प्रेगनेंसी में ट्रेवल करना मुश्किल हो सकता है। इससे आपको थकान, परेशानी और कमजोरी महसूस हो सकती है। सफर में थकान, घबराहट और बेचैनी होने पर आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है जिससे भ्रूण को ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। इसलिए खुद की और भ्रूण की सुरक्षा के लिए सबसे बेहतर उपाय है कि लंबी यात्रा पर जाने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इतना ही नहीं अगर आप रोजाना दो से तीन घंटे का सफर करती हैं, तो भी डॉक्टर से सलाह लें।
प्रेगनेंट महिलाओं को सफर के दौरान खुद को हाइड्रेटेड रखना चाहिए। पहला यात्रा के दौरान डिहाइड्रेटेड रहना प्रेगनेंसी के लिए सही नहीं और दूसरा इससे यात्रा के बाद आपको एडिमा का खतरा भी हो सकता है।
प्रेगनेंसी में एडिमा की समस्या होना आम बात है। इसमें हाथ और पैरों में सूजन हो जाती है। बॉडी में तरल पदार्थ बढ़ने से हाथ और पैरों में सूजन होती है। लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने से इस हानिरहित स्थिति का खतरा हो सकता है। हालांकि वाकिंग से इसे रोकने में मदद मिल सकती है। शरीर से द्रव को बाहर निकालने का एक तरीका पर्याप्त पानी पीना है। इसलिए सफर के दौरान हमेशा पानी साथ रखें।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
इसके अलावा लंबा सफर करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि खाली पेट ना रहें। इससे आप घबराहट महसूस कर सकती हैं, जो कि घातक हो सकता है। अपने साथ नट्स या प्रोटीन बार रखें और अगर संभव हो, तो कभी अकेले सफर ना करें। इसके अलावा आरामदायक जूते पहनें, जिससे चलते समय आपको चोट ना लगे। अपने बैग में एमरजेंसी नंबर रखें, ताकि जरूरत के समय परेशानी ना हो। अपने डॉक्टर से चर्चा किये बिना लॉन्ग डिस्टेंस की यात्रा पर ना जाए।
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अनुवादक – Usman Khan
चित्र स्रोत - Shutterstock
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