सीने में जलन सी महसूस होना एक बड़ी परेशानी है और इसका हमारे दिल से कोई लेना-देना नहीं है। बहुत सी महिलाएं इस परेशानी का शिकार होती है, खासकर प्रेगनेंसी में उन्हें ये स्थिति असहज बनाने का काम करती है। वे महिलाएं, जो इस समस्या का शिकार होती हैं उनके मन में पहला सवाल यही उठता है कि आखिर इसे कैसे रोका जा सकता है। इसे रोकने के साथ-साथ आपको इसका भी ख्याल रखना होता है कि बच्चे को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। आइए जानते हैं प्रेगनेंसी में किन कारणों से सीने में जलन होती है और आप इसे कैसे रोक सकते हैं।
सामान्य पाचन प्रक्रिया के दौरान हम जो भी चीज खाते हैं वो सबसे पहले एसोफैगस (हमारे मुंह और पेट के बीच की ट्यूब) से गुजरते हुए मस्कुलर वॉल्व नाम के लोअर एसोफैगल स्पिंफक्टर्स तक पहुंचता और उसके बाद हमारे पेट में जाता है। लोअर एसोफैगल स्पिंफक्टर्स हमारे फूड पाइप और पेट के बीच के द्वार का एक हिस्सा है। ये फूड को अंदर जाने की इजाजत देता है और पेट के एसिड को वापस आने से रोकता है।
जब आप सीने में जलन या फिर एसिड रिफलक्स की परेशानी का शिकार होते हैं तो लोअर एसोफैगल स्पिंफक्टर्स आपके पेट के एसिड को फूड पाइप में बढ़ने की इजाजत देता है। इसकी वजह से सीने के आस-पास के हिस्से में दर्द और जलन होने लगती है।
इसके अलावा प्रेगनेंसी की दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान भ्रूण का आकार भी बढ़ रहा होता है और आपका यूट्रस इस वृद्धि को जगह देने के लिए बढ़ रहा होता है, जिसकी वजह से आपके पेट पर दबाव पड़ने लगता है। इस कारण से भी आपके फूड पाइप में खाना और एसिड वापसी आ जाता है।
अधिकतर लोगों को सीने में जलन होना आम माना जाता है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आप गर्भवती हैं। हालांकि अगर आपको दूसरे लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं जैसे पीरियड्स का मिस होना, मतली होना तो आपको निश्चित तौर पर प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान सीने में जलन और एसिड रिफलक्स की समस्या का खतरा बढ़ जाता है। पहली तिमाही के दौरान आपके फूड पाइप की मांसपेशियां खाने को पेट में धीरे-धीरे आगे बढ़ाने का काम करती हैं और आपके पेट को खाली होने में ज्यादा समय लगता है। इस वजह से आपके शरीर को भ्रूण के लिए पोषक तत्वों को अवशोषितकरने में अधिक वक्त लगता है लेकिन इसकी वजह से आपको सीने में जलन महसूस होने लगती है।
वहीं तिसरी तिमाही के दौरान आपका बेबी बढ़ जाने से आपका पेट अपनी सामान्य स्थिति से बाहर निकल जाता है, जिसकी वजह से भी सीने में जलन होने लगती है। हालांकि हर महिला का शरीर अलग होता है। गर्भवती होने का मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि आपको सीने में जलन होगी ही होगी। ये कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें आपका शारीरिक आकार, डाइट, रोजाना की आदतें और आपकी प्रेगनेंसी भी शामिल है।
गर्भावस्था के दौरान सीने में जलन से राहत पाने के लिए आपको कुछ ट्रायल करने की जरूरत होती है। जीवनशैली की आदतें सीने में जलन को कम करने का काम करती हैं और अक्सर मां व बच्चे के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं। आइए जानते हैं सीने में जलन से राहत पाने के लिए कुछ आसान टिप्सः
1-थोड़ा-थोडा खाएं लेकिन बार-बार खाएं। खाना खाते वक्त पानी पीने से बचें। आप चाहें तो खाना खाने से आधा घंटा पहले पानी पीने की कोशिश करें।
2-धीरे-धीरे खाएं और चबा-चबाकर ही खाएं।
3-सोन से पहले कुछ भी खाने से बचें और ऐसे फूड्स व ड्रिंक्स का सेवन न करें, जो सीने में जलन पैदा करते हों।
4-चॉकलेट, फैटी फूड्स, मसालेदार फूड्स, खट्टे फल जैसे एसिडिक फूड्स और टमाटर से बने उत्पाद के साथ-साथ कैफीन के सेवन से बचें।
5-खाना खाने के कम से कम एक घंटे तक खड़े रहें या फिर चलते रहें। हल्का-फुल्का टहलना भी पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
6-ज्यादा चुस्त कपड़े न पहनें, हमेशा ढीले ढाले कपड़े ही पहनें।
7-हेल्दी वजन बनाएं रखें।
8-सोते वक्त शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर रखें, जिसकी लिए तकिया लगाकर सोने की कोशिश करें।
9-जब भी सोएं तो बाई ओर सोने की कोशिश करें। दरअसल दाईं तरफ सोने से आपका पेट आपके फूड के मुकाबले ज्यादा ऊंचा हो जाता है, जिसकी वजह से सीने में जलन होने लगती है।
10-खाना खाने के बाद बिना शुगर वाली टॉफी या फिर गम चबा सकती है। ये आपकी लार को बढ़ाने का काम करेगा और एसिड को वापस फूड पाइप में आने से रोकेगा।
11-दही या फिर एक गिलास दूध इसके लक्षणों को शुरू होने से पहले ही खत्म कर सकता है।
12-एक्यूपंक्चर और आराम पहुंचाने वाले वैक्लपिक तरीके उपलब्ध होते हैं। आराम पहुंचाने वाले तरीकों में शामिल हैं योग, मांसपेशियों में आराम शामिल है। हालांकि आपको किसी भी उपचार के नए तरीके को आजमाने से पहले डॉक्टर से बात जरूर करनी चाहिए।
अगर आपको सीने में जलन हो रही है तो अक्सर आपकी रात की नींद खराब हो सकती है और आपकी आंख खुल सकती है। लेकिन एंटासिड का सेवन आपको आराम पहुंचाने में मदद करता है। सीने में जलन के साथ-साथ एसिड रिफलक्स की वजह से आपको खांसी, निगलने में दिक्कत, वजन का कम होने जैसे लक्षण दिखाई दें तो आपको अधिक रूप से अपनी सेहत का ख्याल रखने की जरूरत होती है। आपका डॉक्टर लक्षणों को देखकर इस रोग का निदान कर सकता है। अगर आप GERD का शिकार हैं तो आपको सीने में जलन वाले लक्षण को कंट्रोल करने की जरूरत है ताकि फूड पाइप को किसी प्रकार का कोई नुकसान न पहुंचे।
आपका डॉक्टर लक्षणों को कम करने के लिए एसिड को कम करने वाली दवाओं की सलाह दे सकता है। H2 ब्लॉकर्स माम की दवा एसिड को बनने से रोकने का काम करती है और सुरक्षित मानी जाती है।
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