नौ महीने का वो वक्त हर महिला के लिए यादगार होता है, जिसका पूरी जिंदगी भर उसे इंतजार रहता है। इस दौरान शरीर कई तरह के बदलाव से गुजरता है, जो किसी चुनौती से कम नहीं होता। ये कब आपके लिए मुश्किल खड़ी कर दे कह नहीं सकते। इससे बचने के लिए आपको डॉक्टर की भी जरूरत पड़ सकती है। गर्भावस्था के दौरान जितने बदलाव शरीर में होते हैं, उससे कहीं ज्यादा स्किन में भी बदलाव देखने को मिलते हैं। मां बनने की खुशी के साथ ऐसी कई तरह की चुनौतियां होती हैं, जिससे गुजरना पड़ता है। नौ महीने के लंबे समय के दौरान हार्मोंस में भी उतार चढ़ाव होते हैं। जिसके चलते स्किन से जुड़ी समस्याएं भी सामने आने लगती हैं। आज इस लेख के जरिए हम आपको बताएंगे, कि स्किन में गर्भावस्था के दौरान (Pregnancy Skin Changes) कौन से बदलाव होते है, जो आपके लिए खतरे की घंटी बन सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर की सलाह कब लेनी है, और आपको इस ओर कैसे ध्यान देना है आइए जानते हैं।
गर्भावस्था के दौरान आपको शरीर में गहरे रंग के तिल यानी की मोल्स नजर आने लगे तो यहां आपको थोड़ा सजग होना जरूरी है। शोध के मुताबिक ज्यादातर तिल अस्थाई होते हैं। मतलब तिल आते जाते रहते हैं। ये स्किन में खिंचाव के कारण होते हैं, और ज्यादातर स्तन और पेट के क्षेत्र में ही निकलते हैं। इससे कोई भी घबराने वाली बात नहीं है। लेकिन कुछ मामलों में ये स्किन कैंसर का भी संकेत देते हैं। अगर समय रहते आपने इस ओर ध्यान दे दिया, और सही इलाज शुरू कर दिया तो, इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। अगर आपके शरीर में अनगिनत तिल है, और उनका आकार बड़ा और गहरे काले रंग का है, तो आपको किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह की जरूरत है।
गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं के पेट के हिस्से में गहरे भूरे रंग के धब्बे विकसित होने लगते हैं। वैज्ञानिक भाषा में इसे लीनिया नाइग्रा के नाम से भी जाना जाता है। ये आपको अपने जांघों के हिस्सों के साथ कूल्हों में भी नजर आ सकते हैं। आपको इसमें चिंता करने की जरूरत नहीं है। डिलीवरी के बाद ये धब्बे हल्के पड़ने लगते है। कभी कभी से ठीक नहीं होते और एक्जिमा का रूप ले लेते हैं। इससे निजात पाने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
मोल्स यानी कि तिल की तरह ही गर्भावस्था के दौरान स्किन टैग्स हो जाते हैं, जो आम बात है। ये समय ज्यादातर स्तनों के इर्द गिर्द और बाहों में होता है। ये समस्या हार्मोंस में उतार चढ़ाव की वजह से होता है। इन्हें हटाना मुश्किल है। इसलिए डिलीवरी के बाद आप डॉक्टर की सलाह लेकर इससे निजात पा सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान स्किन में खिंचाव होना आम बात है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि पेट में पनप रहा बच्चा विकास कर रहा होता है। स्ट्रेच मार्क्स स्तनों, कूल्हों और पेट के निचले हिस्सों में खिंचाव की वजह से होते हैं। डिलिवरी के बाद खिंचाव तो कम हो जाता है, लेकिन निशान हमेशा के लिए रह जाते है। अगर आप इसे लेकर चिंता कर रही है, तो इसका इलाज आसानी से कर सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की स्किन में अच्छे और बुरे दोनों तरह के बदलाव देखें जाते हैं। जिसमें से एक है एक्ने ब्रेकआउट की समस्या और उसी में से एक है व्हाइटहेड, ब्लैकहेड्स और मुंहासों की भी दिक्कत। जो लगातार बढ़ती जाती है। इसके लिए आप खुद से इलाज न करके किसी जानकार की सलाह लें।
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