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आपकी प्रेगनेंसी को कंफर्म करेंगे ये 3 टेस्ट!

आपकी प्रेगनेंसी को कंफर्म करेंगे ये 3 टेस्ट!

बहुत आसान है प्रेगनेंसी का पता लगाने के टेस्ट!

Written by Editorial Team |Updated : January 4, 2017 6:08 PM IST

अगर आप असुरक्षित सेक्स के बाद पीरियड मिस हो जाने से परेशान हैं तो बेहतर रहेगा कि आप किसी प्रेगनेंसी टेस्ट से अपनी परिस्थिति के बारे में जान लें। आप होम प्रेगनेंसी टेस्ट या ब्लड व यूरीन टेस्ट करवा सकती हैं। यहां हम आपको ऐसे ही कुछ टेस्ट के बारे में बता रहे हैं।

कैसे करते हैं काम प्रेगनेंसी टेस्ट

फर्टिलाइज़ेशन के 6 से 12 दिनों के बाद, गर्भाशय में फर्टिलाइज़्ड एग का इंप्लांटेशन होता है। फर्टिलाइज़्ड एग की कोशिकाओं के द्वारा आपके शरीर में जल्दी-जल्दी ह्यूमन कोरिऑनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) बनते हैं। प्रेगनेंसी के शुरुआती हफ्तों में ये हर दूसरे तीसरे दिन दोगुने हो जाते हैं और 8-12 हफ्ते में पीक पर पहुंच जाते हैं। प्रेगनेंसी टेस्ट इस हार्मोन का यूरीन और ब्लड में पता लगा लेता है। अल्ट्रासोनोग्राफी द्वारा भी प्रेगनेंसी का पता लगाया जा सकता है।

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प्रेगनेंसी टेस्ट के प्रकार

आप इन तीन टेस्ट से जान सकती हैं कि आप प्रेगनेंट हैं:

1) यूरीन टेस्ट

यूरीन टेस्ट डॉक्टर की क्लीनिक या घर दोनों जगह किया जा सकता है। होम यूरीन टेस्ट सबसे सुविधाजनक होता है और 97% इसके परिणाम ठीक निकलते हैं। कुछ बहुत अधिक सेंसिटिव प्रेगनेंसी टेस्ट किट्स आपके पीरियड्स मिस करने के पहले दिन ही डिटेक्ट कर सकते हैं फिर ठीक परिणाम जानने के लिए ये सलाह दी जाती है कि पीरियड मिस करने के एक हफ्ते बाद टेस्ट कराया जाए। ये टेस्ट सुबस करना चाहिए जब यूरीन बहुत कॉन्सेंट्रेटिड होता है। ये बहुत जरूरी है कि टेस्ट किट पर लिखे निर्देशों का पालन किया जाए। किट में टेस्ट स्ट्रिप या डिपस्टिक हो सकती है। टेस्ट स्ट्रिप को यूरीन की धार पर रखना चाहिए और डिपस्ट्रिक को यूरीन सेंपल में डुबाना चाहिए। अगर आप प्रेगनेंट हैं तो टेस्ट स्ट्रिप या डिपस्ट्रिक रंग बदल लेता है।

कुछ किट में वेल्स के साथ टेस्ट डिवाइस हो सकता है। आपको एक कप में यूरीन जमा करके फिर ड्रॉपर की मदद से वेल पर यूरीन की कुछ बूंदे टपकानी होती हैं। दूसरे वेल्स में बदल रहा रंग ये संकेत करता है कि आप प्रेगनेंट हैं। अगर आप प्रेगनेंट नहीं हैं, वक्त से पहले टेस्ट कर रही हैं या फिर गलत तरीके से टेस्ट किया है तो नेगेटिव में परिणाम आ जाएंगे। इसलिए, अपने होम टेस्ट के परिणाम को डॉक्टर से कंसल्ट करें।

गलत नेगेटिव टेस्ट

कई बार ऐसा भी होता है कि आप असल में प्रेगनेंट होती हैं लेकिन टेस्ट दिखाता है कि आप प्रेगनेंट नहीं है। ऐसा तब होता है जब आप टेस्ट बहुत जल्दी कर लेती हैं। एचसीजी हार्मोन इंप्लांटेशन से पहले डिटेक्ट नहीं किया जा सकता जो कि अण्डोत्सर्ग से 6 से 12 दिनों के बाद होता है। कम सेंसिटिव यूरीन टेस्ट दो चार दिन और अधिक ले सकते हैं। अण्डोत्सर्ग का दिन बहुत अनिश्चित बोता है और ये हर चक्र में अलग दिन हो सकता है। अगर आपको और आइडिया चाहिए कि टेस्ट कब का जाए तो अलग अलग टाइप के किट का इस्तेमाल करें।

गलत पॉजिटिव टेस्ट

अगर आप गलत टेस्ट करती हैं, बताए गए रिऐक्शन टाइम से 3-5 मिनट देरी से देखती हैं, ऐक्सपायरी डेट वाली किट का इस्तेमाल करती हैं या फिर आपको इंफर्टिलिटी ट्रीटमेंच के दौरान एचसीजी एंजेक्शन दिया गया है तो आपको गलत पॉजिटिव टेस्ट परिणाम मिल सकते हैं। खासतौर पर कैंसर और कुछ और ऐसी बीमारियों से पीड़ित महिलाओं के मामले में ऐसा देखा गया है जिसमें एससीजी स्तर ऊंचा हो सकता है।

2) ब्लड टेस्ट

ब्लड टेस्ट से यूरीन टेस्ट से अधिक सही और जल्दी निकलते हैं, फिर भी इस तरीके का इस्तेमाल कम ही होता है। डॉक्टर की क्लिनिक या लैब में किया गया ब्लड टेस्ट अंडोत्सर्ग के 6-7 दिन बात प्रेगनेंसी का पता लगा सकता है। हालांकि परिणाम आने में थोड़ा ज्यादा वक्त लगता है। तीन प्रकार के ब्लड प्रेगनेंसी टेस्ट होते हैं:

क्वालिटेटिव एचसीजी टेस्ट – पीरियड मिस करने के 10 दिन के एंदर ये एचसीजी की मौजूदगी या गैरमौजूदगी का पता लगाकर सुनिश्चित कर सकती हैं कि आप प्रेगनेंट हैं या नहीं। यह इंप्लांटेशन के तीन या चार दिन बाद प्रेगनेंसी का पता नहीं लगा सकता।

क्वांटिटेटिव एचसीएच टेस्ट – इसमें एचसीजी की मात्रा नी जाती है, भले ही आपके खून में इसका स्तर बहुत कम हो। एक्टोपिक प्रेगनेंसी प्रकार की समस्याओं का इस टेस्ट से पता लगाया जा सकता है।

अर्ली प्रेगनेंसी फेक्टर (इपीएफ) : फर्टिलाइजेशन के 48 घंटों के अंदर, अर्ली प्रेगनेंसी फेक्टर (इपीएफ) कहलाने वाले एक प्रोटीन का निर्माण होता है। ब्लड में इस प्रोटीन का पता लगाने से सबसे पहले प्रेगनेंसी का पता लगाया जा सकता है लेकिन ये काफी महंगा है और इसमें टाइम लगता है।

3) अल्ट्रासोनोग्राफी

आपके आखरी मेंस्ट्रुअल पीरियजड (एलएमपी) के साढ़े चार हफ्तों के बाद अल्ट्रासोनोग्राफी का इस्तेमाल आपके गर्भ के भ्रूण को देखने के लिए किया जाता है। ये आपको बता सकता है कि आपको प्रेगनेंसी का कितना वक्त हुआ है और आपका बच्चा कितना स्वस्थ है। एलएमपी के सात हफ्तों के बाद आप अपने बच्चे की दिल की धड़कन भी सुन सकती हैं।

मूल स्रोत : 3 tests to confirm your pregnancy!

अनुवादक : Shabnam Khan

चित्र स्रोत : Getty Images


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