सेक्स आज भी हमारे समाज में एक टेबू है। हम इसे दूसरों के लिए ऐसे तय कर देना चाहते हैं जैसे किसी स्कूल या संस्थान में यूनिफॉर्म। जबकि यह शरीर की नितांत निजी आवश्यकता और इच्छा है। जानें क्या है होमोसेक्स्युएलिटी से जुड़े मिथ और उनकी सच्चाई। मिथ नं 1- समलैंगिकता को वैध करने से लोगों में शादी के प्रति रुचि कम होगी और इससे परिवार की संरचना पर भी असर होगा क्या है सच- कई शोधों से यह बात सामने आई है कि सेक्शुअल ऑरियंटेशन अनुवांशिक फेक्टर भी शामिल होते हैं। यह पांच से छह साल की उम्र