पोर्न देखने से इरेक्टाइल डिसफंक्शन होता है? बहुत से लोग ये सवाल करते हैं। इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) तब होता है जब कोई पुरुष यौन क्रिया के दौरान पेनिस में उत्तेजना या कड़ापन प्राप्त नहीं कर पाता है। यह सबसे आम यौन चुनौतियों में से एक है। जिसका सामना पुरुष करते हैं और वो इसकी वजह से बहुत परेशान हो सकते हैं।
कुछ लोग विशेषकर जो पोर्नोग्राफी के बारे में धार्मिक या नैतिक सोच रखते हैं उनका मानना है कि पोर्न वीडियो देखने से स्तंभन दोष यानी इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है। पोर्न प्रेरित (porn-induced) इरेक्टाइल डिसफंक्शन पर शोध को मिश्रित माना जाता है। कुछ अध्ययन इस संबंध का समर्थन करते हैं और कुछ यह तर्क देते हैं कि पोर्नोग्राफी वास्तव में ईडी यानि स्तंभन दोष का कारण नहीं बन सकती है।
रिलेशनशिप, बॉडी इमेज और इसी तरह के कारण स्तंभन दोष पैदा करने में भी भूमिका निभा सकते हैं। कई पुरुषों में ED होने के कारण को पहचान ही नहीं जा सकता है। यौन समस्याओं के बारे में बताने के लिए पोर्न से प्रेरित स्तंभन दोष एक विवादास्पद सिद्धांत है। पोर्नोग्राफी-विरोधी धारणा के कुछ समर्थकों का मानना है कि पोर्नोग्राफ़ी अनैतिक है। पोर्नोग्राफी और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बीच में संबंध का समर्थन में शोध का तर्क है कि पोर्न देखना यौन प्रतिक्रिया को निष्क्रिय कर सकता है। कुछ केस स्टडी और शोध की समीक्षा पर लेख का तर्क है कि पोर्नोग्राफ़ी पुरुषों के अपने शरीर के साथ संतुष्टि को कम कर सकती है और यह सेक्स के लिए चिंता को ट्रिगर कर सकती है।
पोर्नोग्राफी के उपयोग से मस्तिष्क की उत्तेजना में प्रतिक्रिया का तरीका बदल सकता है। जिससे एक व्यक्ति अपने जीवन साथी के साथ सेक्स के दौरान कम उत्तेजित होता है। पोर्न देखने के बाद लिंग में सेक्स टॉयज के इस्तेमाल से नसें असंवेदनशील हो सकती हैं। जिससे इरेक्शन होना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि नसों को अधिक शारीरिक उत्तेजना की आवश्यकता होती है।
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इसके अलावा जो पुरुष केवल इंटरनेट पोर्नोग्राफ़ी के मध्यम से पोर्न देखते हैं उनमें अधिक ईडी या स्तंभन दोष होने की संभवना होती है। कुछ अध्ययन के लेखकों का तर्क है कि उनका डेटा पोर्नोग्राफी के बारे में सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताओं का समर्थन नहीं करता है। और यह सुझाव नहीं देता है कि पोर्नोग्राफी स्तंभन दोष में भूमिका निभाती है।
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कुछ अध्ययनों का मानना है कि पोर्नोग्राफी वास्तव में स्तंभन दोष के साथ मदद कर सकती है। पर इसका कारण मनोवैज्ञानिक या रिलेशनशिप कारण हो सकता है। 2015 के एक अध्ययन में पाया गया कि जिन पुरुषों ने पोर्नोग्राफी देखने में अधिक समय व्यतीत किया उनकी अपने साथी के प्रति अधिक यौन प्रतिक्रिया थी। इससे पता चलता है कि पोर्नोग्राफी सेक्स के लिए मस्तिष्क या शरीर को उत्तेजित करने में मदद कर सकती है। और यह संभवतः एक साथी के साथ संभोग में सुधार कर सकती है। हालांकि पोर्नोग्राफ़ी के सकारात्मक प्रभावों का समर्थन करने वाला शोध सीमित है।
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पोर्न से जुड़े मुद्दों और यौन मुद्दों का इलाज करने का प्रयास गैर-पैथोलॉजिस्टिंग होना चाहिए। इसका किसी बीमारी के रूप में इलाज नहीं करना चाहिए। पोर्नोग्राफी की लत हानिकारक हैं जिससे दूर रहना या छोड़ना आवश्यक है। यौन रोग का सामना करने वाले पुरुषों को यौन स्वास्थ्य संबंधी डॉक्टर की तलाश करनी चाहिए जो यौन मुद्दों के इलाज के लिए एक खुले दृष्टिकोण को अपनाते हैं। इलाज करते समय इरेक्टाइल डिसफंक्शन के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों पहलुओं को देखना महत्वपूर्ण है। इसके सही उपचार के लिए यौन रोग के कारण को जानना बहुत जरूरी होता है। कुछ पुरुषों को यह भी लग सकता है कि पोर्नोग्राफी यौन इच्छा को उत्तेजित करने में मदद करती है।
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