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What is Ovulation Period in hindi : मां बनने से पहले जान लें कितना जरूरी है Ovulation पीरियड! सही जानकारी से होगी हेल्दी प्रेगनेंसी और रहेंगी सेफ

What is Ovulation Period in hindi : मां बनने से पहले जान लें कितना जरूरी है Ovulation पीरियड! सही जानकारी से होगी हेल्दी प्रेगनेंसी और रहेंगी सेफ
मां बनने से पहले जान लें कितना जरूरी है Ovulation पीरियड! सही जानकारी से होगी हेल्दी प्रेगनेंसी और रहेंगी सेफ

ओव्यूलेशन महिलाओं के मासिक धर्म का ही एक भाग है, जिसमें ओवरी से अंडे के बाहर आने की क्रिया को ओव्यूलेशन कहते हैं।

Written by Jitendra Gupta |Updated : May 20, 2022 6:55 PM IST

What is Ovulation Period in hindi :  अगर आप मां बनने की प्लानिंग कर रही हैं तो आपको अपने ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्ग) पीरियड के बारे में भी जानना होगा। ओव्यूलेशन महिलाओं के मासिक धर्म का ही एक भाग है, जिसमें ओवरी से अंडे के बाहर आने की क्रिया को ओव्यूलेशन कहते हैं। ओवरी में अंडा 12 से 24 घंटों तक फर्टिलाइजेशन के लिए रुकता है, उसके बाद यह शुक्राणु (स्पर्म) द्वारा फर्टिलाइज नहीं होता है।

वहीं दूसरी तरफ, रिप्रोडक्टिव ट्रैक में स्पर्म पांच दिनों तक जीवित रह सकता है। ऐसे में इस पीरियड के दौरान संभोग (intercourse) करना इसलिए भी जरूरी होता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शुक्राणु अंडे को उर्वरक बनाने में सक्षम है यहा नहीं। इसके लिए कुछ योजना बनाने और कैलकुलेशन करना जरूरी हो जाता है, ताकि फर्टाइल पीरियड के बारे में आप पता लगा सकें।

सबसे ज्यादा फर्टाइल दिन

आमतौर पर सबसे फर्टाइल दिन मासिक धर्म चक्र (menstrual cycle) के आठवें दिन और उसी चक्र के 19वें दिन के बीच का दिन होता है, जहां आपके पीरियड्स का पहला दिनआपके चक्र का पहला दिन माना जाता है। हालांकि, यह प्रत्येक महिलाओं में अलग-अलग होता है। पीरियड्स शुरू होने के 10 से 16 दिन पहले ही ओव्यूलेशन शुरू हो जाता है, तो ऐसे में यदि आपका मासिक धर्म चक्र 28 दिनों का होता है, तो इसे कैलकुलेट करना आसान होता है। जब आप ओव्यूलेशन प्लानिंग ठीक से करेंगी, तो पार्टनर के साथ सही समय पर शारीरिक संबंध बनाने में गर्भधारण करने की संभावनाओं को बढ़ा सकती हैं।

ओव्यूलेशन के लक्षण

ओव्यूलेटिंग के कई लक्षण होते हैं, जैसे वेजाइनल डिस्चार्ज, शरीर का तापमान, टेंडर ब्रेस्ट, पेट दर्द आदि। फिर भी, एक बहुत ही सामान्य लक्षम ये है कि ओव्यूलेशन के दौरान आपके खाने की प्राथमिकताएं बदलती हैं और ये बदलाव सबसे ज्यादा नमकीन खाद्य पदार्थों (high salt foods) से संबंधित होती हैं।

अध्ययन पर नजर डालें तो

इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पीरियड्स के दिनों में होने वाले हार्मोनल लेवल में बदलाव के साथ ही महिलाओं में नमकीन चीजों को खानेके प्रति तीव्र इच्छा (cravings) उत्पन्न होती हैं। वास्तव में, नमकीन चीजों के प्रति क्रेविंग्स ओव्यूलेशन के बाद बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।

क्या कहता है निष्कर्ष

55 महिलाओं में खाने-पीने की इच्छाओं में आए बदलाव और क्रेविंग्स पर किए गए अध्ययन के निष्कर्ष से यह पता चलता है कि ल्यूटल फेज (पीरियड जो ओव्यूलेशन के ठीक बाद शुरू होती है और पीरियड्स के शुरुआत के साथ समाप्त होता है) के बाद महिलाएं नमक अधिक खाना पसंद करने लगी थीं। अध्ययन से यह निष्कर्ष निकाला गया कि मासिक धर्म चक्र के फॉलिक्यूलर (follicular) और ल्यूटल फेज (periovulatory phase) में महिलाओं में हाई लेवल में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन सर्कुलेट होता है। ये ही हार्मोन्स सॉल्ट इनटेक के लिए जिम्मेदार होते हैं। अध्ययन से एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि पेरीऑव्यूलेटरी फेज के दौरान महिलाओं में नमक के प्रति क्रेविंग्स बढ़ जाती है, जब एन्डोजेनस हार्मोन्स का स्तर अधिक होता है और मेन्स्ट्रूअल फेज (menstrual phase) के दौरान कम हो जाता है, जब इन हार्मोन्स का स्तर कम होता है।

गर्भधारण करने का सही समय

इसका मतलब यह है कि जब आपमें नमक या नमकीन चीजों को खाने की तीव्र इच्छा उठती है, तो इससे यह पता चलता है कि आप अभी-अभी ओव्यूलेशन से गुजरी हैं या फिर आपके ओवरी से अंडे रिलीज हुए हैं। ऐसे में, अगर आप मां बनने की योजना बना रही हैं, तो अपने पार्टनर के साथ एक रोमांटिक रात बिताने की योजना बना सकती हैं। इससे शुक्राणु (sperm) को अंडों के साथ मिलने में आसानी होगी, जिससे आपके गर्भधारण करने की संभावना बढ़ जाएगी। तो, जब भी आप मां बनने की योजना बनाएं, अपने सॉल्ट क्रेविंग्स पर भी नजर रखें, खासकर अपने मेन्स्ट्रूअल फेज के समय। हालांकि, ओव्यूलेशन को समझने के लिए सिर्फ अपने क्रेविंग्स पर ही निर्भर रहना ठीक नहीं, इसके अन्य लक्षणों पर भी नजर जरूर रखें वरना आपके मां बनने की योजना पर पानी भी फिर सकता है।