Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
Couvade Syndrome : मां-बाप बनना हर एक कपल्स की जिंदगी का सबसे सुखद अनुभव होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई शारीरिक बदलाव से गुजरना पड़ता है। ऐसा सिर्फ महिलाओं में ही नहीं, बल्कि पुरुषों पर भी प्रेग्नेंसी का असर दिखता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को प्रेग्नेंसी के अलग-अलग फेज के लक्षण दिखते हैं। सिरदर्द, सांस लेने में परेशानी, कब्ज, मिसिंग पीरियड्स, बैचेनी, नींद में परेशानी जैसी बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं, बहुत से ऐसे पुरुष हैं, जिन्हें भी अपनी पत्नी के साथ इन सभी चीजों का अनुभव होता है, जिसका असर उनके शरीर पर दिखता है। इसे कौवेड सिंड्रोम (Couvade Syndrome) कहा जाता है।
कौवेड सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जिसमें साथी पुरुष एक मां के समान कुछ समान लक्षणों और व्यवहारों का अनुभव करता है। इसमें कुछ खास लक्षण शामिल हैं। जैसे- वजन बढ़ना, हार्मोन के स्तर में बदलाव, सुबह की मिचली और नींद के पैटर्न में बदलाव और स्ट्रेस महसूस होता है।
कौवेड सिंड्रोम (Couvade Syndrome) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पिता मां के समान ही प्रेग्नेंसी के लक्षणों को अनुभव करता है। ये बात सुनने में बहुत ही अलग लग रहा होगा। लेकिन ये सच है। कुछ लोगों में पिता बनने की एंग्जायटी उन्हें इतना परेशान करती है कि वे ऐसे लक्षण अनुभव करने लगते हैं। हालांकि, इस सिंड्रोम पर अभी तक कोई ठोस शोध नहीं हुए हैं। लेकिन कुछ अध्ययनों के आधार पर इन लक्षणों को देख गया है।
जब एक पुरुष अपनी पत्नी के साथ बहुत ही जुड़ा होता है, तो गर्भावस्था के दौरान उसकी भागदारी बढ़ जाती है। वे मां के गर्भ में बढ़ते बच्चे के दिल की धड़कन को सुनकर खुश होता है। उन्हें बच्चे की हलचल महसूस होती है। वे बच्चे के जन्म की तैयारियों में भाग लेता है। अपनी पत्नी की बार-बार स्त्री रोग विशेषज्ञ से जांच कराना। बच्चे के साथ ज्यादा लगाव दिखाना।
गर्भधारण ना करने के कारण कुछ व्यक्तियों में ईर्ष्या की भावना होने लगती है। उन्हें लगता है कि उसकी पत्नी मां बन सकती है, लेकिन वो क्यों नहीं बन सकता है। इस दौरान उनके मन में बहुत सारे ईर्ष्या वाली फिलिंग्स आ सकते हैं, जो व्यक्ति को रह-रह कर परेशान कर सकता है।
गर्भवती साथी में हो रहे शारीरिक और मानसिक तनाव का दोषी मानना। इसका जिम्मेदार खुद को मानना। उनके मन में इस दौरान कई चीजों को लेकर प्रश्न उठ सकते हैं। साथी की परेशानी उन्हें काफी परेशान करती है।
कौवेड सिंड्रोम के कारण पुरुषों के हार्मोन में कुछ उतार-चढ़ाव होने लगते हैं। इस दौरान पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का लेवल घटता-बढ़ता रह सकता है। इसलिए पुरुषों को अपनी चीजों का खास ख्याल रखना चाहिए।
मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, कौवेड-संबंधी लक्षण अधिक चिंता के कारण नजर आते हैं। क्योंकि डैड-टू-बी विशेष रूप से जो पहली बार पिता बनने वाले होते हैं, वे मॉम-टू-टू दोनों को समान तनावों का अनुभव करने लगते हैं। इसलिए उन्हें अपने अनुभवों को एक दूसरे के साथ शेयर करना चाहते हैं, ताकि चीजें आसान हो सकें।
अपनी पत्नी के साथ खुलकर बात करें। इस सिंड्रोम से निपटने के लिए वे आपकी मदद कर सकती हैं। यही बात महिलाओं पर भी लागू होती है। साथ ही सही खान-पान और संतुलित जीवन जीना भी पुरुषों को इस कौवेड सिंड्रोम से निपटने में मददगार साबित हो सकता है।
प्रेगनेंसी में तरबूज खाने से इन समस्याओं से मिलता है छुटकारा, रखें इस बात का ख्याल
Pregnancy Tips: लॉकडाउन में गर्भवती महिलाएं रहें स्ट्रेस फ्री, घर पर अपनाएं ये आसान से टिप्स
Cough and Cold in Pregnancy: प्रेग्नेंसी में सर्दी जुकाम से हैं परेशान, अपनाएं ये घरेलू उपाय
Coronavirus Pregnancy: क्या गर्भवती महिला से गर्भ में पल रहे बच्चो को हो सकता है कोरोना वायरस खतरा?