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एक प्रेगनेंट महिला को काफी देखभाल की ज़रूरत पड़ती है। क्योंकि आपके शरीर में एक खूबसूरत बदलाव होने वाला हैं और आपका शरीर खुद का विस्तार करने जा रहा है। इसलिए योग एक्सपर्ट राधिका सेहरा बता रही हैं कुछ योगासन जो करेंगे मदद लेबर पेन से राहत दिलाने में जिससे आप एक नई जिंदगी को खुशी-खुशी इस जिंदगी में ला सकेंगी।
सुप्त बद्ध कोणासन- लेबर शुरू होने पर आमतौर पर महिलाओं की जांघ की मांसपेशियां अकड़ जाती हैं, और ऐसी स्थिति में डॉक्टर सी सेक्शन का फैसला करते हैं। सुप्त बद्ध कोणासन आपके पेल्विक मसल्स को मज़बूत बनाता है और लेबर के दर्द से राहत दिलाता है।
सुप्त बद्ध कोणासन के अभ्यास का तरीका
योग मैट पर बैठ जाएं और अपने पैरों को सामने की तरह फैलाएं। आपके पैर की एड़ियां एक-दूसरे के सामने होनी चाहिए। अब पैरों को मोड़ते हुए एड़ियों को एक-दूसरे के पास रखें। अब पीछे की तरफ मुड़े और अपनी कोहनियों को ज़मीं पर रखें। कोहनियों को आराम देने के लिए आप कम्बल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अब अपनी पीठ को धीरे-धीरे नीचे ले जाएं और कुछ देर इसी स्थिति में रहें। इस मुद्रा से बाहर निकलने के लिए, अपने शरीर को दाहिनी तरफ मोड़ें और धीरे-धीरे बैठने की कोशिश करें। उठने के लिए हाथों का सहारा भी ले सकते हैं।
उत्थित त्रिकोणासना- लेबर के दौरान पेल्विक एरिया की मांसपेशियों और ग्लूटेस मिडीयस (gluteus medius) पर काफी दबाव पड़ता है। उत्थित त्रिकोणासना इन मांसपेशियों को मज़बूत बनाने का काम करता है।
उत्थित त्रिकोणासना के अभ्यास का तरीका
अपने दोनों पैरों के बीच दो फीट की दूरी रखते हुए खड़े हो जाएं। धीरे-धीरे सांस लेते हुए, अपना बायां हाथ ऊपर की ओर उठाएं। अपने दाहिने हाथ को दाहिने पैर पर सहारे के लिए रखें। 3 से 10 सेकंड के इसी स्थिति में रहें और सांसें छोड़ते हुए बायां हाथ धीरे-धीरे नीचे ले आएं। अपनी सुविधानुसार दोहराएं।
बद्ध कोणासन- यह योगासन आपकी जांघों के अंदर वाले हिस्सों और हिप्स के जोड़ों की स्ट्रेचिंग होती है, साथ ही लेबर पेन कम होता है। इस योगासन के अभ्यास के परिणामस्वरुप डिलिवरी के समय आप शांत रहती हैं। प्रेगनेंसी के 4 महीनों के बाद वाले समय यानि दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर का समय बद्ध कोणासन के अभ्यास का सबसे बेहतर समय है।
बद्ध कोणासन के अभ्यास का तरीका
अपनी पीठ के नीचले हिस्से में एक तकिया रखें, और पैर फैलाकर योग मैट पर बैठें। सांस खींचें और पैर मोड़कर अपनी एड़ियों को एक-दूसरे से जोड़ें। पीठ सीधी रखते हुए आरामदायक मुद्रा में बैठें। कुछ देर तक सांस खींचकर इसी स्थिति में रहें। कुछ दिनों के अभ्यास के बाद, धीरे-धीरे आप अपने पैरों को अपने शरीर के पास ला सकेंगे और तितली के पंखों की तरह अपने पैरों को ऊपर-नीचे घुमाएं।
मर्जरीआसन- इस आसन के अभ्यास से लेबर के दौरान आपकी रीढ़ की हड्डी पर पड़नेवाले तनाव से राहत मिलती है। यह आसन आपके हैमस्ट्रिंग की स्ट्रेचिंग होती है और पीठ के निचले हिस्से के दर्द से राहत मिलती है।
मर्जरीआसन के अभ्यास का तरीका
योगा मैट पर अपने घुटने के नीचे सपोर्ट के लिए एक तकिया रखें। अपने हाथ पैरों को नीचे की ओर छुकाएं। अपने हाथों को कंधों के पीछे वाले हिस्से या शोल्डर ब्लेड पर रखें। धीरे से सांस खींचें और अपने सिर को छत की ओर उठाएं। अपनी पीठ के निचले हिस्से की मदद से एक घुमाव बनाएं। सांस छोड़ते हुए मुद्रा से बाहर आएं।
प्राणायाम- सही तरीके से सांसें लेना भी आपका तनाव कम करता है, आपको शक्ति प्रदान करता है और आपके बच्चे के विकास में मदद करता है। पर्याप्त मात्का में ऑक्सिज़न मिलने से से बच्चे की सेहत और चेतना बेहतर होती है। यह डिलिवरी के समय बच्चे की मां के लिए भी फायदेमंद साबित होता है।
प्राणायाम के अभ्यास का तरीका
किसी आरामदायक मुद्रा में पालथी मारें या सीधे खड़े हों। अपने पूरे शरीर, ठुड्डी, हाथों, घुटनों, हिप्स और कंधों को रिलैक्स होने दें। धीरे-धीरे एक गहरी सांस लें, और कुछ देकर उसे रोके रखें। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें। मुंह पूरी तरह से खोलें और 5 तक की गिनती करते हुए हवा भरें। अब मुंह बंद करें और प्राणायाम करें। एक बार में 5 बार दोहराएं।
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अनुवादक-Sadhna Tiwari
चित्रस्रोत- Getty images.