क्यों एक साथ नहीं खाना चाहिए करेला और भिंडी, आयुर्वेद से जुड़ा है यह नियम
कुछ फू्ड्स ऐसे हैं जिनके साथ करेला खाने से स्वास्थ्य को बहुत अधिक नुकसान हो सकता है।
कुछ फू्ड्स ऐसे हैं जिनके साथ करेला खाने से स्वास्थ्य को बहुत अधिक नुकसान हो सकता है।
भोजन के तुरंत बाद पैदल चलने की आदत कैसे आपके डाइजेशन को प्रभावित करती है? साथ ही, ऐसी कई अन्य आदतें भी शेयर की हैं जो हमारे पाचन को नुकसान पहुंचाती है। जानने के लिए आगे पढ़ें...
अगर आप मानसून में स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आप अपनी डाइट में कुछ आयुर्वेदिक चीज़ों को शामिल कर सकते हैं। जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं।
अगर आप पेट के स्वास्थ्य को सुधारना चाहते हैं तो आपको कुछ आयुर्वेदिक टिप्स का पालन करना चाहिए। इससे अच्छी तरह से पाचन होने में भी मदद मिलती है।
ये सभी टिप्स आयुर्वेद के नियमों पर आधारित हैं और इनके अनुसार, गर्मियों में खान-पान रखने से आपको स्वस्थ रहने में मदद हो सकती है।
आयुर्वेद में इन दोनों ही फूड्स का बहुत अधिक सेवन करना मना है। यहां पढ़ें कारण और प्याज-लहसुन के सेवन के सही तरीके।
सही डाइट लेकर और सही फू़ड्स का सेवन करने से शरीर को शक्ति तो मिलती ही है साथ ही कई बीमारियों से रिकवर होने में भी मदद होती है।
इन फूड्स का नियमित सेवन करने से ना केवल मेमरी बढ़ेगी बल्कि ओवरऑल ब्रेन फंक्शन में सुधार होगा।
आयुर्वेद में कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बताया गया है जिन्हें खाने से स्किन की हेल्थ खराब हो सकता है।
मोटापे और बीमारियों से बचना है तो सूर्यास्त के बाद इन फूड्स के सेवन से बचना चाहिए।
पत्तेदार साग न खाएं- आयुर्वेद के मुताबिक आपको बारिश के मौसम में पत्तेदार साग-सब्जियां नहीं खानी चाहिए क्योंकी इनमें कीड़े हो जाते हैं और बारिश के खराब पानी से इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। इसकी जगह आपको करेला, लौकी, परवल, टिंडा, लौकी, कद्दू, यम और शकरकंद का सेवन करना चाहिए।
खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने आयुर्वेदिक आहार उत्पाद को सर्टिफाइड करने के लिए नियमावली जारी कर दी है ताकि इसका लोगों पर विश्वास और बढ़ सके।
बच्चों की भूख बढ़ाने का तरीका : कुछ बच्चे अपनी उम्र से ज्यादा पतले और कमजोर होते हैं। इसके पीछे एक कारण बच्चों में भूख की कमी हो सकती है।
आलिया भट्ट अपनी फिटनेस और खूबसूरती को बनाए रखने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स (Alia Bhatt Follow Ayurveda) फॉलो करती हैं। आइए जानते हैं क्या है वो-
इस लेख में हम आपको डॉ अपर्णा द्वारा सुझाई 6 ऐसी आयुर्वेदिक रेसिपी के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आप कोविड देखभाल के व्यंजनों में शामिल कर सकते हैं।
90% बीमारियां पेट के कारण होती है। अगर आपकी गट हेल्थ (Gut Health) सही नहीं है तो आप मामूली से लेकर क्रोनिक डिजीज तक का शिकार हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आपकी गट हेल्थ एकदम रही रहे।
आयरन की कमी एनिमिया का प्रमुख कारण होता है। आयुर्वेद में इस समस्या का उपचार क्या और किस तरीके की डायट से आयरन की कमी पूरी हो सकती हैं, पढ़ें यहां। (Iron Deficiency Treatment In Ayurveda)
अभिनेता मिलिंद सोमन अच्छी हेल्थ के लिए आयुर्वेद के नियमों के अनुसार, डायट प्लान करने की सलाह देते हैं। (Milind Soman Diet Tips in Hindi)
कुछ फू्ड्स ऐसे हैं जिनके साथ करेला खाने से स्वास्थ्य को बहुत अधिक नुकसान हो सकता है।
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ये सभी टिप्स आयुर्वेद के नियमों पर आधारित हैं और इनके अनुसार, गर्मियों में खान-पान रखने से आपको स्वस्थ रहने में मदद हो सकती है।
आयुर्वेद में इन दोनों ही फूड्स का बहुत अधिक सेवन करना मना है। यहां पढ़ें कारण और प्याज-लहसुन के सेवन के सही तरीके।
सही डाइट लेकर और सही फू़ड्स का सेवन करने से शरीर को शक्ति तो मिलती ही है साथ ही कई बीमारियों से रिकवर होने में भी मदद होती है।
आयुर्वेद में कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बताया गया है जिन्हें खाने से स्किन की हेल्थ खराब हो सकता है।
खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने आयुर्वेदिक आहार उत्पाद को सर्टिफाइड करने के लिए नियमावली जारी कर दी है ताकि इसका लोगों पर विश्वास और बढ़ सके।
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90% बीमारियां पेट के कारण होती है। अगर आपकी गट हेल्थ (Gut Health) सही नहीं है तो आप मामूली से लेकर क्रोनिक डिजीज तक का शिकार हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आपकी गट हेल्थ एकदम रही रहे।
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डिलीवरी के दौरान दर्द होना स्वाभाविक है, मगर उसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए कुछ आयुर्वेदिक टिप्स को जरूर फॉलो करना चाहिए। गर्भधारण में कितनी कैलोरी लेना चाहिए, खाना कैसा होना चाहिए और कौन-कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए इत्यादि।
Ayurvedic Diet Rules: क्या आप भी दुविधा में फंसे हुए हैं कि आपके खाने का तरीका उचित नहीं है तो जानिए डॉक्टर दीक्षा भवसार के द्वारा बताए हुए इन नियमों को।
26 नवंबर को हर साल एंटी-ओबेसिटी डे (Anti-Obesity Day 2020) मनाया जाता है। आज इस मौके पर हम आपको वजन नियंत्रित करने के कुछ उपाय बता रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।
नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि में कुछ लोग पूरे नौ दिन उपवास रखते हैं तो कुछ लोग पहले और आखिरी दिन व्रत रखते हैं। इन नौ दिनों के दौरान वे अपने शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करने के लिए अपने आहार से कुछ फूड्स को बाहर निकाल देते हैं।
भिंडी में क्षारीय गुण होता है। इसमें मौजूद जिलेटिन अपच और एसीडिटी की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। यह फाइबर, विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट तत्वों से भरपूर होता है। हरी भिंडी में फोलिक एसिड, विटामिन ए (vitamin A), विटामिन बी (vitamin B), विटामिन सी, विटामिन के (vitamin K), पोटेशियम, कैल्शियम, एंटीऑक्सिडेंट और कुछ महत्वपूर्ण फाइटोन्यूट्रिएंट पाए जाते हैं।
वजन को कम करने के लिए कई फलों और सब्जियों के जू़स ( Orange Basil Juice for Weight Loss) का सेवन करने की सलाह दी जाती है, लेकिन कुछ ऐसे वेट लॉस ट्रिक्स (Weight Loss Trick) हैं जिन्हें आजमाकर आप अपने बेली फैट को कम कर सकते हैं।
अगर आप पेट के स्वास्थ्य को सुधारना चाहते हैं तो आपको कुछ आयुर्वेदिक टिप्स का पालन करना चाहिए। इससे अच्छी तरह से पाचन होने में भी मदद मिलती है।
इन फूड्स का नियमित सेवन करने से ना केवल मेमरी बढ़ेगी बल्कि ओवरऑल ब्रेन फंक्शन में सुधार होगा।
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बरसात में खुद को बीमार होने से बचाने से कुछ ज़रूरी एहतियात बरतनी चाहिए। खासकर, मॉनसून में डायट से जुड़ी गलतियां आपकी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। (Ayurvedic Diet Tips for Monsoon in Hindi)
आयुर्वेद में गर्मियों के मौसम में बीमारियों से बचने के लिए विभिन्न प्रकार की सावधानियां और परहेज बताए गए हैं। जैसा कि आयुर्वेद में भोजन की मदद से स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जाता है। ठीक वैसे ही गर्मियों के मौसम में भी आयुर्वेद डायट में बदलाव की सलाह देता है। (Ayurvedic Drinks for Summer season)
‘विरुद्ध आहार’ के नियमों के अनुसार, कुछ चीज़ों का सेवन एकसाथ कभी नहीं करना चाहिए। क्योंकि, इन चीज़ों को बार-बार एकसाथ खाने से कई बीमारियां हो सकती हैं। (Harmful Food Combinations)
हेल्दी रहने के लिए आपको रात का खाना खाते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। यहां पढ़ें आयुर्वेद के कुछ भोजन संबंधी नियम जो जुड़े हैं आपके डिनर यानि रात के खाने से। इन नियमों का पालन करने से आप कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से बच सकते हैं और जी सकते हैं एक हेल्दी और लम्बा जीवन।(Ayurvedic Diet Tips for Dinner)
Winter Diet Tips: जानिए कुछ जरूरी आयुर्वेदिक टिप्स, जिनको अपनाकर आप सर्दियों में भी हेल्दी रह सकते हैं।
वजन को कम करने में सब्जियां (Weight Loss Vegetables) आपकी मदद कर सकती हैं। सब्जियों में कम कैलोरी और उच्च फाइबर (Weight Loss Vegetables) होती है। आइए जानते हैं वजन को कम करने के लिए किन सब्जियों को डाइट में शामिल करना चाहिए।
ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ 2018 : बचना है ब्रेस्ट कैंसर से, तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपचार
पीलिया से पीड़ित हैं तो कभी भी शराब पीने की गलती ना करें इससे आपकी जान भी जा सकती है!
Jaundice होने पर क्या खाने से जल्दी ठीक होता है?
इन खाद्य पदार्थों से परहेज नहीं किया तो यह आपके लीवर के लिए बहुत बुरे साबित हो सकते हैं।
अगर आप मानसून में स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आप अपनी डाइट में कुछ आयुर्वेदिक चीज़ों को शामिल कर सकते हैं। जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं।
पत्तेदार साग न खाएं- आयुर्वेद के मुताबिक आपको बारिश के मौसम में पत्तेदार साग-सब्जियां नहीं खानी चाहिए क्योंकी इनमें कीड़े हो जाते हैं और बारिश के खराब पानी से इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। इसकी जगह आपको करेला, लौकी, परवल, टिंडा, लौकी, कद्दू, यम और शकरकंद का सेवन करना चाहिए।
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