अल्जाइमर और डिमेंशिया में क्या अंतर है, सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट से समझिए इनके लक्षण
World Alzheimer's Day 2022: अल्जाइमर और डिमेंशिया को समझने के लिए उसके लक्षणों को जानना जरूरी होता है, यह दोनों ही बीमारी एक जैसी लगती हैं, मगर इनमें कई असमानताएं हैं।
World Alzheimer's Day 2022: अल्जाइमर और डिमेंशिया को समझने के लिए उसके लक्षणों को जानना जरूरी होता है, यह दोनों ही बीमारी एक जैसी लगती हैं, मगर इनमें कई असमानताएं हैं।
World Alzheimer's Day 2022: अल्जाइमर रोग के कारण कई हो सकते हैं। जिसमें कि शरीर में कुछ विटामिन की कमी समेत बढ़ती उम्र और कुछ बीमारियां तक शामिल हो सकती हैं।
शोध के मुताबिक, 35 की उम्र में अगर कोलेस्ट्रॉल और ब्लड ग्लूकोज लेवल को नजरंदाज कर रहे हैं तो यह अल्जाइमर बीमारी का कारण बन सकता है.
''विश्व अल्जाइमर दिवस'' (World Alzheimer’s Day 2021) पर जानें कौन से खाद्य पदार्थों को नियमित रूप से खाने से आप अल्जाइमर डिजीज से बचे रह सकते हैं।
डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, हर 5 सेकेंड में दुनिया भर मे अल्जाइमर का एक नया मामला सामने आ रहा है। करीब 38 मिलियन लोग अल्जाइमर से पीड़ित हैं और आने वाले 10 सालों में इसकी संख्या बढ़कर 76 लाख होने की संभावना है।
World Alzheimer’s Day 2021: आज (21 सितंबर) 'वर्ल्ड अल्जाइमर्स डे' है। अल्जाइमर डिजीज मस्तिष्क से संबंधित एक रोग है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति की याद्दाश्त कमजोर हो जाती है। यदि आप नहीं चाहते कि कम उम्र में ही आपको ये भूलने की बीमारी हो, तो नियमित रूप से इन 2 योगासन का अभ्यास करना शुरू कर दें।
संगीत से निकलने वाली तरंगे हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय रखती हैं। बांसुरी, हारमोनियम, गिटार, माउथ ऑर्गन आप कुछ भी बजाना शुरू कर सकते हैं। सीखने के लिए इससे बेहतर उम्र कोई नहीं होगी।
Side Effects of Chicken: नॉनवेज आइटम में अधिकतर लोगों को चिकन खाना बहुत पसंद होता है। पर क्या आप जानते हैं कि मुर्गे (चिकन) का अधिक सेवन आपको क्या-क्या रोग दे सकता है?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाने और नशा करने की आदत छोड़ने से इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है। कई बीमारियां उम्र बढ़ने के साथ ही बुज़ुर्गों के शरीर को निशाना बनाना शुरू कर देती हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख बीमारी बुढ़ापे में भूलने की आदतों (अल्जाइमर्स-डिमेंशिया) की है। इसीलिए इस बीमारी की चपेट में आने से लोगों को बचाने और जागरूकता फैलाने के लिहाज से प्रति वर्ष 21 सितम्बर को विश्व अल्जाइमर्स दिवस(World Alzheimer's Day) मनाया जाता है।
ब्रेन एक्सपर्ट का मानना है कि इससे आपको ब्रेन को सजग और सतर्क रखने में मदद मिलती है। आप अपने आसपास की चीजों के प्रति ज्या दा सतर्क और सजग हो जाते हैं। उन्हें याद रखने की क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है।
सिर्फ बुजुर्गों ही नहीं नौकरीपेशा अधेड़ उम्र लोगों को भी मेमोरी संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे बचने के लिए विशेषज्ञ ध्यान के अभ्यास की सलाह देते हैं।
प्रीक्लिनिकल शोध को जर्नल ऑफ फार्माकोलॉजी एंड एक्सपेरीमेंटल थेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित किया गया है। इसमें पाया गया है कि दवा-बीपीएन14770-अमलॉइड बीटा के प्रभावों को रोकती है।
हाल ही में हुए एक शोध में कहा गया है कि अल्जाइमर के एन्जाइम की गतिशीलता को रोकने में पीपल काफी मददगार हो सकता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, अल्जाइमर की बीमारी में मस्तिष्क के वे हिस्से कमजोर हो जाते हैं जो आपको दिन में जगाए रखते हैं।
नींद न पूरी होने से सिर्फ मस्तिष्क ही नहीं बल्कि पूरे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नींद न पूरी होने से आप फ्रेश महसूस नहीं करतीं। दिमाग रिलैक्स नहीं होने के कारण आपको थकान महसूस होती है, बॉडी पेन होता है, किसी भी काम पर फोकस करने में दिक्कत होती है।
अभी अल्जाइमर बीमारी के बारे में मस्तिष्क के स्कैन और सेरीब्रोस्पाइनल तरल के परीक्षण से पता लगाया जाता है, यह तरल मेरूदंड में सूई डाल कर निकाला जाता है।
उम्र बढ़ने के साथ दिमाग भी कमजोर होने लगता है। कुछ लोगों को अल्जाइमर की परेशानी भी हो जाती है।
नवंबर महीने में मनाये जाने वाले इस विशेष कार्यक्रम के बारे में हेल्थ के क्षेत्र में काम करने वालों को जरूर जानना चाहिए।
World Alzheimer's Day 2022: अल्जाइमर और डिमेंशिया को समझने के लिए उसके लक्षणों को जानना जरूरी होता है, यह दोनों ही बीमारी एक जैसी लगती हैं, मगर इनमें कई असमानताएं हैं।
World Alzheimer's Day 2022: अल्जाइमर रोग के कारण कई हो सकते हैं। जिसमें कि शरीर में कुछ विटामिन की कमी समेत बढ़ती उम्र और कुछ बीमारियां तक शामिल हो सकती हैं।
शोध के मुताबिक, 35 की उम्र में अगर कोलेस्ट्रॉल और ब्लड ग्लूकोज लेवल को नजरंदाज कर रहे हैं तो यह अल्जाइमर बीमारी का कारण बन सकता है.
''विश्व अल्जाइमर दिवस'' (World Alzheimer’s Day 2021) पर जानें कौन से खाद्य पदार्थों को नियमित रूप से खाने से आप अल्जाइमर डिजीज से बचे रह सकते हैं।
डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, हर 5 सेकेंड में दुनिया भर मे अल्जाइमर का एक नया मामला सामने आ रहा है। करीब 38 मिलियन लोग अल्जाइमर से पीड़ित हैं और आने वाले 10 सालों में इसकी संख्या बढ़कर 76 लाख होने की संभावना है।
World Alzheimer’s Day 2021: आज (21 सितंबर) 'वर्ल्ड अल्जाइमर्स डे' है। अल्जाइमर डिजीज मस्तिष्क से संबंधित एक रोग है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति की याद्दाश्त कमजोर हो जाती है। यदि आप नहीं चाहते कि कम उम्र में ही आपको ये भूलने की बीमारी हो, तो नियमित रूप से इन 2 योगासन का अभ्यास करना शुरू कर दें।
संगीत से निकलने वाली तरंगे हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय रखती हैं। बांसुरी, हारमोनियम, गिटार, माउथ ऑर्गन आप कुछ भी बजाना शुरू कर सकते हैं। सीखने के लिए इससे बेहतर उम्र कोई नहीं होगी।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाने और नशा करने की आदत छोड़ने से इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है। कई बीमारियां उम्र बढ़ने के साथ ही बुज़ुर्गों के शरीर को निशाना बनाना शुरू कर देती हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख बीमारी बुढ़ापे में भूलने की आदतों (अल्जाइमर्स-डिमेंशिया) की है। इसीलिए इस बीमारी की चपेट में आने से लोगों को बचाने और जागरूकता फैलाने के लिहाज से प्रति वर्ष 21 सितम्बर को विश्व अल्जाइमर्स दिवस(World Alzheimer's Day) मनाया जाता है।
सिर्फ बुजुर्गों ही नहीं नौकरीपेशा अधेड़ उम्र लोगों को भी मेमोरी संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे बचने के लिए विशेषज्ञ ध्यान के अभ्यास की सलाह देते हैं।
प्रीक्लिनिकल शोध को जर्नल ऑफ फार्माकोलॉजी एंड एक्सपेरीमेंटल थेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित किया गया है। इसमें पाया गया है कि दवा-बीपीएन14770-अमलॉइड बीटा के प्रभावों को रोकती है।
हाल ही में हुए एक शोध में कहा गया है कि अल्जाइमर के एन्जाइम की गतिशीलता को रोकने में पीपल काफी मददगार हो सकता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, अल्जाइमर की बीमारी में मस्तिष्क के वे हिस्से कमजोर हो जाते हैं जो आपको दिन में जगाए रखते हैं।
नींद न पूरी होने से सिर्फ मस्तिष्क ही नहीं बल्कि पूरे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नींद न पूरी होने से आप फ्रेश महसूस नहीं करतीं। दिमाग रिलैक्स नहीं होने के कारण आपको थकान महसूस होती है, बॉडी पेन होता है, किसी भी काम पर फोकस करने में दिक्कत होती है।
अभी अल्जाइमर बीमारी के बारे में मस्तिष्क के स्कैन और सेरीब्रोस्पाइनल तरल के परीक्षण से पता लगाया जाता है, यह तरल मेरूदंड में सूई डाल कर निकाला जाता है।
उम्र बढ़ने के साथ दिमाग भी कमजोर होने लगता है। कुछ लोगों को अल्जाइमर की परेशानी भी हो जाती है।
नवंबर महीने में मनाये जाने वाले इस विशेष कार्यक्रम के बारे में हेल्थ के क्षेत्र में काम करने वालों को जरूर जानना चाहिए।
रोजाना का खान-पान और रहन-सहन का असर इंसान की सेहत पर सीधा पड़ता है। हाल ही में आयी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि अल्जाइमर रोग की संभावना तेजी से बढ़ रही है।
हल्दी में पाए जाने वाले ‘करक्यूमिन’ में ऑक्सीकरण-रोधी गुण होते हैं। इसे एक संभावित कारण बताया गया है कि भारत में जहां करक्यूमिन आहार में शामिल होता है, बूढ़े-बुजुर्ग अल्जाइमर की चपेट में कम आते हैं। उनकी याददाश्त भी तुलनात्मक रूप से अच्छी होती है।
Side Effects of Chicken: नॉनवेज आइटम में अधिकतर लोगों को चिकन खाना बहुत पसंद होता है। पर क्या आप जानते हैं कि मुर्गे (चिकन) का अधिक सेवन आपको क्या-क्या रोग दे सकता है?
ब्रेन एक्सपर्ट का मानना है कि इससे आपको ब्रेन को सजग और सतर्क रखने में मदद मिलती है। आप अपने आसपास की चीजों के प्रति ज्या दा सतर्क और सजग हो जाते हैं। उन्हें याद रखने की क्षमता में भी बढ़ोतरी होती है।
आंकड़ों की बात करें तो दुनिया में हर 4 सेकेंड में किसी न किसी को अल्जाइमर होने का पता चलता है।
कई शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि जो लोग नियमित व्यायाम या पसीना बहाने वाले वर्कआउट करते हैं तो उनकी सेक्स लाइफ बेहतर होती है।