भारत में बनी नेजल वैक्सीन 'इनकोवैक' को Covid-19 बूस्टर डोज के रूप में मिली मंजूरी
भारत बायोटेक के मुताबिक, यह नेजल वैक्सीन बहुत ही व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बना सकती है। यह वैक्सीन न सिर्फ कोरोना के इंफेक्शन, बल्कि इसके फैलाव को भी रोक सकती है।
भारत बायोटेक के मुताबिक, यह नेजल वैक्सीन बहुत ही व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बना सकती है। यह वैक्सीन न सिर्फ कोरोना के इंफेक्शन, बल्कि इसके फैलाव को भी रोक सकती है।
भारत ने फिर रचा इतिहास! COVID को हराने के लिए भारत बायोटेक के इंट्रानैसल वैक्सीन के उपयोग को मिली मंजूरी
पहले से मौजूद बीसीजी वैक्सीन व्यस्कों में बहुत ही कम प्रभावी मानी जाती है और ये बच्चों को बहुत कम अवधि तक ही इम्यूनिटी प्रदान कर पाती है।
कम्पनी के अनुसार, अमेरिका के एमोरी विश्वविद्यालय में की गयी एक स्टडी के निष्कर्षों में यह पाया गया कि, कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक नए वेरिएंट को बेअसर करने में सक्षम
मंगलवार को समिति ने एक बूस्टर के रूप में अपने इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन के क्लिनिकल परीक्षण के लिए वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक के आवेदन पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की। (Intranasal Covid Vaccine In India Update )
कोवैक्सीन भारत में बच्चों के लिए उपयोगी दूसरा स्वीकृत टीका है। इससे पहले जायडस कैडिला की तीन खुराक वाली डीएनए वैक्सीन को 12 साल से अधिक उम्र के वयस्कों और बच्चों पर इस्तेमाल करने की अनुमति थी।
आज से भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को भी यूके में मान्यता मिल गई है.
भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन लैंसेट स्टडी में 78% प्रभावी निकली है।
भारत बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित वैक्सीन को मंजूरी मिलना देश के वैज्ञानिकों की बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 18 वर्ष से छोटे बच्चों के लिए भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा बनायी गयी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) को औपचारिक मंजूरी दे दी है।
भारत बायोटेक कंपनी द्वारा निर्मित कोवैक्सीन की देश भर में भारी कमी है। जनवरी 2021 से शुरू हुए कोरोना ट्राइव के 8 महीने बाद भी 11 भारतीयों में से सिर्फ 1 ही व्यक्ति इस स्वदेशी (कोवैक्सीन) वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त करने में कामयाब रहा है।
भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) के फेज 2 और 3 का ट्रायल जल्द ही 2-18 साल के बच्चों पर होगा। क्लिनिकल ट्रायल में पास होते ही बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine for Children in hindi) लगेगी।
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को कहा है कि उन्हें 12 करोड़ वैक्सीन्स की आवश्यकता है और सरकार उन्हें पर्याप्त मात्रा में कोविड-19 टीके की खुराकें उपलब्ध कराए। (Covid Vaccination in Maharashtra )
एसआईआई ने घोषणा की है कि कोविशिल्ड को राज्य सरकारों को प्रति खुराक 400 रुपये में प्रदान किया जाएगा, जबकि भारत बायोटेक इसके लिए 600 रुपये का शुल्क लेगा।
देश में चल रहे कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड वैक्सीन की पहली खुराक एक मार्च को लगावायी थी। वहीं, वैक्सीन की दूसरी डोज़ प्रधानमंत्री ने आज सुबह एम्स दिल्ली में लगवायी । (Narendra Modi covid vaccine)
भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन (Bharat biotech Covaxin) के फेज 3 क्लिनिकल ट्राय के नतीजे जारी कर कहा कि वैक्सीन पूरी 81 प्रतिशत तक प्रभावित है।
भारत के टॉप ड्रग रेगुलेटर की एक एक्सपर्ट की टीम ने भारत बायोटेक (Bharat Biotech) से बच्चों के लिए कोवैक्;सीन (Covaxin For Children) की प्रभावशीलता को बताने की बात कही है।
गौरतलब है कि कोवाक्सीन (Covaxin) को अतीत में बहुत अधिक आलोचना का सामना करना पड़ा था क्योंकि, वैक्सीनेशन ड्राइव के दौरान ग़लत तरीकों से वैक्सीन को हेल्थ वर्कर्स को लगा दिया गया था। (Covaxin Efficiency)
भारत बायोटेक के मुताबिक, यह नेजल वैक्सीन बहुत ही व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बना सकती है। यह वैक्सीन न सिर्फ कोरोना के इंफेक्शन, बल्कि इसके फैलाव को भी रोक सकती है।
पहले से मौजूद बीसीजी वैक्सीन व्यस्कों में बहुत ही कम प्रभावी मानी जाती है और ये बच्चों को बहुत कम अवधि तक ही इम्यूनिटी प्रदान कर पाती है।
कम्पनी के अनुसार, अमेरिका के एमोरी विश्वविद्यालय में की गयी एक स्टडी के निष्कर्षों में यह पाया गया कि, कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक नए वेरिएंट को बेअसर करने में सक्षम
मंगलवार को समिति ने एक बूस्टर के रूप में अपने इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन के क्लिनिकल परीक्षण के लिए वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक के आवेदन पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की। (Intranasal Covid Vaccine In India Update )
कोवैक्सीन भारत में बच्चों के लिए उपयोगी दूसरा स्वीकृत टीका है। इससे पहले जायडस कैडिला की तीन खुराक वाली डीएनए वैक्सीन को 12 साल से अधिक उम्र के वयस्कों और बच्चों पर इस्तेमाल करने की अनुमति थी।
आज से भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को भी यूके में मान्यता मिल गई है.
भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन लैंसेट स्टडी में 78% प्रभावी निकली है।
भारत बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित वैक्सीन को मंजूरी मिलना देश के वैज्ञानिकों की बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 18 वर्ष से छोटे बच्चों के लिए भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा बनायी गयी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) को औपचारिक मंजूरी दे दी है।
भारत बायोटेक कंपनी द्वारा निर्मित कोवैक्सीन की देश भर में भारी कमी है। जनवरी 2021 से शुरू हुए कोरोना ट्राइव के 8 महीने बाद भी 11 भारतीयों में से सिर्फ 1 ही व्यक्ति इस स्वदेशी (कोवैक्सीन) वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त करने में कामयाब रहा है।
भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) के फेज 2 और 3 का ट्रायल जल्द ही 2-18 साल के बच्चों पर होगा। क्लिनिकल ट्रायल में पास होते ही बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine for Children in hindi) लगेगी।
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को कहा है कि उन्हें 12 करोड़ वैक्सीन्स की आवश्यकता है और सरकार उन्हें पर्याप्त मात्रा में कोविड-19 टीके की खुराकें उपलब्ध कराए। (Covid Vaccination in Maharashtra )
एसआईआई ने घोषणा की है कि कोविशिल्ड को राज्य सरकारों को प्रति खुराक 400 रुपये में प्रदान किया जाएगा, जबकि भारत बायोटेक इसके लिए 600 रुपये का शुल्क लेगा।
देश में चल रहे कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड वैक्सीन की पहली खुराक एक मार्च को लगावायी थी। वहीं, वैक्सीन की दूसरी डोज़ प्रधानमंत्री ने आज सुबह एम्स दिल्ली में लगवायी । (Narendra Modi covid vaccine)
भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन (Bharat biotech Covaxin) के फेज 3 क्लिनिकल ट्राय के नतीजे जारी कर कहा कि वैक्सीन पूरी 81 प्रतिशत तक प्रभावित है।
भारत के टॉप ड्रग रेगुलेटर की एक एक्सपर्ट की टीम ने भारत बायोटेक (Bharat Biotech) से बच्चों के लिए कोवैक्;सीन (Covaxin For Children) की प्रभावशीलता को बताने की बात कही है।
गौरतलब है कि कोवाक्सीन (Covaxin) को अतीत में बहुत अधिक आलोचना का सामना करना पड़ा था क्योंकि, वैक्सीनेशन ड्राइव के दौरान ग़लत तरीकों से वैक्सीन को हेल्थ वर्कर्स को लगा दिया गया था। (Covaxin Efficiency)
कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक का कहना है कि यदि अगर उनकी वैक्सीन से किसी को नुकसान हुआ या कोई साइड इफेक्ट हुआ तो कपंनी उसे मुआवजा (Bharat Biotech Will Give Compensation) देगी।
भारत ने फिर रचा इतिहास! COVID को हराने के लिए भारत बायोटेक के इंट्रानैसल वैक्सीन के उपयोग को मिली मंजूरी