गर्भावस्था जैसा सुखदायक और मधुर अनुभूति दूसरा कुछ हो ही नहीं सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बहुत प्रकार के शारीरिक समस्याओं से गुजरना पड़ता है। इन नौ महीनों के अंतराल में मानसिक और शारीरिक अनेक प्रकार के बदलाव होते हैं। इन बदलाव का प्रभाव मन पर भी पड़ता है, जिसके फलस्वरूप कुछ महिलाओं में चिड़चिड़ापन, अवसाद की अवस्था भी उत्पन्न हो जाती है।
योग के मदद से आप नैचरल तरीके से इस अवस्था से बाहर निकल सकते हैं। योग एक ऐसा साधन है जिसके मदद से आप गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भी रह सकते हैं और प्रसव के दौरान कोई समस्या उत्पन्न होने की संभावना भी कम हो जाती है। यहाँ तक कि प्रेगनेन्सी के बाद आप योग के मदद से आसानी से पहले जैसा स्लिम ट्रीम फिगर भी पा सकते हैं।
एक अध्ययन में पाया गया है कि अवसाद झेल रही गर्भवती महिलाओं में मानसिक घबराहट की कठिनाई को घटाने में योग मदद कर सकता है। मध्यम से सामान्य अवसाद झेल रही महिला में योग का अभ्यास संभव, स्वीकार्य, सुरक्षित और प्रभावी है।
वरिष्ठ लेखक और ब्राउन विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान एवं मानवीय व्यवहार के सहायक प्रोफेसर कैंथिया बैटले ने कहा, 'विकल्प की एक विस्तृत श्रंखला विकसित करने का प्रयास किया जाना एक वास्तविकता है। यह सभी गर्भावस्था के दौरान इस प्रकार के लक्षणों का सामना करती हैं उन महिलाओं के अनुकूल होगा।' अध्ययन के लिए टीम ने उच्च अवसाद लक्षणों वाली 34 गर्भवती महिलाओं की भर्ती की है।
महिलाओं ने प्रसव-पूर्व योग वर्ग के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यह वर्ग पंजीकृत योग प्रशिक्षकों द्वारा आयोजित किया गया था।
स्रोत: IANS Hindi
चित्र स्रोत: Getty images
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