कुछ महिलाओं को गर्भपात की घटना से बार-बार जूझना पड़ता है। जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी से कम से कम 20 हफ्ते से पहले तीन या अधिक बार गर्भपात हो चुका है, उन्हें एक्सपर्ट की सलाह लेने की जरूरत है। बार-बार गर्भपात होने की स्थिति को चिकित्सकीय भाषा में रिकरंट मिसकैरेज (Recurrent Miscarriage) कहा जाता है। दरअसल, महिलाओं में रिकरंट मिसकैरेज BOH (Bad Obstetric History) के कारण यानी पूर्व प्रसूती इतिहास खराब होने की वजह से होता है। जसलोक, लीलावती और हिंदुजा अस्पताल में गायनोकोलॉजिस्ट और इनफर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉक्टर रिशमा पाई का कहना है कि, 'ऐसी स्थिति में महिलाओं समस्याओं के सटीक कारण का पता लगाने के लिए उसकी पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए। गर्भपात जल्द होने के सबसें आम कारणों में बच्चे की अनुवंशिक समस्या भी शामिल है। भ्रूण के विकास दौरान क्रोमोसोमल संबंधी समस्याओं से बच्चे का सर्व सामान्य विकास नहीं हो पाता।'
विशेषज्ञ के मुताबिक, गर्भाशय की इस स्थिति (रिकरंट मिसकैरेज) का निदान सोनोग्राफी द्वारा किया जाता है, जिसका उपयोग ब्लाइटेड ओवम (गर्भाशय के अंदर गर्भ न रहना) या मिस्ड गर्भपात के निदान के लिए होता है, जिसमें कुछ हफ्ते भ्रूण का सामान्य विकास तो हो जाता है, मगर अचानक से बच्चे का दिल धड़कना बंद हो जाता है। ऐसे गर्भपात में कोई लक्षण या सूचना नहीं मिलती, यह केवल सोनोग्राफी से पता चलता है कि गर्भ जीवित है या नहीं। इस कारण से, भ्रूण और संबंधित माता-पिता का अनुवंशिक स्तर (कैरियोटाइपिंग) का परीक्षण करना पड़ता है।
आजकल, हम एक साधारण रक्त परीक्षण से रोग प्रतिरोधक समस्याओं का निदान कर सकते हैं। जिन महिलाओं का शरीर गर्भ को स्वीकार नहीं कर पाता है, और गर्भावस्था दौरान भ्रूण पराया मानकर गिराने की कोशिश करता हैं, उनका उचित उपचार रक्त में आसानी से घुल जाने वाली गोलियों और इंजेक्शन के माध्यम से किया जा सकता है।
गर्भावस्था से पहले सभी परीक्षण और निदान करना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि जल्द से जल्द उनका इलाज किया जा सके और आपके लक्ष्य के करीब आप सफलतापूर्वक प्रयास कर सकेंगी।
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