनाया जाता है।
विभिन्न स्टडीज़ में इन सब्ज़ियों-फलों में ऐसे तत्वों की मौजूदगी की बात की गयी है जो ब्रेस्ट कैंसर के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों में युवा महिलाएं भी इसकी चपेट में आ रही हैं। ऐसे में 3डी मैमोग्राफी युवा महिलाओं में स्तन कैंसर को पकड़ने में कारगर टूल के रूप में देखी जा रही है। स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों पर
कैंसर से पीड़ित मरीज को बहुत अधिक सकारात्मकता की जरूरत होती है। उसे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक मजबूती की आवश्यकता होती है।
हाल ही में हुए एक शोध की माने तो हाई प्रोटीन के लिए उपयोग में लाए जाने वाले सोया प्रोडक्ट्स ब्रेस्ट कैंसर के कारक के रूप में काम करता है।
माँ बनने वाली स्त्री के स्तनों में कई तरह के बदलाव आते हैं। यही कारण है कि ज़्यादातर स्तन कैंसर का पता एडवांस स्टेज में लगता है।
ब्रेस्ट कैंसर इस समय सबसे ज्यादा होने वाले कैंसरों में से एक है। इसको लेकर महिलाओं में जागरूकता की बेहद जरूरत होती है।
बढ़ती उम्र के साथ कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट में छोटी-छोटी गांठ बनने लगती हैं। ज्यादातर महिलाएं इसे ब्रेस्ट कैंसर का संकेत समझ लेती हैं जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि हर गांठ ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है।
इस सर्वे से ये बात तो स्पष्ट हो जाती है कि अधिक उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना तो है ही इसके साथ उनकी मौत की संभावना भी ज्यादा है।
भारत में हर साल स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या में एक लाख में से तीस की औसत से इजाफा हो रहा है।
आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा की इस आशय की तस्वीर।
यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन 2 पत्ते तुलसी की चबाता है तो वह कई गंभीर रोगों से बचा रह सकता है। इतना ही नहीं तुलसी के सिर्फ 2 पत्तों को नियमित रूप से चबाने से महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से बची रह सकती हैं।
3 डी मैमोग्राम में बेहतर नतीजों के लिए ब्रेस्ट की कई तस्वीरें विभिन्न एंगलों से ली जाती हैं।
विभिन्न स्टडीज़ में इन सब्ज़ियों-फलों में ऐसे तत्वों की मौजूदगी की बात की गयी है जो ब्रेस्ट कैंसर के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों में युवा महिलाएं भी इसकी चपेट में आ रही हैं। ऐसे में 3डी मैमोग्राफी युवा महिलाओं में स्तन कैंसर को पकड़ने में कारगर टूल के रूप में देखी जा रही है। स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों पर
कैंसर से पीड़ित मरीज को बहुत अधिक सकारात्मकता की जरूरत होती है। उसे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक मजबूती की आवश्यकता होती है।
हाल ही में हुए एक शोध की माने तो हाई प्रोटीन के लिए उपयोग में लाए जाने वाले सोया प्रोडक्ट्स ब्रेस्ट कैंसर के कारक के रूप में काम करता है।
माँ बनने वाली स्त्री के स्तनों में कई तरह के बदलाव आते हैं। यही कारण है कि ज़्यादातर स्तन कैंसर का पता एडवांस स्टेज में लगता है।
ब्रेस्ट कैंसर इस समय सबसे ज्यादा होने वाले कैंसरों में से एक है। इसको लेकर महिलाओं में जागरूकता की बेहद जरूरत होती है।
बढ़ती उम्र के साथ कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट में छोटी-छोटी गांठ बनने लगती हैं। ज्यादातर महिलाएं इसे ब्रेस्ट कैंसर का संकेत समझ लेती हैं जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि हर गांठ ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है।
इस सर्वे से ये बात तो स्पष्ट हो जाती है कि अधिक उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना तो है ही इसके साथ उनकी मौत की संभावना भी ज्यादा है।
भारत में हर साल स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या में एक लाख में से तीस की औसत से इजाफा हो रहा है।
आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा की इस आशय की तस्वीर।
यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन 2 पत्ते तुलसी की चबाता है तो वह कई गंभीर रोगों से बचा रह सकता है। इतना ही नहीं तुलसी के सिर्फ 2 पत्तों को नियमित रूप से चबाने से महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से बची रह सकती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ में जानें ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े विभिन्न पहलू।
सेरेना ने इस वीडियो के माध्यम से संदेश दे रही हैं कि महिलाओं को अपने आपको खुद टच करके देखते रहना चाहिए।
स्तन कैंसर पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय महिलाओं को कम उम्र में भी शिकार बना रहा है।
महिलाओं के सेक्स हार्मोन और अन्य कारण भी करते हैं प्रभावित।
एवॉन ने 'पेअटेंशन' अभियान के लिए राष्ट्रीय थीम तैयार किया है।
डॉक्टर से जानें कि सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, टारगेट थेरेपी या रेडिएशन, क्या है बेस्ट।