World Aids Day 2022: एड्स के क्या है लक्षण और जानें इसका उपचार, Watch Video
एड्स के लक्षणों के बारे में जानें क्यूंकि इसके बारे में जानना ही इससे बचाव हो सकता हैं।
एड्स के लक्षणों के बारे में जानें क्यूंकि इसके बारे में जानना ही इससे बचाव हो सकता हैं।
दिन, महीने या साल? आखिर कितने दिनों में हो सकता है एड्स!
AIDS Vs HIV: TheHealthsite को दिए गए इस इंटरव्यू में एक्सपर्ट Dr. Kirti Sabnis दे रही है इन सभी सवालो का जवाब, जान ने के लिए देखिये ये वीडियो !
वे महिलाएं जो अपनी उम्र के 40वें पड़ाव में हैं, उन्हें अपने एचआईवी से संक्रमित होने के बारे में तब पता चलता है, जब उनका इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है। इसके साथ ही शोध में यह भी बताया गया कि वे युवा महिलाओं की तुलना में तीन से चौगुना अधिक देर से इसकी पहचान कर पाती हैं।
पूरे विश्व में 1 दिसंबर को ''विश्व एड्स दिवस'' (World Aids Day 2019) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को सेलिब्रेट करने का मुख्य मकसद है, एड्स जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना। प्रत्येक वर्ष इस खास दिन को किसी ना किसी थीम के अंतगर्त सेलिब्रेट किया जाता है। इस वर्ष की थीम है ''एंडिंग द एचआईवी/एड्स एपिडेमिक: कम्युनिटी बाई कम्युनिटी'' (Ending the HIV/AIDS Epidemic: Community by Community)।
शादी से पहले एचआईवी टेस्ट को अनिवार्य बनाने के प्रस्ताव पर कानून विभाग द्वारा गौर किया जा रहा है। अगर इसे जल्द ही विभाग द्वारा मंजूरी दे दी जाती है, तो हम राज्य विधान सभा के मानसून सत्र में कानून बनाएंगे।
एचआईवी वाले सभी लोगों को अपनी स्थिति जानने, उपचार का विस्तार करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह स्वस्थ और उत्पादक जीवन जी सकें, इसके लिए एचआईवी परीक्षण महत्वपूर्ण है।
दुनिया भर में एड्स को महामारी मानते हुए इसके रोकथाम और निदान के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, इसमें कुछ विकसित राष्ट्रों की स्थिति एशिया और अफ्रीका के देशों से बेहतर है।
निजी प्रयासों के अलावा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में भी एड्स के उपचार की बजाए केवल पहचान और प्रचार के लिए ही बनाई जा रही हैं नीतियां।
वर्ष 1988 में पहली बार 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया गया था, जिसका उद्देश्य लोगों को इस महामारी के प्रति जागरुक करना था पर आज भी लोग इसके दुष्प्रभाव जानते हुए भी टेस्ट करवाने में झिझक महसूस करते हैं।
जानें कौन-सी स्थितियों में फैलता है एचआईवी वायरस।
इसीलिए अगर आपको यह समस्याएं बहुत ज़्यादा दिखाई दें या महसूस हों तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें और जांच कराएं।
विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य एचआईवी व एड्स के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए मनाया जाता है। एड्स ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (HIV) वायरस के संक्रमण के कारण होने वाली जानलेवा बीमारी है।
एड्स जागरुकता के लिए मुंबई के इन छह स्टेशनों पर एक सप्ताह तक फ्री होगी एड्स की जांच।
बदनामी के डर और पहुंच आसान न होने के कारण बहुत से लोग नहीं करवाते एचआईवी का परीक्षण और बचाव उपाय।
दुनिया भर में एचआईवी के संक्रमण की रोकथाम के लिए एक नई विधि की महसूस की जा रही है जरूरत।
सामान्य सेक्स लाइफ जीने वालों की बजाए इनमें 28 गुना ज्यादा होता है एड्स का खतरा।
यह अधिनियम उपचार, रोजगार और कार्यस्थल पर ऐसे लोगों के खिलाफ किसी तरह के भेदभाव को रोकता है।
दिन, महीने या साल? आखिर कितने दिनों में हो सकता है एड्स!
वे महिलाएं जो अपनी उम्र के 40वें पड़ाव में हैं, उन्हें अपने एचआईवी से संक्रमित होने के बारे में तब पता चलता है, जब उनका इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है। इसके साथ ही शोध में यह भी बताया गया कि वे युवा महिलाओं की तुलना में तीन से चौगुना अधिक देर से इसकी पहचान कर पाती हैं।
पूरे विश्व में 1 दिसंबर को ''विश्व एड्स दिवस'' (World Aids Day 2019) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को सेलिब्रेट करने का मुख्य मकसद है, एड्स जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना। प्रत्येक वर्ष इस खास दिन को किसी ना किसी थीम के अंतगर्त सेलिब्रेट किया जाता है। इस वर्ष की थीम है ''एंडिंग द एचआईवी/एड्स एपिडेमिक: कम्युनिटी बाई कम्युनिटी'' (Ending the HIV/AIDS Epidemic: Community by Community)।
शादी से पहले एचआईवी टेस्ट को अनिवार्य बनाने के प्रस्ताव पर कानून विभाग द्वारा गौर किया जा रहा है। अगर इसे जल्द ही विभाग द्वारा मंजूरी दे दी जाती है, तो हम राज्य विधान सभा के मानसून सत्र में कानून बनाएंगे।
एचआईवी वाले सभी लोगों को अपनी स्थिति जानने, उपचार का विस्तार करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह स्वस्थ और उत्पादक जीवन जी सकें, इसके लिए एचआईवी परीक्षण महत्वपूर्ण है।
दुनिया भर में एड्स को महामारी मानते हुए इसके रोकथाम और निदान के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, इसमें कुछ विकसित राष्ट्रों की स्थिति एशिया और अफ्रीका के देशों से बेहतर है।
निजी प्रयासों के अलावा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में भी एड्स के उपचार की बजाए केवल पहचान और प्रचार के लिए ही बनाई जा रही हैं नीतियां।
वर्ष 1988 में पहली बार 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया गया था, जिसका उद्देश्य लोगों को इस महामारी के प्रति जागरुक करना था पर आज भी लोग इसके दुष्प्रभाव जानते हुए भी टेस्ट करवाने में झिझक महसूस करते हैं।
जानें कौन-सी स्थितियों में फैलता है एचआईवी वायरस।
इसीलिए अगर आपको यह समस्याएं बहुत ज़्यादा दिखाई दें या महसूस हों तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें और जांच कराएं।
विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य एचआईवी व एड्स के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए मनाया जाता है। एड्स ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी (HIV) वायरस के संक्रमण के कारण होने वाली जानलेवा बीमारी है।
एड्स जागरुकता के लिए मुंबई के इन छह स्टेशनों पर एक सप्ताह तक फ्री होगी एड्स की जांच।
बदनामी के डर और पहुंच आसान न होने के कारण बहुत से लोग नहीं करवाते एचआईवी का परीक्षण और बचाव उपाय।
दुनिया भर में एचआईवी के संक्रमण की रोकथाम के लिए एक नई विधि की महसूस की जा रही है जरूरत।
सामान्य सेक्स लाइफ जीने वालों की बजाए इनमें 28 गुना ज्यादा होता है एड्स का खतरा।
यह अधिनियम उपचार, रोजगार और कार्यस्थल पर ऐसे लोगों के खिलाफ किसी तरह के भेदभाव को रोकता है।
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इसे पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस एचआईवी (HIV) इंफेक्शन से आपको बचा सकता है।
जब फ़िल्मों के ज़रिए की बॉलीवुड ने की पहल।
कुछ लोगों को 2-4 सप्ताह में ही एचआईवी (HIV) के लक्षण दिख जाते हैं तो कुछ को 10 महीनों तक नहीं दिखायी पड़ते।
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एड्स के लक्षणों के बारे में जानें क्यूंकि इसके बारे में जानना ही इससे बचाव हो सकता हैं।
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