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अनुवादक – Usman Khan
प्रेगनेंसी से बचने के लिए बाजार में विभिन्न प्रकार की गर्भनिरोधक विकल्प उपलब्ध हैं। लेकिन सभी चीजें हर महिला के लिए उपयुक्त नहीं होती हैं। वास्तव में आंखें बंद करके इनमें से किसी भी चीज का इस्तेमाल आपकी हेल्थ और फर्टिलिटी दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए ऐसा विकल्प चुनें, जो आपको सूट करे। अगर आप ये नहीं जानती हैं कि आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर रहेगा, तो मुंबई की कंसल्टेट गाइनोकोलोजिस्ट डॉक्टर संगीता अग्रवालआपकी सही विकल्प चुनने में मदद कर सकती हैं। पढ़ें- कंडोम के ज्यादा इस्तेमाल से आपको हो सकते हैं ये 4 बड़े नुकसान
1) बर्थ कंट्रोल पिल्स और इमरजेंसी पिल्स- इस तरह की गोलियां सबसे सुरक्षित मानी जाती हैं। यह दो तरह की होती हैं- प्रोजेस्टेरोन ओनली और एस्ट्रोजन-प्रोजेस्टेरोन या कॉम्बिनेशन पिल्स। यह दोनों पिल्स स्पर्म को एग्स से मिलने से रोकती हैं। इन्हें पचास साल की उम्र तक लिया जा सकता है। हालांकि इन दवाओं को मेन्स्ट्रअल पीरियड के दौरान ही लेना चाहिए, उससे पहले नहीं। ये युवा लड़कियों के लिए सुरक्षित होती हैं।
2) इन्ट्रयूटरिन डिवाइस यानि गर्भनिरोधक उपकरण- भारत में कॉपर टी का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि युवा लड़कियों या महिलाएं जो अब तक मां नहीं बनी हैं, उन्हें इसका इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी जाती है। चूंकि ये उपकरण योनि की माध्यम से गर्भ में डाला जाता है, जिस वजह से ज़ख्म और ब्लीडिंग का ज्यादा खतरा होता है। इसे गलत तरीके से डालने से महिला की प्रजनन क्षमता को नुकसान हो सकता है। हालांकि एक्सपर्ट द्वारा किए जाने पर खतरा ना के बराबर होता है। वैसे कॉपर टी 21 साल की उम्र से अधिक की महिलाओं को डाला जाता है।
3) वैजाइनल रिंग- ये बड़ी उम्र की महिलाओं की तुलना में युवा लड़कियों के लिए ज्यादा सुरक्षित है। इससे 21 दिन तक सुरक्षा मिलती है अन्यथा आपको गोलियों की ही जरूरत पड़ती है। हालांकि 35 साल से अधिक उम्र, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, माइग्रेन व ओवरवेट महिलाओं के लिए ये उचित नहीं है। डॉक्टर की सलाह पर ही आप इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। प्रेगनेंसी के बाद भी इसे यूज किया जा सकता है। अनचाही प्रेगनेंसी से सुरक्षा पाने के लिए प्रसव के 21 दिन बाद डालें।
4) इंजेक्शन- महिला को डीएमपीए इंजेक्शन बच्चे के जन्म के बाद दिया जाता है। केवल प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन तीन महीने के लिए सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये इंजेक्शन 21 साल की उम्र से अधिक की लड़कियों के लिए सुरक्षित है। वैसे ये भारत में कम मिलते हैं।
5) कंडोम- फीमेल कंडोम भी आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं। इनका इस्तेमाल करना भी थोड़ा जटिल है। इसका इस्तेमाल पचास साल की उम्र तक किया जा सकता है और वो भी बिना किसी स्वास्थ्य जोखिम के।
6) ट्यूबल लाइगेशन- ये एक स्थायी विकल्प है, जो 40 साल की उम्र से अधिक महिलाओं को दिया जाता है। इस प्रक्रिया में महिला की फैलोपियन ट्यूब को ऐसे बांधा जाता है जिस वजह से अंडे गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाते हैं। ये तरीका उन महिलाओं में ख़ासा कारगर है जो अपनी सेक्स लाइफ में एक्टिव हैं और बच्चे पैदा नहीं करना चाहती हैं।
चित्र स्रोत - Shutterstock