इन 5 बुरी आदतों से दिमाग उम्र से पहले होने लगता है कमजोर, ज्यादातर लोग करते हैं ये गलतियां
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है वैसे ही हमारे दिमाग में कुछ ऐसी आदतें बनती जाती हैं उन्हें अच्छा नहीं कहा जा सकता। आइए जानते हैं ऐसी बीमारियों के बारे में।
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है वैसे ही हमारे दिमाग में कुछ ऐसी आदतें बनती जाती हैं उन्हें अच्छा नहीं कहा जा सकता। आइए जानते हैं ऐसी बीमारियों के बारे में।
नसों की कमजोरी के लक्षण: नसों में कमजोरी कई बार ब्रेन से शुरू होती है और पूरे शरीर तक पहुंचने लगती है। ऐसे में जरूरी ये है कि आप इसके कारणों और लक्षणों के बारे में जानें।
हमें अपनी ब्रेन पॉवर को बढ़ाने के लिए अपनी डाइट में कुछ ऐसे ब्रेन फूड को शामिल करने की आवश्यकता है, जो बुढ़ापे तक आपकी याददाश्त और सोचने समझने की क्षमता को बरकरार रखें। यहां हम आपको ऐसे ही 5 फूड के बारे में बता रहे हैं.
Almond Vs Walnut: बादाम और अखरोट दोनों को ही ब्रेन फूड के तौर पर जाना जाता है, लेकिन अगर आप दिमाग तेज करने के लिए सिर्फ बादाम का सेवन करते हैं तो यह लेख आपको चौंकाने वाला है।
कमजोर दिमाग अक्सर बहुत सारी भावनाएं और विचार चलते हैं जो कि दिमाग को क्रियात्मक सोचने से रोकते हैं।
क्योंकि कई शोधों में यह पाया गया है कि जो लोग रोजाना 30 मिनट तक साइकिल चलाते हैं. वो सदा जवान रहते हैं. अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनीवर्सिटी में हुए एक शोध में उम्र कम दिखने के उपाय में सबसे कारगर पाया गया है.
Symptoms Of Dyslexia Hindi: यदि आपका बच्चा शब्दों को सही ढंग से बोलने या लिखने में परेशानी महसूस (पढ़ने लिखने की अक्षमता) करता है, तो उसे डिस्लेक्सिया हो सकता है।
अगर आप अपनी दिमागी शक्ति को बढ़ाने के तरीके ढूंढ रहे हैं और वो भी सस्ते तो कहीं जाने की जरूरत नहीं है। पढें ऐसे 9 तरीके, जो आपकी दिमागी शक्ति को बनाएंगे तेज।
अमेरिका के फ्लोरिडा शहर से दुर्लभ प्रजाति का अमीबा मिला है। ये अमीबा इंसान के दिमाग को नुकसान पहुंचा रहा है। जानकारी के अनुसार, मानव के दिमाग को नष्ट करने वाले अमीबा का नाम ‘नेगलेरिया फाउलेरी’ है।
हमारे देश में लगभग 33000 लोग इस बीमारी के साथ जी रहे हैं। हालांकि दुनिया भर में यह आंकड़ा हर 500 जीवित जन्म में से एक का है। इस बीमारी को समझने के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि यह कितने प्रकार का होता है।
अध्ययन में पाया गया कि गुस्से वाली आवाज सुनने पर हमारा दिमाग बहुत तेजी से संवेदनशील हो जाता है।
कोलीन एसिट्लोक्लिन के उत्पादन में शरीर की मदद करने के लिए जाना जाता है, एक न्यूरोट्रांसमीटर जो अच्छी मनोदशा और स्मृति को नियंत्रित करता है।
इस बीमारी के कारण आपको कई समस्याएं होने लगती हैं, जैसे हमेशा कंफ्यूज रहना, दिमाग कमजोर होना, याददाश्त प्रभावित होना, किसी भी काम में एकाग्र न होना।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई लोगों को दिमाग से संबंधित समस्याएं या कमजोरी होने लगती है।
नजदीकी दोस्तों से भी प्रत्यक्ष मिलने की बजाय सोशल मीडिया और वीडियो चैट से कर रहे हैं संपर्क।
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है वैसे ही हमारे दिमाग में कुछ ऐसी आदतें बनती जाती हैं उन्हें अच्छा नहीं कहा जा सकता। आइए जानते हैं ऐसी बीमारियों के बारे में।
नसों की कमजोरी के लक्षण: नसों में कमजोरी कई बार ब्रेन से शुरू होती है और पूरे शरीर तक पहुंचने लगती है। ऐसे में जरूरी ये है कि आप इसके कारणों और लक्षणों के बारे में जानें।
Almond Vs Walnut: बादाम और अखरोट दोनों को ही ब्रेन फूड के तौर पर जाना जाता है, लेकिन अगर आप दिमाग तेज करने के लिए सिर्फ बादाम का सेवन करते हैं तो यह लेख आपको चौंकाने वाला है।
कमजोर दिमाग अक्सर बहुत सारी भावनाएं और विचार चलते हैं जो कि दिमाग को क्रियात्मक सोचने से रोकते हैं।
क्योंकि कई शोधों में यह पाया गया है कि जो लोग रोजाना 30 मिनट तक साइकिल चलाते हैं. वो सदा जवान रहते हैं. अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनीवर्सिटी में हुए एक शोध में उम्र कम दिखने के उपाय में सबसे कारगर पाया गया है.
Symptoms Of Dyslexia Hindi: यदि आपका बच्चा शब्दों को सही ढंग से बोलने या लिखने में परेशानी महसूस (पढ़ने लिखने की अक्षमता) करता है, तो उसे डिस्लेक्सिया हो सकता है।
अगर आप अपनी दिमागी शक्ति को बढ़ाने के तरीके ढूंढ रहे हैं और वो भी सस्ते तो कहीं जाने की जरूरत नहीं है। पढें ऐसे 9 तरीके, जो आपकी दिमागी शक्ति को बनाएंगे तेज।
अमेरिका के फ्लोरिडा शहर से दुर्लभ प्रजाति का अमीबा मिला है। ये अमीबा इंसान के दिमाग को नुकसान पहुंचा रहा है। जानकारी के अनुसार, मानव के दिमाग को नष्ट करने वाले अमीबा का नाम ‘नेगलेरिया फाउलेरी’ है।
हमारे देश में लगभग 33000 लोग इस बीमारी के साथ जी रहे हैं। हालांकि दुनिया भर में यह आंकड़ा हर 500 जीवित जन्म में से एक का है। इस बीमारी को समझने के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि यह कितने प्रकार का होता है।
अध्ययन में पाया गया कि गुस्से वाली आवाज सुनने पर हमारा दिमाग बहुत तेजी से संवेदनशील हो जाता है।
कोलीन एसिट्लोक्लिन के उत्पादन में शरीर की मदद करने के लिए जाना जाता है, एक न्यूरोट्रांसमीटर जो अच्छी मनोदशा और स्मृति को नियंत्रित करता है।
इस बीमारी के कारण आपको कई समस्याएं होने लगती हैं, जैसे हमेशा कंफ्यूज रहना, दिमाग कमजोर होना, याददाश्त प्रभावित होना, किसी भी काम में एकाग्र न होना।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई लोगों को दिमाग से संबंधित समस्याएं या कमजोरी होने लगती है।
नजदीकी दोस्तों से भी प्रत्यक्ष मिलने की बजाय सोशल मीडिया और वीडियो चैट से कर रहे हैं संपर्क।
हमें अपनी ब्रेन पॉवर को बढ़ाने के लिए अपनी डाइट में कुछ ऐसे ब्रेन फूड को शामिल करने की आवश्यकता है, जो बुढ़ापे तक आपकी याददाश्त और सोचने समझने की क्षमता को बरकरार रखें। यहां हम आपको ऐसे ही 5 फूड के बारे में बता रहे हैं.