गठिया के मरीजों के लिए किसी जहर से काम नहीं हैं, ये चीजें
गठिया एक जोड़ो के दर्द की बीमारी है और इस बीमारी में किन चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए। आज इस लेख में आपको बताएंगे।
गठिया एक जोड़ो के दर्द की बीमारी है और इस बीमारी में किन चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए। आज इस लेख में आपको बताएंगे।
अर्थराइटिस को कंट्रोल करने में डाइट का अहम रोल है। ऐसे में अर्थराइटिस (Arthritis) में मरीजों को ऐसे फूड आइटम्स को खाने से बचना चाहिए.जिनसे उन्हें कोई नुकसान हो चलिए जानें कौन से हैं वो फूड आइटम
एलोवेरा जोड़ों के दर्द में राहत दिलाने में काफी मदद कर सकता है।इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण गठिया को रोकने में काफी मददगार होते हैं।
अर्थराइटिस के मरीजों को जोड़ों में काफी दर्द और सूजन की परेशानी रहती है। ऐसे में एक्सरसाइज काफी प्रभावी हो सकता है।
Arthritis in Winter : सर्दियों में अर्थराइटिस की परेशानी काफी ज्यादा बढ़ जाती है। इन समस्याओं को कम करने के लिए आप कई तरह के घरेलू उपचार का सहारा ले सकते हैं। आइए जानते हैं अर्थराइटिस की परेशानी कैसे करें कम?
हाल ही में एक नए अध्ययन में ये पाया गया है कि लो फैट वेगन डाइट रूमेटाइड अर्थराइटिस से परेशान मरीजों के जोड़ों के दर्द को कम कर सकती है।
Home Remedy for Arthritis: गठिया का इलाज करने के लिए कई नेचुरल चीजें मौजूद हैं, जिनमें से एक बोसवेलिया भी है। इस लेख में गठिया के मरीजों के लिए बोसवेलिया के लाभों के बारे में बताया गया है।
हड्डियों की तकलीफ झेल रहे बहुत से लोग, और खासतौर से जोड़ों के दर्द से परेशान रहने वाले मरीज़ों को सर्दियों की आमद डराती है। कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? बहुत से लोग, खासतौर से ऐसे बुजुर्ग जो गठिया से ग्रस्त होते हैं, जोड़ों में दर्द और तकलीफ बढ़ने, मोबिलिटी घटने और मांसपेशियों के लचीलेपन में कमी आने की शिकायत करते हैं, जिसकी वजह से मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है।
ठंड के मौसम में नियमित शारीरिक गतिविधियों के साथ संतुलित आहार लेने से मांसपेशियाँ दुरुस्त रहती हैं और जोड़ (ज्वाइंट्स) स्वस्थ रहते हैं। इन बुनियादी तरकीबों से जोड़ों के कष्ट दूर करने, लचीलापन बढ़ाने और मासपेशियों की शक्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी।
आपको बता दें कि अर्थराइटिस के 100 से अधिक विभिन्न प्रकार हैं, जिनमें से प्रत्येक में विभिन्न जोखिम कारक और लक्षण होते हैं। आइए जानते हैं इनमें से एक प्रकार में ।
जिस प्रकार डायबिटीज़, हाइपोथायरायडिज्म या हायपरटेंशन जैसी बीमारियों का भी कोई इलाज नहीं है उसी प्रकार अर्थराइटिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन रोग को नियंत्रित करने के लिए उत्कृष्ट विकल्प हैं।
World Arthritis Day 2021: 'वर्ल्ड अर्थराइटिस डे' पूरी दुनिया में 12 अक्टूबर को मनाया जाता है। गठिया यानी अर्थराइटिस से दुनिया भर में लाखों लोग पीड़ित हैं। यह जोड़ों में होने वाली एक बीमारी है, जिसमें जोड़ों में दर्द, सूजन की समस्या हो जाती है। कुछ हर्ब्स के सेवन से आप अपने ज्वाइंट्स को हेल्दी रख सकते हैं।
अर्थराइटिस शब्द का अर्थ वास्तव में ज्वाइंट इंफ्लेमेशन होता है। अर्थराइटिस से आज दुनिया भर में लाखों लोग परेशान हैं। विश्व गठिया दिवस 2021 (World Arthritis Day 2021) पर जानें, अर्थराइटिस के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में...
विश्व अर्थराइटिस दिवस (World Arthritis Day) के मौके पर हम आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस के बारे में विस्तार से बता रहे हैं. आइए जानते हैं.
हड्डियों को हेल्दी रखने के लिए एक्सरसाइज करने के अलावा सही आहार भी जरूरी है, यहां हम आपको 5 हेल्दी डाइट के बारे में बता रहे हैं जो आपको अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, रिकेट्स और बोन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाएंगे।
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पूरी दुनिया में 12 अक्टूबर को 'वर्ल्ड अर्थराइटिस डे 2020' (World Arthritis Day 2020 in hindi) मनाया जाता है। अर्थराइटिस जोड़ों की एक बीमारी है। जब चलने में तकलीफ हो, जोड़ों में दर्द रहे, तो समझ लें कि आप अर्थराइिटस के शिकार हो रहे हैं। आप अर्थराइटिस से बचना चाहते हैं, तो कुछ हर्ब्स का सेवन करना शुरू कर दें।
आयुर्वेद चिकित्सा में उड़द दाल का सेवन सही माना गया है, तो वहीं दूसरी ओर काली उड़द दाल के सेवन से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। आइए जानते हैं आयुर्वेद में काली उड़द दाल को क्यों अधिक खाने से किया गया है (Urad Dal Side Effects) मना
गठिया एक जोड़ो के दर्द की बीमारी है और इस बीमारी में किन चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए। आज इस लेख में आपको बताएंगे।
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हाल ही में एक नए अध्ययन में ये पाया गया है कि लो फैट वेगन डाइट रूमेटाइड अर्थराइटिस से परेशान मरीजों के जोड़ों के दर्द को कम कर सकती है।
Home Remedy for Arthritis: गठिया का इलाज करने के लिए कई नेचुरल चीजें मौजूद हैं, जिनमें से एक बोसवेलिया भी है। इस लेख में गठिया के मरीजों के लिए बोसवेलिया के लाभों के बारे में बताया गया है।
हड्डियों की तकलीफ झेल रहे बहुत से लोग, और खासतौर से जोड़ों के दर्द से परेशान रहने वाले मरीज़ों को सर्दियों की आमद डराती है। कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? बहुत से लोग, खासतौर से ऐसे बुजुर्ग जो गठिया से ग्रस्त होते हैं, जोड़ों में दर्द और तकलीफ बढ़ने, मोबिलिटी घटने और मांसपेशियों के लचीलेपन में कमी आने की शिकायत करते हैं, जिसकी वजह से मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है।
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आपको बता दें कि अर्थराइटिस के 100 से अधिक विभिन्न प्रकार हैं, जिनमें से प्रत्येक में विभिन्न जोखिम कारक और लक्षण होते हैं। आइए जानते हैं इनमें से एक प्रकार में ।
जिस प्रकार डायबिटीज़, हाइपोथायरायडिज्म या हायपरटेंशन जैसी बीमारियों का भी कोई इलाज नहीं है उसी प्रकार अर्थराइटिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन रोग को नियंत्रित करने के लिए उत्कृष्ट विकल्प हैं।
World Arthritis Day 2021: 'वर्ल्ड अर्थराइटिस डे' पूरी दुनिया में 12 अक्टूबर को मनाया जाता है। गठिया यानी अर्थराइटिस से दुनिया भर में लाखों लोग पीड़ित हैं। यह जोड़ों में होने वाली एक बीमारी है, जिसमें जोड़ों में दर्द, सूजन की समस्या हो जाती है। कुछ हर्ब्स के सेवन से आप अपने ज्वाइंट्स को हेल्दी रख सकते हैं।
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आयुर्वेद चिकित्सा में उड़द दाल का सेवन सही माना गया है, तो वहीं दूसरी ओर काली उड़द दाल के सेवन से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। आइए जानते हैं आयुर्वेद में काली उड़द दाल को क्यों अधिक खाने से किया गया है (Urad Dal Side Effects) मना
अभी तक लोगों को पता है कि जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें कोरोना होने पर ज्यादा खतरा है। यानि कि यदि किसी मधुमेह मरीज को कोरोना हो जाए तो उसके रिकवर होने की संभावना कम है। लेकिन ऐसा नहीं है कि ये संवेदनशील स्थिति सिर्फ शुगर के मरीजों के लिए है। डायबिटीज के साथ ही अर्थराइटिस के मरीजों को भी कोरोना वायरस का काफी खतरा है। अमूमन गठिया जैसा लोग उम्रदराज व्यक्तियों में देखा जाता है। ऐसे में बुजुर्गों को अपना खास रखने की जरूरत है नहीं तो स्थिति जानलेवा हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के चलते शरीर वायरस से लड़ नहीं पाता है। ऐसे में कमजोर इम्युन सिस्टम आपकी जान पर आफत ला सकता है।
मलेरिया की दवा हाइड्रोक्लोरोक्वीन कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी बीच खबरे सामने आ रही हैं कि अब नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के वैज्ञानिक, कोरोवायरस (Coronavirus) के मरीजों पर गठिये की दवा का परीक्षण करने जा रही है। बता दें कि गठिया की दवा पर साफ तौर से चेतावनी दी गई है कि जिन मरीजों को इंफेक्शन हैं, वे इस दवाई का सेवन ना करें। क्योंकि इसे इंफेक्शन और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना हो सकती है। इसके बावजूद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा यह परीक्षण किया जा रहा है।
आर्थराइटिस आमतौर पर 40 साल से अधिक उम्र के लोगों और इनमें भी विशेषकर महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। चूंकि पूरे शरीर का भार घुटने उठाते हैं, इसलिए आर्थराइटिस की समस्या के चलते इन्हें सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस में जोड़ों के साथ कुछ दूसरे अंग या पूरा शरीर भी प्रभावित होता है। हाथ पैरों के जोड़ों में दर्द, सूजन, टेढ़ापन, मांसपेशियों में कमजोरी, बुखार आदि इसके लक्षण हैं।
जोड़ों के दर्द से आपका हाल बेहाल रहता है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है, आप प्रतिदिन 15-15 मिनट संधि मुद्रा (Sandhi Mudra benefits) करें, इससे आपको जरूर लाभ होगा।
बदलते परिवेश में यह बीमारी युवाओं को भी अपनी चपेट में ज्यादा ले रही है। हमारे यहां ओपीडी में 25-30 साल के मरीज भी आते हैं। उन्हें देखकर लगता है कि रुमेटॉएड आर्थराइटिस युवाओं में भी बढ़ रहा है।
लगातार 15 दिन तक सुबह खाली पेट बेकिंग सोडा पीने से एसिड और पेट फूलने की समस्या से निजात मिलती है। अगर आपकी किडनी में स्टोन हैं, तो इसका सेवन करने से स्टोन से भी निजात मिल सकती हैं।
हड्डियों को हेल्दी रखने के लिए एक्सरसाइज करने के अलावा सही आहार भी जरूरी है, यहां हम आपको 5 हेल्दी डाइट के बारे में बता रहे हैं जो आपको अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, रिकेट्स और बोन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाएंगे।
Chives Benefits in Hindi: हरे प्याज की पत्तियों की तरह दिखने वाले चाइव्स का सेवन किया है आपने? नहीं किया तो जरूर खाएं, होंगे सेहत को कई लाभ....
पूरी दुनिया में 12 अक्टूबर को 'वर्ल्ड अर्थराइटिस डे 2020' (World Arthritis Day 2020 in hindi) मनाया जाता है। अर्थराइटिस जोड़ों की एक बीमारी है। जब चलने में तकलीफ हो, जोड़ों में दर्द रहे, तो समझ लें कि आप अर्थराइिटस के शिकार हो रहे हैं। आप अर्थराइटिस से बचना चाहते हैं, तो कुछ हर्ब्स का सेवन करना शुरू कर दें।
अर्थराइटिस यानी गठिया की समस्या अक्सर बढ़ती उम्र में लोगों को परेशान करने लगती है। गठिया (Arthritis) के अलावा अन्य हड्डियों से संबंधित समस्या भी एक उम्र के बाद लोगों को परेशान करने लगती है। हड्डियों को कम उम्र से पर्याप्त कैल्शियम, विटामिन डी की खुराक ना दी जाए, तो हड्डियों की डेंसिटी धीरे-धीरे कम होने लगती है। इससे हड्डियां कभी भी कमजोर होकर टूट सकती हैं। ऐसे में बेहतर है कि आप कम उम्र से ही कैल्शियम से भरपूर डाइट लें। अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून डिजीज (Auto-immune disease) है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही ऊतकों को प्रभावित करता है। इससे शरीर के जोड़ों को नुकसान पहुंचता है और जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या शुरू हो जाती है। जोड़ो की समस्या हो या फिर अर्थराइटिस, आप इनसे बच सकते हैं कुछ प्राकृतिक उपायों (Herbs to cure arthritis) को अपनाकर। अर्थराइटिस से बचना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए तीन हर्ब्स या जड़ी-बूटियों का सेवन करना शुरू कर दें। जानें, उन हर्ब्स के बारे में जो अर्थराइटिस या गठिया की समस्या को दूर (Herbs for arthritis) करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
लौंग में फॉस्फोरस, पोटैशियम, प्रोटीन, आयरन, सोडियम, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
जिन लोगों को गठिया की समस्या होती है, उनके लिए शिमला मिर्च काफी अच्छी होती है।
अर्थराइटिस को कंट्रोल करने में डाइट का अहम रोल है। ऐसे में अर्थराइटिस (Arthritis) में मरीजों को ऐसे फूड आइटम्स को खाने से बचना चाहिए.जिनसे उन्हें कोई नुकसान हो चलिए जानें कौन से हैं वो फूड आइटम
एलोवेरा जोड़ों के दर्द में राहत दिलाने में काफी मदद कर सकता है।इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण गठिया को रोकने में काफी मददगार होते हैं।
अर्थराइटिस के मरीजों को जोड़ों में काफी दर्द और सूजन की परेशानी रहती है। ऐसे में एक्सरसाइज काफी प्रभावी हो सकता है।