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World Anaesthesia Day 2021: ज्यादातर महिलाओं को लेबर पेन से डर लगता है और इसलिए वो वैजाइनल बर्थ की बजाय सी-सेक्शन (C-Section) चुनती हैं। लेकिन ऐसे तरीके हैं जिनमें आप बिना बहुत परेशानी या तकलीफ के भी वैजाइनल बर्थ संभव हो सकता है। जैसे, लेबर के दौरान एपिड्यूरल एनेस्थेसिया (Epidural anesthesia) का विकल्प चुनकर नेचुरल तरीके से बच्चे को जन्म देना संभव हो सकता है। 'एपिड्यूरल एनेस्थेसिया इन दिनों अस्पताल में इस्तेमाल की जानेवाली दर्द प्रबंधन की सबसे आम तकनीक है। एपिड्यूरल पेनकिलर दवाएं रीढ़ की हड्डी (spine) में दी जाती है जो नसों को जोड़ती है और दर्द की भावना को रोक देती है। दरअसल , यह दर्द की धारणा को बदलता है।
गायनोकोलॉजिस्ट बंदिता सिन्हा, वर्ल्ड ऑफ वूमन, नवी मुंबई (World of women, Navi Mumbai ) ने इस तरीके के बारे में बताया और कहा कि, एपिड्यूरल एनेस्थेसिया इन दिनों आम हो रहा है क्योंकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं कम से कम दर्द महसूस करते हुए वैजाइनल डिलीवरी कराना चाहती हैं।
'एपिड्यूरल एनेस्थेसिया' पेट, पेल्विक एरिया और पैरों को प्रभावित करता है। रीढ़ की हड्डी के एक विशेष स्थान जिसे एपिडलल स्पेस कहा जाता है वहां एक एस्थेटिक दवा डाली जाती है। यह ठीक प्लास्टिक ट्यूब से बना एक छोटे कैथेटर के माध्यम से दिया जाता है। रीढ़ की हड्डी के अंदर और स्पाइनल कॉर्ड में दाखिल करायी जाती है। यह केवल तभी दिया जाता है जब महिला का लेबर पेन सक्रिय चरण में होता है। जहां कई महिलाएं इसे दर्द के प्रबंधन के एक विकल्प के रुप में देखती हैं हीं यह हर किसी के लिए सही विकल्प नहीं होता।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह प्रक्रिया सभी के लिए ठीक नहीं हो सकती है। जिन महिलाओं को पीठ में किसी प्रकार का इफेक्शन है या रीढ़ की हड्डी, रीढ़ के जोड़ या पीठ दर्द (back pain) जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं, लो ब्लड शुगर (Low Blood Sugar) है वो यह इंजेक्शन नहीं ले सकती क्योंकि यह जानलेवा हो सकता है। जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान नसों में रक्त के थक्के बनने से बचने के लिए ब्लड थिनर ले रही हैं, उन्हें भी एपिड्यूरल से दूर रहना चाहिए। खून से जुड़ी हुई किसी भी प्रकार की समस्याओं से पीड़ित महिलाओं को भी इस इंजेकशन से बचना चाहिए।
World Anaesthesia Day 2021: सी-सेक्शन के दौरान जनरल एनेस्थेसिया कब दिया जाता है?