इंटरनेट के हाथ की मुट्ठी में आ जाने से लोगों में इसका इस्तेमाल कई गुना तेजी से बढ़ा है। इनमें सबसे ज्यादा सामग्री पोर्न की है। पर यह सामग्री इतनी ज्यादा भ्रामक और अतिरंजित है कि इसका सीधा असर मस्तिष्क पर पड़ रहा है। कुछ समय की उत्तेजना भविष्य में सेक्स लाइफ पर बुरा असर डालने लगती है। हाल ही में हुए एक ताजा शोध से तो यही साबित होता है। इसके सबसे ज्यादा शिकार युवा हो रहे हैं।
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युवाओं में बढ़ रही है लत
आज का युवा वर्ग और 18 साल से कम उम्र के बच्चे इंटरनेट पर ज्यादातर समय पोर्न देखने में बिताते है। उत्सुकता और कम विकसित दिमाग के कारण वो इस चीज को गलत ढंग से समझते हैं और वैसा ही करने की कोशिश करते हैं। युवाओं के बीच बढ़ रहे यौन अपराध इसी का परिणाम कहे जा सकते हैं। यही वजह है कि ब्रिटेन सरकार ने यह नियम बनाया है कि अब ऑनलाइन पोर्न देखने से पहले यूजर को अपनी उम्र बतानी होगी।
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सहज जीवन पर हावी हो जाता है पोर्न
मेडिकल डेली रिपोर्ट के अनुसार, एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ कि जो लोग पोर्न फ़िल्में देखते हैं उनके दिमाग में इससे संबंधित कई नए-नए विचार आते हैं। ऐसी फ़िल्में देखने से dopamine हर्मोन जो कि कामेच्छा (सेक्स ड्राइव) को बढ़ाता है उसका निर्माण तेजी से होता है। यह न्यूरो ट्रांसमीटर की तरह काम करता है जिससे व्यक्ति को ख़ुशी मिलती है और शारीरिक संबंधों के प्रति उसका झुकाव बढ़ता है।
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फिर खत्म होने लगती है सेक्स में रुचि
इसी से संबंधित एक और स्टडी में खुलासा हुआ है कि अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से ऐसी फिल्में देखता है तो एक समय ऐसा आता है जब यौन संबंधों में उसकी रूचि और ख़ुशी कम होने लगती है। पोर्न देखने वाली युवा पीढ़ी शादीशुदा संबंधों में चरम सुख की अनुभूति नहीं कर पाती है। ऐसे लोगों का सम्बन्ध उनके पार्टनर के साथ भी अच्छा नहीं रहता है।
मस्तिष्क पर भी पड़ता है असर
पोर्न देखने से दिमाग के स्टेरिटम पर बुरा असर पड़ता है। पोर्न देखने से वह सिकुड़ जाता है और सुचारू रूप से काम नहीं कर पाता। दिमाग का यह हिस्सा लोगों को प्रेरणा देने का काम करता है।
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