Sonam Kapoor Pregnancy Announcement: बॉलीवुड की खूबसूरत अभिनेत्री सोनम कपूर प्रेगनेंट हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर खुद अपनी इस गुड न्यूज का खुलासा किया। सोनम कपूर ने इंस्टाग्राम पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं जिसमें उनका बेबी बम्प (Sonam Kapoor Baby Bump) दिखायी दे रहा है। इन तस्वीरों में सोनम के साथ उनके पति आनंद आहुजा (Anand Ahuja) भी दिखायी दे रहे हैं। तस्वीरों में जहां सोनम का बेबी बम्प आसानी से दिख रहा है वहीं, इन उन्होंने इस अंदाज में तस्वीरें खिंचवायी हैं कि लोगों को उनकी प्रेगनेंसी के बारे में आसानी से संकेत मिल भी सकें। बता दें कि सोनम कपूर और लंदन (London) में रहने वाले कारोबारी आनंद आहुजा की शादी (Sonam Kapoor-Anand Ahuja Marriage) साल 2018 में हुई थी। अब शादी के 4 साल बाद दोनों ने अपनी फैमिली को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। (Sonam Kapoor Pregnancy News In Hindi)
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सोनम कपूर(Sonam Kapoor pregnancy pics) की तस्वीरें जहां प्यारी और खूबसूरत हैं वहीं, इसके साथ ही सोनम की उम्र के बारे में भी चर्चा तेज हो गयी है। गौरतलब है कि सोनम कपूर की उम्र 36 वर्ष है और उन्होंने 30 साल की उम्र के बाद मां बनने का फैसला किया है। सोनम का यह फैसला खास है क्योंकि 35 के बाद प्रेगनेंसी प्लान (pregnancy plan in 30s) करना एक महत्वपूर्ण लेकिन मुश्किलों से भरा फैसला साबित हो सकता है।
30 के बाद प्रेगनेंट होने वाली महिलाओं के लिए हेल्दी प्रेगनेंसी(Chances of helthy pregnancy in 30s) संभव है। हालांकि, इस उम्र में महिलाओं को कुछ विशेष प्रकार की समस्याओं का सामना करने की संभावना दूसरों की तुलना (20-30 वर्ष के आयु वर्ग की महिलाओं) में अधिक हो सकती है। ऐसी ही कुछ समस्याएं हैं-
इस उम्र में गर्भधारण (conceive) करने में कई प्रकार की मुश्किलें आ सकती है। क्योंकि, 30 वर्ष के बाद महिलाओं की फर्टिलिटी कम होने लगती है और उन्हें गर्भधारण में अधिक समय लग सकता है।
35 के बाद प्रेगनेंट होनेवाली महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes) और हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure during pregnancy) की संभावना बढ़ सकता है। इसी तरह अधिक उम्र में गर्भधारण करने के वाली महिलाओं में जुड़वा (twins) या उससे अधिक बच्चों के जन्म देने की संभावना भी बहुत अधिक होती है। (reasons of multiples pregnancy)
ऐसी महिलाएं जो लेट प्रेगनेंसी प्लान (late pregnancy) करती हैं या 30 वर्ष के बाद गर्भधारण करती हैं उनमें नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाएं (chances of normal delivery in late pregnancy) कम होती रहती हैं। इसीलिए, इन महिलाओं को सी-सेक्शन या सीजेरियन डिलीवरी (cesarean section) करानी पड़ सकती है। इसी तरह जिन महिलाओं का पहला बच्चा 35 साल की उम्र के बाद पैदा होता है उनमें डिलीवरी से जुड़ी समस्याएं (delivery complications) हो सकती हैं जिनमें गम्भीर लेबर पेन और अधिक समय तक लेबर पेन (prolonged labor) महसूस हो सकता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई प्रेग्नेंसी से जुड़ी सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।)
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