अस्थमा से पीड़ित बच्चों का ध्यान कैसे रखें; माता-पिता जरूर जानें ये 4 उपाय
Asthma In Children: अस्थमा से पीड़ित बच्चों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। पेरेंट्स अपने अस्थमा से ग्रसित बच्चों का ध्यान कुछ आसान टिप्स की मदद से कर सकते हैं।
Asthma In Children: अस्थमा से पीड़ित बच्चों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। पेरेंट्स अपने अस्थमा से ग्रसित बच्चों का ध्यान कुछ आसान टिप्स की मदद से कर सकते हैं।
अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो रह-रह हो सकती है। ऐसे में आपको अपने खान-पान को लेकर सर्तक रहना चाहिए। इसलिए जानते हैं अस्थमा में क्या खाएं और किन चीजों को खाने से परहेज करें।
एलोपैथ में अस्थमा का जड़ से उपचार नहीं है, बल्कि इसके लक्षणों को शांत कर अस्थमा अटैक से बचाव किया जा सकता है। मगर आयुर्वेद में अस्थमा का उपचार संभव है।
एक शोध में ये पाया गया है कि अगर अस्थमा से पीड़ित लोग हल्का और नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं जैसे रनिंग तो ऐसा करने से उनके फेफड़ों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अस्थमा से पीड़ित लोगों को रनिंग करने से पहले इन तीन बातों पर जरूर विचार करना चाहिए।
फिटकरी एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है और शेविंग करते समय या मसूढ़ों से निकलने वाले खून को रोकने का काम करती है। आप इसका इस्तेमाल नारियल तेल के साथ (Fitkari with coconut oil benefits) करके देखिए, इसके फायदे दोगुने बढ़ जाएंगे।
Tips to avoid asthma attack: विशेषज्ञों के अनुसार, रात में अस्थमा का अटैक कुछ मरीजों में अधिक आता है। इसके कारण अस्थमा रोगी को खांसी आने और सांस की परेशानी इस कदर बढ़ जाती है कि वह रात में ठीक से सो भी नहीं पाता है। आखिर किन कारणों से रात में अस्थमा अटैक आने की संभावना अधिक बढ़ जाती है, जानें यहां...
5 मई को विश्व अस्थमा दिवस है और इस दिन अस्थमा की बीमारी के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि, जहां बाहर की हवा में प्रदूषण है, वहीं घर के अंदर की हवा भी पूरी तरह शुद्ध नहीं है। जी हां, घर के अंदर की हवा भी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। क्योंकि, घर में मौजूद कई चीज़ों से भी प्रदूषण और एलर्जन्स उत्पन्न हो सकते हैं। जो, अस्थमा अटैक का कारण बन सकते हैं। ऐसे में घर के भीतर की हवा को साफ करने की ज़रूरत पड़ सकती है। जिसके लिए आप कुछ उपाय अपना सकते हैं। साथ ही, अस्थमा अटैक से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान भी रखें।
अस्थमा अटैक (asthma causes) रात में ज्यादा होता है. दमा या अस्थमा की खांसी रात में परेशान करने वाली होती है. रात में अस्थमा या दमा के अटैक से बचवा के उपाय जरूरी हैं. घर के अंदर का तापमान और वायु प्रदूषण के साथ कमरे की धूल पर अगर ध्यान रखा जाए तो रात में अस्थमा के अटैक से बच (asthma prevention) सकते हैं.
अस्थमा के मरीजों के लिए वायु प्रदूषण जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में उन्हें बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए घर से कम ही बाहर निकलना चाहिए। अस्थमा का अटैक ना आ जाए, इसके लिए आप अपने घर में कुछ योग का अभ्यास कर सकते (Yoga cures Asthma) हैं।
अस्थमा के लक्षण दिवाली के समय ना ट्रिगर हों, उसके लिए दो योग का अभ्यास (Yoga poses for Asthma) अभी से करना शुरू कर दें।
दिवाली के दिन अस्थमा और दिल के मरीजों को क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए जानें यहां…
बच्चे हंसते, खेलते, उछलते, कूदते ही अच्छे लगते हैं। पर यही बच्चे अगर अस्थमा से ग्रसित हो जाएं तो उनकी इस खुशी, उछल, कूद पर ग्रहण सा लग जाता है। ऐसे में जरूरत है आपकी दोहरी जिम्मेदारी की।
कुछ खास बातों का ध्यान रखकर अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रण में लाया जा सकता है।
अगर आप एक नये शोध के बारे में जानें तो हमेशा प्रयास करेंगे की आप हर रोज हेल्दी खान-पान पर ध्यान दें।
एक्सपर्ट से जानें कि किन स्थितियों में अस्थमा का मरीज रक्तदान कर सकता है।
अस्थमा के लक्षणों की समय पर पहचान और उसका इलाज कर इस पर काबू पाया जा सकता है।
जब खरीदना हो अस्थमा इंहेलर तो रखिए कुछ बातों का ध्यान।
अस्थमा की दवाएं किसी भी तरह से परेशानी पैदा नहीं करती। लेकिन अस्थमा के अन्य पहलुओं के बारे में जानना ज़रूरी हैं।
अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो रह-रह हो सकती है। ऐसे में आपको अपने खान-पान को लेकर सर्तक रहना चाहिए। इसलिए जानते हैं अस्थमा में क्या खाएं और किन चीजों को खाने से परहेज करें।
एलोपैथ में अस्थमा का जड़ से उपचार नहीं है, बल्कि इसके लक्षणों को शांत कर अस्थमा अटैक से बचाव किया जा सकता है। मगर आयुर्वेद में अस्थमा का उपचार संभव है।
एक शोध में ये पाया गया है कि अगर अस्थमा से पीड़ित लोग हल्का और नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं जैसे रनिंग तो ऐसा करने से उनके फेफड़ों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अस्थमा से पीड़ित लोगों को रनिंग करने से पहले इन तीन बातों पर जरूर विचार करना चाहिए।
Tips to avoid asthma attack: विशेषज्ञों के अनुसार, रात में अस्थमा का अटैक कुछ मरीजों में अधिक आता है। इसके कारण अस्थमा रोगी को खांसी आने और सांस की परेशानी इस कदर बढ़ जाती है कि वह रात में ठीक से सो भी नहीं पाता है। आखिर किन कारणों से रात में अस्थमा अटैक आने की संभावना अधिक बढ़ जाती है, जानें यहां...
5 मई को विश्व अस्थमा दिवस है और इस दिन अस्थमा की बीमारी के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि, जहां बाहर की हवा में प्रदूषण है, वहीं घर के अंदर की हवा भी पूरी तरह शुद्ध नहीं है। जी हां, घर के अंदर की हवा भी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। क्योंकि, घर में मौजूद कई चीज़ों से भी प्रदूषण और एलर्जन्स उत्पन्न हो सकते हैं। जो, अस्थमा अटैक का कारण बन सकते हैं। ऐसे में घर के भीतर की हवा को साफ करने की ज़रूरत पड़ सकती है। जिसके लिए आप कुछ उपाय अपना सकते हैं। साथ ही, अस्थमा अटैक से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान भी रखें।
अस्थमा के मरीजों के लिए वायु प्रदूषण जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में उन्हें बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए घर से कम ही बाहर निकलना चाहिए। अस्थमा का अटैक ना आ जाए, इसके लिए आप अपने घर में कुछ योग का अभ्यास कर सकते (Yoga cures Asthma) हैं।
अस्थमा के लक्षण दिवाली के समय ना ट्रिगर हों, उसके लिए दो योग का अभ्यास (Yoga poses for Asthma) अभी से करना शुरू कर दें।
दिवाली के दिन अस्थमा और दिल के मरीजों को क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए जानें यहां…
बच्चे हंसते, खेलते, उछलते, कूदते ही अच्छे लगते हैं। पर यही बच्चे अगर अस्थमा से ग्रसित हो जाएं तो उनकी इस खुशी, उछल, कूद पर ग्रहण सा लग जाता है। ऐसे में जरूरत है आपकी दोहरी जिम्मेदारी की।
कुछ खास बातों का ध्यान रखकर अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रण में लाया जा सकता है।
अगर आप एक नये शोध के बारे में जानें तो हमेशा प्रयास करेंगे की आप हर रोज हेल्दी खान-पान पर ध्यान दें।
एक्सपर्ट से जानें कि किन स्थितियों में अस्थमा का मरीज रक्तदान कर सकता है।
अस्थमा के लक्षणों की समय पर पहचान और उसका इलाज कर इस पर काबू पाया जा सकता है।
जब खरीदना हो अस्थमा इंहेलर तो रखिए कुछ बातों का ध्यान।
अस्थमा की दवाएं किसी भी तरह से परेशानी पैदा नहीं करती। लेकिन अस्थमा के अन्य पहलुओं के बारे में जानना ज़रूरी हैं।
इस एंटीबॉडी की विशेष क्रिया एलर्जी की क्रिया में प्रतिरक्षा तंत्र पर उसके प्रभाव को रोक देती है.
क्या अस्थमा होने पर बच्चों को बादाम खिलाया जा सकता है?
Asthma In Children: अस्थमा से पीड़ित बच्चों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। पेरेंट्स अपने अस्थमा से ग्रसित बच्चों का ध्यान कुछ आसान टिप्स की मदद से कर सकते हैं।
फिटकरी एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है और शेविंग करते समय या मसूढ़ों से निकलने वाले खून को रोकने का काम करती है। आप इसका इस्तेमाल नारियल तेल के साथ (Fitkari with coconut oil benefits) करके देखिए, इसके फायदे दोगुने बढ़ जाएंगे।
अस्थमा अटैक (asthma causes) रात में ज्यादा होता है. दमा या अस्थमा की खांसी रात में परेशान करने वाली होती है. रात में अस्थमा या दमा के अटैक से बचवा के उपाय जरूरी हैं. घर के अंदर का तापमान और वायु प्रदूषण के साथ कमरे की धूल पर अगर ध्यान रखा जाए तो रात में अस्थमा के अटैक से बच (asthma prevention) सकते हैं.