Ways to manage High BP during pregnancy: गर्भावस्था में ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखना महत्वपूर्ण है। प्रेगनेंसी के दौरान कई महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। यह स्थिति गर्भवती महिला और उसके बच्चे दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। हाई ब्लड प्रेशर (side effects of high blood pressure during pregnancy) के चलते ना केवल प्रेगनेंसी बल्कि बच्चे के जन्म के बाद भी कई प्रकार की कॉम्प्लिकेशन्स हो सकती हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स के अनुसार हाई बीपी की स्थिति को कुछ बातों का ध्यान रखकर कंट्रोल भी किया जा सकता है और इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। इस लेख में पढ़ें प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर लेवल्स के नुकसान, गर्भ में पल रहे बच्चे पर हाई बीपी के प्रभाव और गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर मैनेज करने के उपायों के बारे में। (ways to manage High BP during pregnancy)
यह स्थिति तब बनती है जब ब्लड प्रेशर लेवल्स हाई हो जाते हैं। इस स्थिति में अगर यूरीन में प्रोटीन या किडनी से जुड़ी कोई समस्या नहीं पायी जाती तो इसे जेस्टेशनल हाइपरटेंशन (Gestational Hypertension) कहा जाता है। आमतौर पर प्रेगनेंसी के 20वें सप्ताह यानि दूसरे ट्राईमेस्टर की शुरूआत के बाद इसका पता चलता है। कई बार डिलीवरी से कुछ समय पहले भी इसका पता चलता है। आमतौर पर जेस्टेशनल हाइपरटेंशन बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो जाता है। वहीं, कुछ महिलाओं में आगे चलकर क्रोनिक हाइपरटेंशन की समस्या का रिस्क (risk of developing chronic hypertension) भी बढ़ जाता है।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से हाई बीपी की स्थिति को कंट्रोल करने में मदद हो सकती है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को इन बातों का भी ख्याल रखना चाहिए-
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